लौट आया है अल नीनो, गर्मी और सूखा बढ़ने का डर
९ जून २०२३अमेरिका के नेशनल ओशिएनिक एंड एटमोस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) ने 8 जून को बताया कि कथित अल नीनो लौट आया है. एनओएए ने क्लाइमेट प्रेडिक्शन सेंटर के जलवायु वैज्ञानिक मिषेल लूहोर के हवाले से बताया, "अपनी ताकत के आधार पर, अल नीनो कई तरह के प्रभाव पैदा कर सकता है. मसलन, मूसलाधार बारिश का जोखिम और दुनिया के कुछ खास क्षेत्रों में सूखे की आशंका बढ़ा सकता है."
बयान के मुताबिक, "जलवायु परिवर्तन अल नीनो से जुड़े कुछ प्रभावों को बदतर या कम करता है. जैसे, अल नीनो के कारण ऊंचे तापमान के नए रिकॉर्ड बन सकते हैं, खासतौर पर उन इलाकों में जहां अल नीनो के दौरान तापमान पहले ही औसत से ज्यादा है."
अलग-अलग हिस्सों पर कैसा असर?
अल नीनो के असर की वजह से अक्सर दक्षिण अमेरिका, मध्य एशिया और हॉर्न ऑफ अफ्रीका में बारिश बढ़ जाती है. इससे इन इलाकों में आखिरकार सूखे की स्थिति खत्म होने की उम्मीद जगती है. हालांकि इस जलवायु पैटर्न के कारण ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया और दक्षिण एशिया के कुछ हिस्सों में सूखे का जोखिम बढ़ सकता है.
इसी हफ्ते ऑस्ट्रेलिया ने चेतावनी दी थी कि अल नीनो के कारण देश में गर्म और शुष्क दिनों में इजाफा होगा. ऑस्ट्रेलिया पहले ही जंगलों की आग के प्रति बेहद संवेदनशील है.
जापान ने भी वसंत में रिकॉर्ड गर्मी के लिए अल नीनो को जिम्मेदार बताया है. एनओएए के मुताबिक, अमेरिका में गर्मियों के दौरान अल नीनो का प्रभाव अपेक्षाकृत कमजोर होगा, लेकिन यह पतझड़ से मजबूत होने लगेगा और वसंत में भी यही स्थिति बनी रहेगी.
एक ओर जहां अटलांटिक में तूफान की सक्रियता पर अल नीनो का असर निषेधात्मक होता है, वहीं मध्य और पूर्वी प्रशांत क्षेत्र में आमतौर पर यह तेज आंधी-तूफान की संभावना बढ़ाता है.
अल नीनो है क्या?
जलवायु से जुड़ा यह पैटर्न औसतन हर दो से सात साल पर आता है. स्पैनिश भाषा में अल नीनो का मतलब होता है, लिटिल बॉय यानी छोटा लड़का. इसका संबंध अल नीनो सदर्न ऑसिलेशन के गर्म चरण से है.
मुख्य रूप से इसकी शुरुआत पूर्वी प्रशांत क्षेत्र में असामान्य तौर पर गर्म पानी के कारण होती है. माना जाता है कि भूमध्यरेखीय प्रशांत के पास पूर्व से पश्चिम की ओर बहने वाली ट्रेड विंड्स के धीमा होने या विपरीत दिशा में बहने पर यह पैटर्न बनता है.
अल नीनो के इस दौर के शुरू होने से पहले मई में समुद्र की सतह का औसत तापमान अब तक दर्ज किसी भी रिकॉर्ड से करीब 0.1 सेल्सियस ज्यादा था. पिछली बार अल नीनो का गर्म प्रभाव 2018 से 2019 के बीच आया था. इसके बाद एक ठंडा दौर चला, जिसे ला नीना कहते हैं.
स्पैनिश में ला नीना का मतलब होता है लिटिल गर्ल, यानी छोटी लड़की. यह अल नीनो का ठंडा प्रतिरूप है. इस दौरान भूमध्यरेखा के पास पूर्वी और मध्य प्रशांत सागर में समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से कम होता है.
अल नीनो का सबसे मजबूत असर 2015-16 में दिखा था, जब ऑस्ट्रेलिया की ग्रेट बैरियर रीफ के करीब एक तिहाई प्रवाल मर गए.
एसएम/सीके (एएफपी, एपी, रॉयटर्स)