चीन के निर्यात में दर्ज हुई बड़ी गिरावट
१३ जुलाई २०२३कोविड महामारी के बाद चीन की अर्थव्यवस्था ने पहली तिमाही में तेजी दिखाई लेकिन अब चाल धीमी पड़ चुकी है. विश्लेषक बता रहे हैं कि देश की विकास दर में कमी आने की पूरी संभावना है क्योंकि धीमी वैश्विक मांग को देखते हुए फैक्ट्रियों में उत्पादन कम है. चीन में कस्टम विभाग में प्रवक्ता ल्यो डाल्यांग ने बीजिंग में एक प्रेस कॉन्फ्रेस के दौरान कहा, "वैश्विक अर्थव्यवस्था की कमजोर सेहत, व्यापार और निवेश में आया धीमापन, संरक्षणवाद और भू-राजनीति के चलते ऐसा हुआ है". 2023 में सरकार ने देश के लिए 5 फीसदी विकास दर का लक्ष्य रखा है.
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नियामकों पर दबाव
नीति निर्माता अब इस वास्तविकता का सामना कर रहे हैं जहां 3 फीसदी विकास दर के साथ अर्थव्यवस्था की धीमी रफ्तार से लंबे वक्त तक जूझना पड़ सकता है. अर्थशास्त्री इस तरह के अनुमान लगा रहे हैं और यह पिछले कुछ दशकों में चीनी विकास दर के आधे से भी कम है. जाहिर है कि इससे ऐसा लगता है कि चीन मंदी के दौर में है.
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चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग ने मांग बढ़ाने और बाजार को मजबूत करने के लिए कदम उठाने की बातें की हैं लेकिन कोई ठोस पॉलिसी बनती दिखाई नहीं दी. एक इंवेस्टमेंट फर्म गोटई जुनान इंटरनेशनल में अर्थशास्त्री चाओ हाओ कहते हैं, "भविष्य की बात की जाए तो वर्तमान स्थिति को देखते हुए लगता है कि घरेलू मांग बढ़ाने के लिए नीतिगत सहायता देनी होगी".
एसबी/ओएसजे (रॉयटर्स)