हिजाब पर प्रतिबंध लगाने को सशर्त मंजूरी
१६ जुलाई २०२१यूरोपियन कोर्ट ऑफ जस्टिस ने गुरुवार को फैसला सुनाया कि कंपनियां कुछ शर्तों के तहत कर्मचारियों को सिर ढकने के लिए हिजाब पहनने पर रोक लगा सकती हैं. जर्मनी की दो मुस्लिम महिलाओं को कार्यस्थल पर हिजाब पहनने पर निलंबित कर दिया गया था. इन दोनों महिलाओं ने इसे कोर्ट में चुनौती दी थी.
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, "कार्यस्थल में राजनीतिक, दार्शनिक या धार्मिक विश्वासों की अभिव्यक्ति के किसी भी प्रत्यक्ष रूप को पहनने पर प्रतिबंध को नियोक्ता द्वारा ग्राहकों के प्रति एक तटस्थ छवि पेश करने या सामाजिक विवादों को रोकने की आवश्यकता से उचित ठहराया जा सकता है."
दोनों महिलाओं को अल्टीमेटम
मुस्लिम महिलाओं में से एक धर्मार्थ द्वारा संचालित हैम्बर्ग में एक चाइल्डकेयर सेंटर में विशेष देखभालकर्ता के रूप में काम करती है. दूसरी महिला दवा की दुकान में कैशियर है.
अपनी नौकरी शुरू करने के समय उन्होंने हिजाब नहीं पहना था, लेकिन पैरेंटल लीव से वापस आने के वर्षों बाद उन्होंने ऐसा करने का फैसला किया.
अदालत के दस्तावेजों से पता चलता है कि महिलाओं को उनके संबंधित नियोक्ताओं द्वारा बताया गया था कि इसकी अनुमति नहीं है. और अलग-अलग बिंदुओं पर या तो निलंबित कर दिया गया था फिर बिना सिर ढके काम पर आने के लिए कहा गया था. उन्हें अलग काम पर भी रखा गया.
कोर्ट ने क्या कहा
कोर्ट ने केयर सेंटर की कर्मचारी के मामले में कहा कि उसके मामले में सिर ढकने से रोकने वाला नियम सामान्य तरीके से लागू किया गया था क्योंकि नियोक्ता ने एक ईसाई कर्मचारी को धार्मिक चिह्न क्रॉस को हटाने को भी कहा था.
दोनों मामलों में फैसला अब राष्ट्रीय अदालतों पर निर्भर करेगा कि कोई भेदभाव हुआ है या नहीं, और वही अंतिम फैसला सुनाएगा.
मुस्लिम महिलाओं द्वारा सिर पर पारंपरिक हिजाब पहनने को लेकर पिछले कुछ सालों में पूरे यूरोप में विवाद छिड़ गया है, जो मुसलमानों को एकीकृत करने पर तीखे विभाजन को रेखांकित करता है.
इस फैसले के बाद मुसलमानों के बीच भारी प्रतक्रिया देखने को मिल रही है.
एए/ (रॉयटर्स, डीपीए)