गर्भपात पर अंकुश लगाएगा चीन
१६ अगस्त २०२२चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने कहा है कि कर और बीमा व्यवस्था से लेकर शिक्षा और आवास के क्षेत्रों में भी परिवारों को सहारा देने वाले कदम उठाए जाएंगे. स्थानीय सरकारों को नवजात बच्चों की देखभाल करने वाली सुविधाएं और परिवार के अनुकूल कार्यस्थलों को बढ़ावा देने के लिए कहा जाएगा.
प्राधिकरण ने कहा कि जनता में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रजनन स्वास्थ्य के विषय में जानकारी दी जाएगी और साथ ही "अनचाहे गर्भ से बचने और चिकित्सीय रूप से गैर जरूरी गर्भपात" को भी कम करने के बारे में जागरूकता फैलाई जाएगी.
प्राधिकरण स्थानीय सरकारों को देश की राष्ट्रीय चिकित्सा व्यवस्था में धीरे धीरे असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी को शामिल करने के लिए मार्गदर्शन भी करेगा. उसने कहा कि ये कदम "आबादी के दीर्घकालिक संतुलित विकास" के लिए बेहद जरूरी हैं.
चीन की चिंता
जनसांख्यिकी विशेषज्ञों का कहना है कि ये दिशा निर्देश ऐसे समय में आए हैं जब चीन की कड़ी "जीरो कोविड" नीति की वजह से लोगों के बच्चा पैदा करने की इच्छाओं को गहरा नुकसान पहुंचा है. इस नीति के तहत कोविड के प्रसार को रोकने के लिए लोगों की जिंदगियों पर कड़ी पाबंदियां लगाई गईं.
2021 में चीन की फर्टिलिटी दर 1.16 थी जो दुनिया में सबसे कम दरों में से है और एक स्थायी आबादी के लिए ओईसीडी की आदर्श दर 2.1 से भी नीचे है. जनसांख्यिकी विशेषज्ञों का कहना है कि 1.4 अरब आबादी वाले चीन में इस साल जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या में रिकॉर्ड गिरावट आने का अनुमान है.
2021 में एक करोड़ छह लाख बच्चे पैदा हुए थे, जो 2020 के मुकाबले 11.5 प्रतिशत कम थे. इस साल एक करोड़ से भी कम बच्चों के पैदा होने का अनुमान है. यह संभवतः पहली बार है जब जनसंख्या बढ़ाने के दिशानिर्देशों में गर्भपात को कम करने का जिक्र किया गया है.
गर्भपात सेवाएं कई सालों से आसानी से उपलब्ध रही हैं. 2015 से 2019 के बीच देश में 95 लाख से ज्यादा गर्भपात कराए गए थे. चीन आधिकारिक रूप से स्वीकार कर चुका है कि वो जनसंख्या की दृष्टि से गिरावट के कगार पर है.
सीके/एए (रॉयटर्स)