फेसबुक ने कहा भड़काऊ बयान से कंपनी को फायदा नहीं
१७ सितम्बर २०२०सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक के भारत में प्रमुख ने कहा है कि भड़काऊ बयान से कंपनी को लाभ नहीं होता है. कंपनी ने उन आरोपों से इनकार किया है कि वह अपने कारोबारी हितों के कारण इन मामलों में कार्रवाई करने में नाकाम रही है. यूजर्स की संख्या के आधार पर फेसबुक और उसकी मैसेजिंग सर्विस व्हाट्सऐप के लिए भारत एक बड़ा बाजार है. कंपनी को दुनिया भर में हेट स्पीच की नीतियों को लेकर लेकर भारी दबाव का सामना करना पड़ रहा है.
दक्षिण एशियाई देश में फेसबुक की हेट स्पीच की नीतियों को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है. यह विवाद अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल (डब्ल्यूएसजे) की रिपोर्ट के बाद छिड़ा, जिसमें कहा गया था कि भारत में मुस्लिम विरोधी टिप्पणी को उसने नहीं हटाया था. यह टिप्पणी सत्ताधारी पार्टी के नेता द्वारा की गई थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि ऐसा फेसबुक भारत ने कारोबारी हितों को ध्यान में रखते हुए किया.
फेसबुक इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर अजीत मोहन ने एक अंग्रेजी अखबार से कहा, "यह हमारे लिए अच्छा नहीं है ना ही सोशल मीडिया यूजर्स के लिए." साथ ही उन्होंने कहा कि कंपनी सभी तरह के प्रयास कर रही है ताकि "सभी तरह की बुराई" को मंच से दूर रखा जा सके. यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब मोहन दिल्ली विधानसभा की शांति और सद्भाव समिति के सामने पेश नहीं हो पाए हैं. समिति ने फेसबुक प्रतिनिधि को दिल्ली दंगों मामले में कथित मिलीभगत की शिकायत के बाद पेश होने का आदेश दिया था. हेट स्पीच मामले पर कार्रवाई नहीं करने को लेकर फेसबुक के प्रतिनिधि संसद की समिति के सामने भी पेश हो चुके हैं. प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने फेसबुक पर बीजेपी के प्रति कथित झुकाव का आरोप लगाया है.
पिछले दिनों 40 से अधिक अधिकार समूहों ने मार्क जकरबर्ग को खत लिखकर भारत की पब्लिक पॉलिसी प्रमुख अंखी दास को हटाने की मांग की थी. उन्होंने जांच हो जाने तक अंखी को पद से हटाने को कहा था. दास पर आरोप है कि उन्होंने अपने कर्मचारियों से बीजेपी के नेताओं से जुड़े अकाउंट और पेज पर नीतियों के उल्लंघन के आरोपों पर कार्रवाई करने से रोका. रिपोर्ट में कहा गया कि ऐसा उन्होंने भारत में कंपनी के कारोबारी हित के नुकसान को देखते हुए किया था.
मोहन का कहना है कि दास हेट स्पीच को नियंत्रित करने वाले किसी भी फैसले के लिए जिम्मेदार नहीं थी. उन्होंने कहा, "यह साफ करना जरूरी है कि पब्लिक पॉलिसी टीम जिसका नेतृत्व अंखी दास करती हैं, वह सामग्री नीति टीम से अलग है जो इन फैसलों को लागू करती है."
एए/सीके (एएफपी)