बलात्कार की परिभाषा पर यूरोपीय संघ में मतभेद
६ फ़रवरी २०२४ईयू के 27 देशों के इस गुट में लागू होने वाले कानून का उद्देश्य महिलाओं को लैंगिक हिंसा, जबरन शादी, खतना और ऑनलाइन प्रताड़ना से सुरक्षा देना है. ईयू की कार्यकारी शाखा, यूरोपियन कमीशन ने पहली बार 8 मार्च 2022 को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन इस तरह के कानून का प्रस्ताव रखा था. लेकिन बलात्कार की एक सामान्य परिभाषापर सहमति ना बन पाना, किसी समझौते की दिशा में एक विवादित मसला बना हुआ है.
जो मसौदा फिलहाल मौजूद है उसके मुताबिक बलात्कार की परिभाषा, खुले तौर पर दी गई स्वीकृति के अभाव पर आधारित है. यूरोपीय संसद समेत बेल्जियम, ग्रीस, इटली, स्पेन और स्वीडन भी इस तरह से रेप की व्याख्या करने के पक्ष में हैं.
विरोध के स्वर
जहां कुछ देशों में मौजूदा परिभाषा पर सहमति है, वहीं फ्रांस, जर्मनी और हंगरी जैसे करीब एक दर्जन देश इसके जबरदस्त विरोधी हैं. इन देशों के प्रतिनिधियों का कहना हैं कि ईयू के पास इस मसले पर जरूरी विशेषज्ञता नहीं है. अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थाओं ने इन देशों के रवैये की आलोचना की है.
पिछले महीने, एमनेस्टी इंटरनेशनल, ह्यूमन राइट्स वॉच सहित 10 अन्य संस्थाओं ने एक खुला पत्र लिखकर कहा, "यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है कि कुछ सदस्य देश, पूरे ईयू में बलात्कार से निपटने के मुद्दे पर उदासीन बने रहने पर अड़े हुए हैं. सहमति-आधारित परिभाषाएं बलात्कार झेलने वाली महिलाओं और दूसरे पीड़ितों को बेहतर सुरक्षा देने और न्याय हासिल करने में मददगार साबित हुई हैं, इसमें बलात्कार पर रिपोर्टिंग और सजा के मामले बढ़ना भी शामिल है."
हालांकि इसके विरोध में खड़े देशों का कहना है कि रेप ऐसा मसला नहीं है जिसका कोई सीमा-पार पहलू है, जिसके तहत उसे ऐसा अपराध माना जा सके कि उस पर पूरे ईयू में सजा के प्रावधान सुनिश्चित हों. हालांकि यूरोपीय संसद और यूरोपीय आयोग दोनों ही इस मत के कड़े विरोधी हैं. वे इस पर जोर देते हैं कि बलात्कार 'सेक्शुअल एक्सप्लॉयटेशन ऑफ विमेन' के दायरे में रखा जा सकता है जिस पर पहले से ही सजा के साझा प्रावधान बने हुए हैं.
बहस के पहलू
यूरोपियन पार्लियामेंट में स्वीडिश नेता एविन इंजिर ने कहा कि सहमति-आधारित परिभाषा को शामिल करने में, "एक छोटे गुट का अड़ंगा लगाना शर्म की बात है." इंजिर ने आगे कहा कि "यह डाइरेक्टिव एक बड़ा कदम है, भले ही यह उस तरह का महान कदम ना हो जैसा पार्लियामेंट या प्रगतिशील गुट देखना चाहते हैं." फ्रांसीसी नेता नैतेली कोलिन-ओस्टर्ली ने कहा कि इस कानून को "अधूरा कानून" बना दिया गया है.
जर्मनी और फ्रांस का मानना है कि परिभाषा शामिल करने का एक जोखिम यह है कि इसे ईयू कोर्ट में चुनौती देकर उसके खिलाफ फैसला सुनाया जा सकता है. 2022 में दूसरी बार चुनाव जीतने से पहले, फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने कहा था कि अगर वह सत्ता में आते हैं तो महिलाओं के खिलाफ हिंसा रोकना उनकी प्राथमिकता होगी. रेप और यौन-शोषण के आरोपों में फंसे फ्रेंच अभिनेता जेरार्द देपार्दयू को दोष साबित होने तक निर्दोष मानने की बात पर माक्रों पहले से ही आलोचना झेल रहे हैं.
एसबी/आरपी (एएफपी)