रूस और ईरान से तेल खरीदकर चीन को बंपर मुनाफा
११ अक्टूबर २०२३रूस, ईरान और वेनेजुएला ऐसे तेल उत्पादक देश हैं, जिनपर पश्चिमी देशों ने आर्थिक प्रतिबंध लगाए हुए हैं. इन देशों से रिकॉर्ड मात्रा में तेल खरीदकर चीन को इस साल करीब 1,000 करोड़ डॉलर की बचत हुई है.
इसका मतलब है कि अमेरिका समेत पश्चिमी देशों द्वारा कुछ देशों पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों से चीन को काफी फायदा हुआ है. उसके लिए तेल आयात करना सस्ता हो गया है. कारोबारियों और जहाज की ट्रैकिंग करने वालों से मिले आंकड़ों के आधार पर न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने यह जानकारी दी है. चीन, पश्चिमी देशों द्वारा लगाए जाने वाले प्रतिबंधों की आलोचना करता रहा है.
पहले से ज्यादा तेल खरीद रहा है चीन
2023 के शुरुआती नौ महीनों में चीन ने ईरान, रूस और वेनेजुएला से हर दिन 2.765 मिलियन बैरल तेल मंगवाया, जो कि एक रिकॉर्ड है. 2023 में जनवरी से सितंबर के बीत चीन ने जो निर्यात किया, उसमें इन तीनों देशों की हिस्सेदारी करीब एक चौथाई है. 2022 में यह करीब 21 फीसदी था और 2020 में 12 फीसदी.
जनवरी से सितंबर 2023 की अवधि में रूस ने चीन को समंदर के रास्ते 13 लाख बीपीडी (बैरल पर डे) तेल की आपूर्ति की. इसके अलावा चीन ने ईस्टर्न साइबेरिया-पैसिफिक ओशन ऑइल पाइपलाइन (ईएसपीओ) के जरिए भी आठ लाख बीपीडी का आयात किया. तेल आयात के मामले में इन तीनों देशों ने चीन के लिए मध्यपूर्व, पश्चिमी अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका जैसे वैकल्पिक उत्पादकों और निर्यातकों की जगह ले ली है.
तेल खरीद पर चीन को हो रही बचत के संदर्भ में रॉयटर्स की समीक्षा तुलनात्मक है. इसमें तुलना की गई है कि अगर चीनी आयातक इसी ग्रेड का तेल रूस, ईरान और वेनेजुएला से ना खरीदकर, ऐसे उत्पादक देशों से खरीदते जिनपर आर्थिक प्रतिबंध नहीं है, तो उसकी लागत क्या आती.
प्रतिबंधित देशों को भी फायदा
चीन, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता और रिफाइनर है. सस्ते आयात के कारण यहां तय समय में हुए उत्पादन और मुनाफे को जोर मिला है. इससे ना केवल छोटे स्तर के ऑपरेटरों को फायदा पहुंचा है, बल्कि डीजल और पेट्रोल निर्यात करने वाले सरकारी रिफाइनरियों को भी लाभ हो रहा है.
यह व्यवस्था चीन के साथ-साथ रूस, ईरान और वेनेजुएला की सरकारों के लिए भी जीवनरेखा का काम कर रही है. आर्थिक प्रतिबंधों और निवेश में कमी के कारण लुढ़की उनकी अर्थव्यवस्था को चीन की तेल खरीद से बड़ी मदद मिल रही है. इस संबंध में पूछे गए रॉयटर्स के सवालों पर चीन के विदेश मंत्रालय ने फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. हालांकि अपने बयान में उसने दोहराया कि चीन, एकतरफा आर्थिक प्रतिबंधों के खिलाफ है.
एसएम/एनआर (रॉयटर्स)