वे पक्षी जो प्रतिबंधों को नहीं जानते
क्यूबा की हवाना यूनिवर्सिटी में वैज्ञानिक उन प्रवासी पक्षियों का व्यवहार समझने की कोशिश कर रहे हैं जो सीमा पार कर हर साल क्यूबा पहुंचते हैं.
प्रवासी पक्षियों का अध्ययन
अमेरिका और कनाडा ने इंसानों पर भले ही क्यूबा आने-जाने पर प्रतिबंध लगा रखे हों, पंछियों को इन प्रतिबंधों से कोई लेना देना नहीं है. वे हर साल सर्दियां बिताने क्यूबा जाते हैं.
सीमाओं के पार
हवाना यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डेनिएला वेंचुरा हर साल इन पक्षियों का अध्ययन करती हैं. वह कहती हैं, “पक्षी प्रतिबंधों या भोगौलिक सीमाओं को नहीं समझते. उन्हें हमारे देश में आने के लिए किसी वीजा की जरूरत नहीं है.“
बोटैनिकल गार्डन में जांच
प्रोफेसर वेंचुरा और उनके छात्र हवाना के बोटैनिकल गार्डन में इन पक्षियों को पकड़ते हैं और उनका अध्ययन करते हैं. वे उनकी प्रजाति, वजन और अन्य शारीरिक जांच करते हैं.
क्यूबा में क्या है
प्रोफेसर वेंचुरा के इस प्रोजेक्ट का मकसद उस रहस्य को सुलझाना है कि ये पक्षी हर साल कहां से और क्यों सर्दियां बिताने कनाडा और अमेरिका से क्यूबा चले आते हैं.
रेडियो टैग से निगरानी
वैज्ञानिक इन पक्षियों पर रेडियो टैग लगा देते हैं. कनाडा के सहयोग से पहली बार क्यूबा में रेडियो टेलीमीट्री एंटिना लगाया गया है जो उत्तरी अमेरिका में इन पक्षियों की आवाजाही की निगरानी करता है.
प्रतिबंधों की मार
वेंचुरा कहती हैं, “हमें उनके पारिस्थितिकी तंत्र के बारे में काफी जानकारी है लेकिन हम यह नहीं जानते कि सर्दियों में प्रवास के दौरान वे क्या करते हैं.” शीत युद्ध के दौरान से क्यूबा पर प्रतिबंध लगे हैं जिनका असर वैज्ञानिक सहयोग और परियोजनाओं पर भी पड़ा है.
वो दिन कभी तो आएगा
प्रोफेसर वेंचुरा को उम्मीद है कि कभी ना कभी अंतरराष्ट्रीय संबंध सामान्य हो जाएंगे और अमेरिका व क्यूबा के वैज्ञानिक मिलकर काम कर पाएंगे. तब वे इन पंछियों के रहस्यों को सुलझा भी पाएंगे.