यूक्रेन में छह महीने के रूसी युद्ध की कीमत
यूक्रेन पर रूस के हमले में दसियों हजार लोगों की जान चली गई, लाखों लोग विस्थापित हुए और दुनिया भर में आर्थिक मुश्किलें बढ़ीं. छह महीने के युद्ध में इसका क्या असर हुआ वो यहां देखिये.
आम लोगों मौत
दर्ज आंकड़ों के मुताबिक 24 फरवरी से अब तक 5,587 आम लोगों की मौत हुई और 7,890 लोग घायल हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयुक्त का कहना है कि असल संख्या इससे कई गुना ज्यादा हो सकती है. ज्यादातर आम लोग टैंक, मिसाइल और हवाई हमलों मे मारे गए हैं.
सैनिकों की मौत
22 अगस्त तक इस जंग में यूक्रेन के 9,000 सैनिकों ने जान गंवाई है. यूक्रेन ने पहली बार अपने सैनिकों की मौत के बारे में जानकारी दी है. रूस ने भी अपने सैनिकों की मौत की जानकारी नहीं दी है लेकिन अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने 15,000 रूसी सैनिकों के मारे जाने और इसकी तीन गुना संख्या घायलों की बताई है. इतने ही सैनिक अफगानिस्तान पर रूसी कब्जे के दौरान मारे गए थे.
जंग की मुसीबतें
करीब 4.1 करोड़ की आबादी वाले यूक्रेन की एक तिहाई जनता विस्थापित हो गई है. 66 लाख से ज्यादा लोग यूरोप के बाहर गये हैं और लगभग इतने ही देश के भीतर भटक रहे. सबसे ज्यादा लोगों ने पोलैंड का रुख किया है और उसके बाद आता है जर्मनी. छह महीने से अपने घर और परिवार से दूर ये लोग कई तरह की परेशानियां झेल रहे हैं.
रूस का खर्च
यह जंग रूस के लिये भी काफी खर्चीली है. सैन्य खर्च के अलावा पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों का रूस को काफी नुकसान हुआ है. रूसी सेंट्रल बैंक ने 2022 में अर्थव्यवस्था के 4-6 फीसदी सिकु़ड़ने का अनुमान लगाया है. ज्यादातर रूसी ओलिगार्क प्रतिबंधित हैं और माइक्रोचिप के साथ ही कई और चीजों का संकट है. पिछले महीने रूस ने अपने फॉरेन बॉन्ड पर डिफॉल्ट किया.
ऊंची कीमतें
हमला और पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण उर्वरक, गेहूं, धातु और ऊर्जा की कीमतें काफी ज्यादा बढ़ गई हैं. इसकी वजह से भोजन का संकट और महंगाई दोनों बढ़े हैं और वैश्विक अर्थव्यवस्था मुसीबत में है. रूस तेल का दूसरा और प्राकृतिक गैस, गेहूं, नाइट्रोजन उर्वरक और पैलेडियम का सबसे बड़ा निर्यातक है. अगर यूरोप को रूसी गैस की सप्लाई पूरी तरह से बंद हो गई तो यूरोप की अर्थव्यवस्था मंदी में चली जायेगी.
अर्थव्यस्था का विकास
इस साल दुनिया की अर्थव्यवस्था में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का अनुमान घटते घटते 3.2 फीसदी पर आ गया है. बीते साल महामारी के दौर में भी 6.1 फीसदी की दर से विकास हुआ. अगर यूरोप को रूसी गैस की सप्लाई पूरी तरह बंद और दुनिया को तेल का निर्यात 30 फीसदी घट गया तो विकास 2022 में 2.6 फीसदी और 2023 में 2 फीसदी पर चला जायेगा.
यूक्रेन का नुकसान
मानवीय संकट के अलावा यूक्रेन ने 2014 में क्रीमिया के अलग होने से लेकर अब तक अपनी 22 फीसदी जमीन रूस के हाथों गंवाई है. उसके हाथों से समुद्र तटीय इलाके निकल गये हैं और कई शहर कचरे और मलबे के ढेर में तब्दील हो गये हैं. यूक्रेन की अर्थव्यस्था 2022 में 45 फीसदी सिकुड़ जायेगी. यूक्रेनी प्रधानमंत्री ने अनुमान लगाया है कि यूक्रेन के पुनर्निर्माण पर 750 अरब डॉलर का खर्च आएगा.
पश्चिमी देशों के हथियार
अमेरिका ने 24 फरवरी से अब तक यूक्रेन को 9.1 अरब डॉलर की सुरक्षा सहायता दी है. इनमें स्टिंगर एयर क्राफ्ट सिस्टम, जावेलिन एंटी आर्मर सिस्टम, होवित्जर टैंक के अलावा केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर सुरक्षा उपकरण शामिल हैं. ब्रिटेन ने 2.3 अरब पाउंड जबकि यूरोपीय संघ ने 2.5 अरब यूरो की सुरक्षा सहायता यूक्रेन को दी है.