यूरोप में कौन लेकर आ रहा है डेंगू
१४ जून २०२४यूरोप से आने-जाने वाले यात्रियों में मलेरिया से जुड़े मामलों की ही तरह डेंगू के मामले भी असामान्य नहीं हैं. . कुछ दिन का आराम और फिर काम पर वापस लौट जाते हैं.
दिक्कत तब पैदा होती है जब डेंगू से संक्रमित लोग खुद को ऐसी असामान्य घरेलू परिस्थतियों में पाते हैं, जहां उनके अपने देश में तापमान ज्यादा है, शहरी इलाकों में रहते हैं और एडीज मच्छर के काटने से हुआ डेंगू वह दूसरे लोगों तक पहुंचाते हैं. यूरोप में ऐसा होने की संभावना काफी कम है.
यूरोप में डेंगू
2015 से 2019 के आंकड़े दिखाते हैं कि यूरोप में स्थानीय तौर पर डेंगू फैलने के मामले दुर्लभ हैं. यूरोपीय देशों में मच्छरों से फैले डेंगू के 3,000 मामले सामने आए, जो यात्राओं से जुड़े थे. केवल नौ मामलों में ही संक्रमण स्थानीय स्तर पर फैला. लेकिन पिछले सात दशकों के दौरान मिले मामलों से तुलना करें, तो 2022 में ऐसे केस बढ़ गए जहां डेंगू स्थानीय तौर पर फैला. इनमें से 65 मामले तो अकेले फ्रांस में ही थे. 2023 में डेंगू के मामलों की संख्या बढ़कर 130 हो गई. ये केस मुख्य रूप से फ्रांस और इटली में और कुछ स्पेन में मिले.
यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल (ईसीडीसी) ने कहा कि जून 2024 तक कई देशों में बाहर से आए डेंगू के मामले रिपोर्ट हुए. लेकिन यह घरेलू तौर पर फैले मामलों के बारे में पता लगाने के लिए काफी कम वक्त है. ऐसे केसों का पता साल के अंत में ही चल पाएगा.
डेंगू संक्रमण यूरोप में नहीं फैला है. यह वायरस अपने आप जिंदा नहीं रह सकता इसलिए इसे एक ऐसा शरीर चाहिए, जहां यह जीवित रह सके. उदाहरण के लिए, अगर किसी को डेंगू मच्छर काट ले और वह संक्रमण लेकर घर वापिस आ जाए. ईसीडीसी के निदेशक आंद्रेया आम्मोन ने कहा, "डेंगू-प्रभावित देशों में अंतरराष्ट्रीय आवागमन की वजह से सीमाओं के बाहर से आने वाले मामले बढ़ेंगे और अनिवार्य रूप से स्थानीय स्तर पर फैलेंगे."
डेंगू रहित इलाकों में कैसे फैलता है संक्रमण
यूरोप में संक्रमण तब फैलेगा, जब मच्छर स्थानीय स्तर पर पनपने लगें. इसका मतलब है कि डेंगू वाले एडीज मच्छर स्थानीय समुदायों में पैदा हों और पले-बढ़ें. यूरोप में एडीज की कई प्रजातियां हैं, लेकिन एडीज आल्बोपिक्टस सबसे ज्यादा पाए जाते हैं. इनके पलने के लिए तापमान ऊंचा, यानी करीब 15 से 35 डिग्री के बीच रहना चाहिए. इस तापमान पर ये मच्छर खूब बढ़ते हैं. इसका मतलब गर्म महीनों में खतरा ज्यादा है. चूंकि वायरस संक्रमण यूरोप में नहीं है, इसलिए यह आमतौर पर यात्राओं के दौरान ही फैल रहा है.
डेंगू इंफेक्शन में बहुत तेज बुखार, सिरदर्द और जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैं, लेकिन ज्यादातर मामले लक्षणरहित भी हो सकते हैं. ऐसे में मौत होने की संभावना कम ही है, लेकिन तबीयत बहुत ज्यादा बिगड़ने और इलाज ना मिलने परजान जा भी सकती है.
