दूसरी लहर में भी डटे हैं कोरोना योद्धा
२९ अप्रैल २०२१खास तौर पर इन लोगों ने अपने संसाधनों का इस्तेमाल करके लोगों तक निशुल्क दवाइयां प्रदान करने, आईसीयू बेड की व्यवस्था, ऑक्सीजन सिलेंडर और यहां तक कि रोगियों को अस्पतालों तक पहुंचाया है. समाचार एजेंसी आईएएनएस ने कोविड के बढ़ते मामलों की जमीनी हकीकत जानने के लिए इन लोगों के साथ दिल्ली और मुंबई के सबसे प्रभावित इलाकों का जायजा लिया.
इन लोगों में पूर्वी दिल्ली के 39 वर्षीय व्यवसायी वरुण त्यागी शामिल हैं जिन्होंने ना केवल कोविड के रोगियों को सुरक्षित दवाइयां मुहैया करने में मदद की बल्कि कई मौकों पर जरूरतमंद व्यक्तियों को मुफ्त में दवाइयां भी दीं. त्यागी कहते हैं, "मेरे कारोबारी नेटवर्क से, मैं बाजार में दवा की उपलब्धता से पूरी तरह परिचित हूं. लोग मुझे रेमेडीसविर, फैबफ्लू, ऑक्सीजन, मधुमेह और उच्च रक्तचाप की दवाइयां की सुरक्षित चिकित्सा में मदद करने के लिए कहते हैं जो आपूर्ति में कम हैं." वे आगे कहते हैं, "मैं किसी भी दवा के लिए कोई भुगतान स्वीकार नहीं करता हूं."
उदारता और सामाजिक सेवा की एक ऐसी ही कहानी 45 साल के संचार विशेषज्ञ अमित खन्ना की है, जो लोगों को घर पर चिकित्सा देखभाल में मदद करते हैं. खन्ना कहते हैं, "मैं आमतौर पर लोगों को आवश्यक दवाओं और ऑक्सीजन, इनहेलर जैसी अन्य महत्वपूर्ण चीजों के साथ घरेलू सेटिंग्स पर चिकित्सा देखभाल में मदद करता हूं."
इसके अलावा, वीर फाउंडेशन के एक ट्रस्टी राहुल संघवी ने इसे और अपने संगठन को पूरे मुंबई में ऑक्सीजन सिलेंडर मुफ्त वितरण करने का बीड़ा उठाया है. संघवी कहते हैं, "वर्तमान में, हमारे पास मुंबई शहर में 55 केंद्र हैं, जिसके माध्यम से हम मुफ्त चिकित्सा ऑक्सीजन सिलेंडर सप्लाई कर रहे हैं. महामारी की शुरूआत में हमने सोसायटीज को मुफ्त स्वच्छता उपकरण की आपूर्ति के लिए केंद्र शुरू किए थे."
व्यक्तियों के अलावा, भारतीय कंपनियां भी चिकित्सा आपूर्ति बढ़ाने में सहायक भूमिका निभा रहा है. खास तौर से टाटा समूह, लिंडे, आईटीसी, स्पाइसजेट, इंडियन ऑयल, बीपीसीएल कोविड के बढ़ते मामलों से बाहर निकलने में लोगों की मदद करने में अपनी भूमिका निभा रहे हैं.
एए/सीके (आईएएनएस)