आग लगने से 18,000 गायों की जलकर मौत
१४ अप्रैल २०२३अमेरिका के टेक्सस प्रांत के पैनहैंडल में एक डेयरी फार्म में हुए धमाके में एक व्यक्ति घायल हो गया जबकि 18 हजार मवेशियों की जान चली गई. इतिहास में जानवरों के मारे जाने की यह सबसे बड़ी घटना है. अमेरिका का एनिमल वेलफेयर इंस्टिट्यूट खेत-खलिहानों में लगने वाली आग की घटनाओं की ब्यौरा रखता है लेकिन जब से उसने रिकॉर्ड रखना शुरू किया है, तब से एक साथ इतने मवेशी कभी नहीं मारे गए.
कास्त्रो काउंटी के शेरिफ सल्वाडोर रिवेरा ने बताया कि सोमवार को डिमिट के नजदीक साउथफोर्क डेयरी फार्म में एक धमाका हुआ, जिसके बाद आग लग गई. यह धमाका किसी उपकरण के अत्यधिक गर्म हो जाने से हुआ. आग की घटना की जांच की जा रही है.
दूध निकालने के लिए जमा हुई थीं गाय
साउथफोर्क डेयरी ने अभी इस बारे में कोई बयान जारी नहीं किया है. राज्य सरकार के बीमा विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि आग की घटना की जांच की जा रही है लेकिन फिलहाल इस बारे में और जानकारी शेरिफ रिवेरा ही दे सकते हैं. प्रवक्ता गार्डनर सेल्बी ने घायल हुए व्यक्ति के बारे में जानकारी देने से भी इनकार कर दिया. डिमिट न्यू मेक्सिको सीमा और दक्षिण पश्चिम में अमारिलो शहर, दोनों से करीब 80-80 किलोमीटर दूर स्थित है.
वैसे अभी आधिकारिक तौर पर मरने वाली गायों का आंकड़ा जारी नहीं किया गया है लेकिन कास्त्रो काउंटी शेरिफ के कार्यालय की प्रवक्ता ने बीबीसी से कहा, "अनुमान है कि 18,000 मवेशी मारे गए हैं.”
बैंकों में जमा करने की बजाय गायों में पैसा लगा रहे हैं जिम्बाब्वे के लोग
स्थानीय समाचार संस्थान केएफडीए से बातचीत में शेरिफ रिवेरा ने कहा कि ज्यादातर जानवरों की मौत इसलिए हुई क्योंकि आग उस इलाके में फैल गई जहां गायों को दूध निकालने के लिए ले जाने से पहले जमा किया जाता है. उन्होंने कहा, "कुछ गाय बच भी गई हैं. कुछ ऐसी हैं जो घायल हैं लेकिन वे इस स्थिति में हैं कि उन्हें नष्ट ही करना पड़ेगा.”
केएफडीए के मुताबिक रिवेरा ने कहा कि आग के कारणों की जांच की जा रही है लेकिन जांचकर्ताओं को लगता है कि धमाका एक मशीन के कारण हुआ, जो एक तरह का वैक्यूम होता है. इस वैक्यूम से गोबर को इकट्ठा किया जाता है. रिवेरा ने कहा, "शायद यह अत्यधिक गर्म हो गया था और शायद मीथेन और अन्य चीजों के कारण आग लग गई और धमाका हुआ.”
लाखों जानवरों की मौत
इंस्टिट्यूट की प्रवक्ता मार्जरी फिशमैन ने गुरुवार को बताया, "हमने 2013 में आग की घटनाओं का रिकॉर्ड रखना शुरू किया था. पिछले एक दशक में यह मवेशियों के मारे जाने की सबसे घातक घटना है." यह संस्थान अन्य जानवरों के मारे जाने का भी रिकॉर्ड रखता है जिनमें पोल्ट्री, सुअर, बकरियां और भेड़ शामिल हैं.
फिशमैन ने बताया, "जानवरों के मारे जाने की सबसे बड़ी घटना 2013 में ही हुई थी, जब इंडियाना प्रांत के मैनचेस्टर में हाई-ग्रेड एग प्रोड्यूसर्स नॉर्थ नामक पोल्ट्री फार्म में आग लगी थी और दस लाख मुर्गियां मारी गई थीं.”
बाढ़ और समय से पहले बर्फबारी कहीं कश्मीर से बंजारा संस्कृति ना छीन ले
संस्थान की 2022 में जारी हुई एक रिपोर्ट में बताया गया था कि ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं जबकि एक जगह आग लगने से एक लाख से चार लाख तक मुर्गियां एक साथ जल कर मर गईं. संस्थान की पॉलिसी एसोसिएट ऐली ग्रैंगर ने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि उद्योग इस मामले में सावधान रहेगा. हम पुरजोर सिफारिश करते हैं कि फार्म में आग सुरक्षा के उपाय अपनाए जाएं. जल कर मर जाने से बुरा कुछ होने की कल्पना ही की जा सकती है.”
संस्थान के मुताबिक 2013 से अब तक 65 लाख जानवरों की मौत आग लगने की घटनाओं में हो चुकी है. इनमें से करीब 60 लाख मुर्गियां हैं और 7,300 गाय. 2018 से 2021 के बीच आग लगने से करीब 30 लाख जानवरों की जान गई है. इस दौरान छह सबसे बड़ी घटनाओं में 17.6 लाख मुर्गियां जलकर मर चुकी हैं.
विवेक कुमार (रॉयटर्स)