डेंगू के इतने मामले क्यों
जानकार कहते हैं कि 2023 में मामले बढ़ने की कई वजहें दी जा सकती हैं, लेकिन कोई ठोस जवाब देना मुमकिन नहीं है. कोलोराडो स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में प्रोफेसर थॉमस याएनिश ने डीडब्ल्यू से कहा, "यह सही है कि तापमान लगातार बढ़ रहा है, लेकिन हमारे सामने और बहुत से कारक हैं जो साथ मिलकर इन परिस्थितियों में काम कर रहे हैं." प्रोफेसर याएनिश के रिसर्च के नतीजों के आधार पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बेहद गंभीर और कम गंभीर डेंगू मामलों के बीच वर्गीकरण किया.
याएनिश का मानना है कि मौसम, मच्छरों की संख्या में बढ़ोतरी, सीमाओं के पार वायरस का विस्तार और संक्रमण ले जा रहे लोगों को रोकने की व्यवस्था ऐसे कुछ कारण हैं, जो पिछले दो सालों में पैदा हुए हालात के बारे में स्थिति साफ कर सकते हैं. इनमें से कुछ पर नीचे चर्चा की जा रही है.
ऊंचा तापमान
केवल दिन के समय ही नहीं, रात का ऊंचा तापमान भी दक्षिणी यूरोप में डेंगू संक्रमण के फैलने में मददगार हो सकता है. लंबे वक्त तक गर्म तापमान मच्छरों को पलने-बढ़ने के लिए ज्यादा वक्त देता है. गर्मियों की शुरूआत पहले होना और देर तक तापमान ऊंचा बने रहने का मतलब है मच्छरों की बड़ी संख्या.
मच्छरों की बढ़ी तादाद
लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन डेंगू मैपिंग और मॉडलिंग ग्रुप के प्रमुख प्रोफेसर ओलिवर ब्रेडी कहते हैं, "एडीज आल्बोपिक्टस मच्छर पहली बार साल 2000 में यूरोप में पाया गया था. तब से अब तक यह मेडिटेरेनियन और मध्य यूरोप के इलाके में फैल चुका है और ज्यादा जनसंख्या वाले इलाकों में बहुत ज्यादा बढ़ा है."
एडीज मच्छर फिलहाल इटली, क्रोएशिया, बोस्निया, अल्बानिया, स्लोवेनिया, हंगरी और फ्रांस के ज्यादातर हिस्सों में हैं. 2017 से यह मच्छर स्विटजरलैंड, दक्षिणी जर्मनी और ऑस्ट्रिया में भी है. हालांकि बाकी मच्छरों की तरह एडीज मच्छर अपनी पैदाइश के इलाकों से ज्यादा दूर नहीं जाते हैं. केवल 100 मीटर के दायर में ही उड़ते हैं, जिसका मतलब है कि उनके दूसरे इलाकों में फैलने में समय लगता है. शायद यह एक वजह है कि यूरोप में अब जाकर डेंगू संक्रमण के मामले दिखने लगे हैं.
यात्राओं से जुड़े मामले ज्यादा
यूरोप में डेंगू फैलने का सीधा संबंध उन देशों से हैं, जहां डेंगू संक्रमण पहले से फैला हुआ है. जितना ज्यादा संक्रमण होगा, मुमकिन है कि उन इलाकों की यात्रा करके वापस लौटने वाले यात्री इंफेक्शन लेकर अपने देश लौटें. ब्रेडी कहते हैं, "2010 से 2022 के बीच डेंगू के मामले यूरोप के बाहर बहुत तेजी से दोगुने हुए हैं. इसका मतलब है कि हमारी वायरस से मुलाकात अब बहुत हद तक तय है."
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट बताती है कि साल 2000 में डेंगू के मामले पांच लाख थे, जो 2019 में बढ़कर 50 लाख को पार कर गए. 2023 में मिले मामलों की संख्या 45 लाख से ज्यादा है. संगठन का कहना है कि ये आंकड़े पूरी तस्वीर नहीं देते हैं. पूरी दुनिया में संक्रमण का आंकड़ा चार करोड़ के आसपास होगा. रिसर्च बताती है कि यूरोपीय समुदायों में लोगों को नहीं पता कि इस जन स्वास्थ्य समस्या से निपटने के क्या तरीके हैं.