वियतनाम में एक तरफ सस्ती शराब और दूसरी तरफ बीमार होते लोग
२४ मार्च २०२३2022 से वियतनाम सरकार में यह बहस छिड़ी है कि अल्कोहल, सिगरेट और सॉफ्ट ड्रिंक्स जैसे हानिकारक प्रोडक्ट्स पर खास खपत टैक्स (स्पेशल कंजम्पशन टैक्स) बढ़ाया जाए या नहीं. कुछ लोगों को लगता है कि टैक्स बढ़ाने से एक तीर से दो शिकार होंगे. सरकार का राजस्व बढ़ेगा और लोग शराब पीना कम कर देंगे. वियतनाम के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक बीते साल सार्वजनिक कर्ज जीडीपी का 44 फीसदी था. ऐसे सरकार को राजस्व पूर्ति के लिए नई जुगत करनी पड़ रही है.
मुक्त व्यापार संधियों ने टैक्स और शुल्कों में कटौती की है. इसकी वजह से राजधानी हनोई पर घरेलू स्तर पर राजस्व जुटाने का दबाव है. इस साल के पहले दो महीनों में आयात-निर्यात में 19.4 फीसदी की गिरावट देखी गई. यह रिपोर्ट जनरल डिपार्टमेंट ऑफ वियतनाम कस्टम्स की है. टैक्स से हुई कुल आय में 16.7 फीसदी का इजाफा हुआ. कर विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक इस राजस्व में घरेलू टैक्स का हिस्सा 96 फीसदी है.
2019 में वियतनाम में प्रति व्यक्ति बीयर खपत औसतन 47.6 लीटर रही. एशिया में बीयर खपत के मामले में देश, चीन और जापान के बाद तीसरे नंबर पर है. लैंसेट मेडिकल जनरल के मुताबिक 2010 से 2017 के बीच वियतनाम में प्रति व्यक्ति अल्कोहल की खपत 90 फीसदी बढ़ी. अनुमान है कि इस दशक में भी यह तेजी जारी रहेगी.
छलकती बीयर में घुलती सेहत
कारोबारियों के लिए यह अच्छी खबर है. 2021 में वियतनाम के बीयर बाजार की वैल्यू 26 अरब डॉलर आंकी गई. निक्केई एशिया की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक इस लिहाज से वियतनाम दक्षिणपूर्वी एशिया का सबसे बड़ा बीयर बाजार है. लेकिन इसके साथ एक और सच्चाई भी जुड़ी है. 2016 में हुए एक शोध के मुताबिक वियतनाम में होने वाली 12 फीसदी मौतों का नाता अल्कोहल से है. शराब पीकर गाड़ी चलाने की वजह से भी 20 फीसदी मौतें हुईं.
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2020 में एक नया 'एल्कोहॉल कंट्रोल लॉ' लागू किया गया. इस कानून के तहत 18 साल से कम उम्र के लोगों को अल्कोहल वाले उत्पाद बेचने पर पांबदी लगाई गई. शराब पीकर गाड़ी चलाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया और अल्कोहल से जुड़े विज्ञापनों पर नकेल कसी गई.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, इस कानून पर जब बहस हो रही थी तो "अल्कोहल इंडस्ट्री....लामबंदी कर इसे बेसअसर या कमजोर करने की कड़ी कोशिश कर रही थी."
क्या कहती है ताकतवर अल्कोहल लॉबी
इसी साल फरवरी में वियतनाम के वित्त मंत्रालय ने कहा कि वह स्पेशल कंजम्पशन टैक्स संबंधी कानून की समीक्षा को लेकर सभी पक्षों की राय सुन रहा है. 2003 से अब तक स्पेशल कंजम्पशन टैक्स में पांच बार संशोधन किया गया है. वियतनाम बेवरेज एसोसिएशन की महासचिव चू थी वान आंह इन बदलावों को "अस्थिरता" फैलाने वाला बताती हैं. वह कहती हैं कि इनसे कानूनी, संस्थागत और कारोबारी माहौल डगमगाता है.
बेवरेज एसोसिएशन की अधिकारी के मुताबिक टैक्स बढ़ाने से अल्कोहल की खपत कम करने और सेहत को बचाने का लक्ष्य और दूर हो गया है. उनके मुताबिक ये बात ऑफिशियल डाटा में भी दिखती है. वान आंह का दावा है कि इसकी सबसे बड़ी वजह है, टैक्स के दायरे से बाहर होने वाला गैरकानूनी अल्कोहल का उत्पादन. वान आंह के मुताबिक 60 से 70 फीसदी बाजार पर इस अवैध शराब का कब्जा है. इससे कानूनी रूप से कारोबार करने वालों को हर साल 75 करोड़ डॉलर का नुकसान हो रहा है और साथ ही सरकार को राजस्व भी नहीं मिल रहा है.
