प्रकृति और पर्यावरणभारतसमुद्र के भीतर तैयार की जा रही कोरल की नर्सरीTo view this video please enable JavaScript, and consider upgrading to a web browser that supports HTML5 videoप्रकृति और पर्यावरणभारत19.12.2023१९ दिसम्बर २०२३गोवा का एक NGO अपनी 'अडॉप्ट अ कोरल' स्कीम के तहत समुद्री पर्यावरण बचाने में मदद कर रहा है. जलवायु परिवर्तन, ज्यादा मात्रा में मछलियां पकड़ने और प्रदूषण से कोरल चट्टानें खत्म हो रही हैं. NGO को उम्मीद है कि उनकी कोशिशों से यह नुकसान रोका जा सकता है.https://p.dw.com/p/4aHmhविज्ञापन