2000 साल पुरानी कांसे की मूर्तियां और सिक्के मिले
८ नवम्बर २०२२सियेना के पास सैन कासियानो डे बागनी आर्कियोलॉजिकल डिग के पास मिली इन मूर्तियों को बेहद अहम और बड़ी भूमध्यसागरीय खोज माना जा रहा है. इटली के संस्कृति विभाग में म्यूजियम निदेशक मासिमो ओसाना का कहना है कि इसके पहले 1972 में पानी के नीचे मिले मशहूर रियास वॉरियर्स के बाद यह अब तक की सबसे बड़ी खोज है.
कीचड़ ने इन मूर्तियों को बहुत अच्छे से संरक्षित किया है और इन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. संस्कृति मंत्रालय ने बताया कि मूर्तियों के साथ सोने, चांदी और कांसे के 500 सिक्के भी मिले हैं.
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इत्रस्की सभ्यता
यह खोज कितनी बड़ी है, इसका अंदाजा इस बात से भी लग जाता है कि संस्कृति मंत्रालय ने इस इलाके में इन मूर्तियों के लिए एक नया म्यूजियम बनाने की घोषणा कर दी है. सियेना में यूनिवर्सिटी ऑफ फॉरेनर्स के लिए इस खुदाई में सहयोग करने वाले जाकोपो ताबोली का कहना है कि यह खोज काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह ईसा पूर्व दूसरी से पहली शताब्दियों के बीच इत्रस्की सभ्यता के खत्म होने और रोमन साम्राज्य के विस्तार पर नयी रोशनी डाल सकती हैं.
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इत्रस्की सभ्यता इटली की प्राचीन सभ्यता थी, जिसे एत्रुरिया लोगों ने विकसित किया था. भाषा और संस्कृति के आधार पर कई नगर राज्यों का एक संघ बनाया गया था. आसपास के इलाकों पर कब्जा करके उन लोगों ने अपना काफी विस्तार किया था. ईसा पूर्व साल 900 में इस साम्राज्य के सबसे पहले निशान मिले हैं. यह समय लौह युग के विलानोवन संस्कृति का था. माना जाता है कि इत्रस्की सभ्यता की शुरुआत यहीं से हुई थी. इत्रस्की सभ्यता ने रोमन साम्राज्य के साथ बहुत लड़ाइयां लड़ीं और फिर आखिर में उन्हीं के साथ मिलकर खत्म हो गई.
रोमन साम्राज्य से जंग
इस दौर में आज के टुस्कनी, उम्ब्रिया और लाजियो इलाकों में बड़े सारे संघर्ष और कई लड़ाइयां हुईं. कांसे की ये मूर्तियां इस बात की सुबूत हैं कि इत्रस्की और रोमन परिवार गर्म झरनों के इस पवित्र स्थानों पर साथ में पूजा किया करते थे. इन मूर्तियों पर इत्रस्की और लैटिन दोनों अभिलेख मौजूद हैं.
ताबोली का कहना है, "पवित्र स्थान के बाहर सामाजिक और नागरिक युद्ध लड़े जा रहे थे, लेकिन इनके भीतर कुलीन इत्रस्की और रोमन परिवार साथ में शांति के साथ पूजा किया करते थे, भले ही उनके चारों ओर संघर्ष था." ताबोली का यह भी कहना है, "इत्रस्की और रोमन लोगों के बीच द्वंद्व और रिश्ते को दोबारा लिखने की संभावना एक असाधारण मौका है."
खुदाई में मिली दो दर्जन मूर्तियों में से कुछ में इंसान या भगवान की पूरी आकृति हैं, जबकि कुछ में शरीर के कुछ हिस्से या फिर अंग हैं. मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि शायद ये अंग भगवान को इसलिए अर्पित किये गये होंगे, ताकि वे झरनों के पानी में मेडिकल उपचार की खूबी डाल सकें.
एनआर/वीएस (एपी)