ई-सिगरेट पर किन देशों में है प्रतिबंध
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनियाभर की सरकारों से ई-सिगरेट या वेप को तंबाकू की ही तरह बैन करने की अपील की है. जानिए कहां-कहां है इन पर प्रतिबंध और किन देशों में सरकारों के लिए ये अभी भी चुनौती बने हुए हैं.
तंबाकू कंपनियों की चिंता
ई-सिगरेट को बैन करने की विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूटीओ) की अपील से कुछ बड़ी तंबाकू कंपनियां चिंतित हैं. कई कंपनियों ने सिगरेट के विकल्पों पर बहुत पैसे लगाए हैं. 'ब्रिटिश अमेरिकन टोबैको' कंपनी ने कहा है कि वह चाहती है कि 2035 तक उसकी कमाई का 50 प्रतिशत हिस्सा 'नॉन-कम्बस्टिबल' उत्पादों से आए, यानी ऐसे उत्पाद जो जलते ना हों.
34 देशों में बैन
डब्ल्यूटीओ ने 2023 में एक रिपोर्ट में बताया था कि ई-सिगरेट 34 देशों में बैन है. इनमें ब्राजील, भारत, ईरान, थाईलैंड आदि देश शामिल हैं. लेकिन कई देशों को इन प्रतिबंधों को लागू करने के लिए संघर्ष करना पड़ता है, क्योंकि ये उत्पाद अक्सर काले बाजार में उपलब्ध रहते हैं. 74 देश ई-सिगरेट पर जरा भी नियंत्रण नहीं रखते हैं. इनमें कई अफ्रीकी देश, पाकिस्तान, कोलंबिया और मंगोलिया शामिल हैं.
ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया में निकोटीन-युक्त ई-सिगरेटों के इस्तेमाल के लिए प्रिस्क्रिप्शन की जरूरत होती है, लेकिन देश में अवैध डिस्पोजेबल वेपों की बाढ़ आ गई है. यह सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है. 1 जनवरी, 2024 से देश में डिस्पोजेबल वेप आयात करने पर पाबंदी है. मार्च से ऐसे किसी भी वेप के आयात की इजाजत नहीं होगी, जिसे देश के मेडिकल नियामक ने "उपचारात्मक" का दर्जा नहीं दिया है.
चीन
चीन दुनिया में ई-सिगरेट का सबसे बड़ा उत्पादक है, लेकिन उसने देश के अंदर इस्तेमाल पर कड़े नियम लगाए हुए हैं. कई चीनी उत्पादक जो फ्लेवर दूसरे देशों में भेजते हैं, वो चीन के अंदर बैन हैं. कंपनियों को ई-सिगरेट बेचने के लिए लाइसेंस लेना पड़ता है और 2022 में उत्पादन, आयात और थोक वितरण पर टैक्स लगा दिए गए थे.
ईयू और सदस्य देश
यूरोपीय आयोग ने ई-सिगरेटों के लिए नियामक मानक तय किए हुए हैं. इनमें निकोटीन की मात्रा पर सीमा और ऐसे लेबल लगाना शामिल है, जिन पर लिखा हो कि ये उन लोगों के लिए नहीं हैं जो धूम्रपान नहीं करते. फ्रांस में 18 साल से कम उम्र के लोग वेप नहीं खरीद सकते हैं और विश्वविद्यालयों और सार्वजनिक यातायात में ये प्रतिबंधित हैं. इटली में स्कूलों में और उनके आस-पास इनका इस्तेमाल बैन है.
जापान
जापान में निकोटीन युक्त ई-सिगरेटों को दवा की श्रेणी में रखा जाता है, लेकिन अभी तक किसी भी तरह की ई-सिगरेट के इस्तेमाल की इजाजत नहीं दी गई है.
रूस
रूस में नाबालिग ई-सिगरेट खरीद नहीं सकते हैं. विशेष फ्लेवरों या डिस्पोजेबल वेपों पर कोई प्रतिबंध नहीं है.
ब्रिटेन
ब्रिटेन की सरकार वेप को लेकर काफी चिंतित है और इसका सेवन करने वालों को इसे छोड़ने में मदद करने के लिए स्टार्टर किट भी देती है. जनवरी 2024 में सरकार ने कहा था कि वो डिस्पोजेबल वेप को बैन करेगी और ई-सिगरेट के फ्लेवरों और पैकेजिंग का नियमन करेगी. मार्च में सरकार ने कहा कि वह अक्टूबर 2026 से वेपिंग उत्पादों पर अतिरिक्त टैक्स लगाएगी.
अमेरिका
अमेरिका निकोटीन के विकल्पों के लिए सबसे बड़ा बाजार है. इसे बेचने के लिए कंपनियों को स्वास्थ्य नियामक एफडीए से इजाजत लेनी होती है. एफडीए ने अभी तक तंबाकू के अलावा किसी और फ्लेवर की इजाजत नहीं दी है. हालांकि, कमजोर निगरानी की वजह से फ्लेवर वाले और डिस्पोजेबल उत्पाद काफी आसानी से मिल जाते हैं. - सीके/एसएम (रॉयटर्स)