20 साल की सबसे बड़ी मौसमी आपदाएं
पिछले 20 साल की सिर्फ दस सबसे बड़ी मौसमी आपदाओं में लगभग साढ़े पांच लाख लोगों की जान गई है. ये हैं दस सबसे घातक आपदाएं.
2011 का सूखा, सोमालिया
सोमालिया में 2011 के भीषण सूखे से खाने और पानी का संकट हो पैदा हुआ. कुपोषण और बीमारी के चलते 2.5 लाख से अधिक लोग मारे गए, जिनमें अधिकतर छोटे बच्चे थे.
2008 का चक्रवात नरगिस, दक्षिणी म्यांमार
चक्रवात नरगिस ने म्यांमार के इरावदी डेल्टा क्षेत्र में भारी तबाही मचाई. तूफान के कारण गांव तबाह हो गए और 1.38 लाख से अधिक लोगों की जान चली गई, जबकि लाखों लोग बेघर हो गए.
2010 की ताप लहर, पश्चिमी रूस
रूस में अत्यधिक गर्मी और जंगलों में आग ने 55,000 से अधिक लोगों की जान ले ली. इसके कारण वायु प्रदूषण बढ़ा और खेती प्रभावित हुई, जिससे खाने-पीने का संकट भी पैदा हुआ.
2022 में यूरोप में ताप लहर
इटली, स्पेन, जर्मनी, फ्रांस, ग्रीस, रोमानिया, पुर्तगाल और यूके में फैली इस गर्मी की लहर में 53,000 से अधिक मौतें हुईं. अत्यधिक तापमान ने स्वास्थ्य सेवाओं के लिए चुनौती खड़ी की और गर्मी से संबंधित बीमारियां भी बढ़ीं.
2023 में यूरोपीय ताप लहर
2023 में यूरोप में आई एक और भीषण गर्मी की लहर में 37,000 से अधिक लोग मारे गए. इटली, स्पेन, जर्मनी, ग्रीस और फ्रांस जैसे देशों में रिकॉर्ड तोड़ तापमान ने गर्मी के खतरे को और उजागर किया.
2023 का तूफान डेनियल, लीबिया
लीबिया में तूफान डेनियल के कारण भारी बारिश और बाढ़ आई, जिससे बांध टूट गए और शहर जलमग्न हो गए. 12,000 से अधिक लोग मारे गए, जिससे यह हाल के वर्षों में उत्तर अफ्रीका का सबसे घातक तूफान बना.
2013 का टाइफून हैयान, फिलीपींस
टाइफून हैयान (योलांडा) फिलीपींस से टकराया और 7,300 से अधिक लोगों की जान ले ली. इस शक्तिशाली तूफान ने तटीय क्षेत्रों को तहस-नहस कर दिया और लाखों लोग बेघर हो गए.
2013 की बाढ़, उत्तराखंड, भारत
उत्तराखंड में मानसूनी बाढ़ और भूस्खलन ने 6,000 से अधिक लोगों की जान ले ली. इस बाढ़ को “हिमालय की सुनामी” कहा गया, जिसने तीर्थस्थलों और कस्बों में भारी तबाही मचाई.
2007 का चक्रवात सिद्र, बांग्लादेश
बांग्लादेश में चक्रवात सिद्र ने 4,200 से अधिक लोगों की जान ले ली. तटीय क्षेत्र में कई लोग तूफान से बच नहीं पाए और बड़े पैमाने पर जन-धन की हानि हुई.
2015 की यूरोपीय गर्मी की लहर, फ्रांस
यूरोप में फैली इस गर्मी की लहर में फ्रांस को सबसे अधिक नुकसान हुआ. 3,275 मौतों के साथ इस घटना ने जलवायु परिवर्तन के जोखिम को उजागर किया. (डीपीए)