नीदरलैंड्स की बीयर निर्माता कंपनी हाइनेकेन, वियतनाम के बीयर बाजार में एक बड़ी खिलाड़ी है. इस मामले में वियतनाम में हाइनेकेन के हेड ऑफ कम्युनिकेशन ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. कंपनी ने कहा कि वियतनाम बेवरेज एसोसिएशन बातचीत का नेतृत्व कर रही है और देश में अल्कोहल इंडस्ट्री के जुड़े सारे कारोबारों की तरफ से मीडिया से बात कर रही है.
लेकिन हाइनेकेन, उच्च स्तर पर लॉबिंग भी कर रही है. दिसंबर 2022 में वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन चिन्ह नीदरलैंड्स के दौरे पर आए. इस दौरान उन्होंने हाइनेकेन के सीईओ डॉल्फ फान डेन ब्रिंक से मुलाकात की. ये मीटिंग कंपनी के एम्सटर्डम स्थित ग्लोबल हेडक्वार्टर में हुई. इसी दौरान हाइनेकेन ने एलान किया कि वह वियतनाम में और 50 करोड़ डॉलर का निवेश करने की योजना बना रही है. फिलहाल कंपनी वियतनाम में एक अरब डॉलर इनवेस्ट कर चुकी है.
कंपनी के सीईओ से मुलाकात के बाद एक सरकारी बयान जारी किया गया. इस बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री चिन्ह ने कहा कि हनोई "सौहार्दपूर्ण लाभों, साझा जोखिमों" की भावना के तहत अपनी टैक्स पॉलिसी को बेहतर करने की कोशिश करेगा.
यूरोपीय संघ के देशों में नीदरलैंड्स, वियतनाम में निवेश के लिहाज से सबसे आगे है. वियतनाम में डच रजिस्टर्ड पूंजी करीब 13.7 अरब डॉलर है. नीदरलैंड्स की पशु आहार बनाने वाली दिग्गज कंपनी डे हौस एशिया के डायरेक्टर गाबोर फ्लूइट को इसी महीने वियतनाम में यूरोपियन चैंबर ऑफ कॉमर्स का चैयरमैन चुना गया है.
विकास का नग्मा गाती अल्कोहल लॉबी
अल्कोहल लॉबी का कहना है कि स्पेशल टैक्स में जरा सा इजाफा, महामारी से उबरते बाजार पर नकारात्मक असर डालेगा. अगर अल्कोहल कंपनियां, ग्राहकों पर ज्यादा कीमत लादेंगी तो इसका असर हॉस्पिटैलिटी और टूरिज्म सेक्टर पर पड़ेगा. महामारी के दौरान धराशायी हुए ये दोनों क्षेत्र अब धीरे धीरे उबर रहे हैं.
वियतनाम बेवरेज एसोसिएशन चाहती है कि सरकार स्पेशल कंजम्पशन टैक्स में इजाफा कम से कम 2024 तक टाल दे. वान आंह के मुताबिक यूक्रेन युद्ध के कारण प्रोडक्शन की लागत बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है. रूस और यूक्रेन दोनों दुनिया में अनाज के सबसे बड़े निर्यातक हैं. एसोसिएशन के मुताबिक वैश्विक महंगाई भी उद्योग को नुकसान पहुंचा रही है.
अब यह देखना है कि टैक्स बढ़ता है या नहीं, और अगर बढ़ेगा तो कितना. अल्कोहल पर लगने वाले स्पेशल कंजम्पशन टैक्स को आखिरी बार 2018 में बढ़ाया गया था. तब टैक्स को 50 से 65 फीसदी किया गया था.
कंसल्टेंसी फर्म डेजान शिरा एंड एसोसिएट्स के प्रितेश सैमुअल और थांग वू के मुताबिक, उस टैक्स वृद्धि से भी कोई खास असर नहीं हुआ. फर्म कहती है, "2018 की टैक्स वृद्धि से कुछ समय के लिए बाधा जरूर पहुंची, लेकिन वियतनाम का अल्कोहल उद्योग चमकीला बना हुआ है. तंबाकू और अल्कोहल की कीमत के मामले में वियतनाम दुनिया के सबसे सस्ते देशों में आता है. इसीलिए हमें इंतजार कर ये देखना होगा कि सरकार कितनी वृद्धि लागू करना चाहती है."
कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक स्पेशल कंजम्पशन टैक्स में बहुत ज्यादा इजाफा ही मद्यपान के कारण हो रहे स्वास्थ्य संबंधी खर्च पर असर डाल सकता है.
वियतनाम की सरकार पशोपेश में है. इसी हफ्ते देश में अमेरिकी कारोबारियों का सबसे बड़ा प्रतिनिधि मंडल पहुंचा है. उनका स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री चिन्ह ने कहा कि "सिंपल इकोनॉमिक ग्रोथ" के लिए सतत विकास और सामाजिक न्याय की "कुर्बानी" नहीं दी जा सकती.