सुदूर गांव में सिर्फ एक परिवार के लिए बना मतदान केंद्र
कहीं कोई मतदाता छूट ना जाए, यह लक्ष्य लिए भारत का चुनाव आयोग हरेक के लिए मतदान आसान बनाने की कोशिश करता है. ऐसी ही कोशिशों का हिस्सा बना लद्दाख का एक सुदूर गांव, जहां सिर्फ एक परिवार के लिए एक मतदान केंद्र बनाया गया.
सिर्फ एक परिवार का गांव
लद्दाख के वार्षी गांव में सिर्फ एक परिवार रहता है और लोकसभा चुनाव 2024 के पांचवें चरण में बस इसी परिवार के लिए चुनाव आयोग ने एक मतदान केंद्र बनाया. परिवार में पांच सदस्य हैं और पांचों मतदाता हैं. यह इस परिवार के घर की तस्वीर है.
ना बिजली, ना अस्पताल
वार्षी तक पहुंचने के लिए चुनाव अधिकारियों ने लेह से सात घंटों की यात्रा की. सियाचिन ग्लेशियर से सिर्फ करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित इस गांव तक सड़क से पहुंचा जा सकता है. लेकिन यहां ना बिजली है, ना स्वास्थ्य सुविधाएं और ना इंटरनेट.
मतदान के लिए मेहनत
मतदान सुनिश्चित करवाने के लिए चुनाव अधिकारी साथ में जेनरेटर ले गए थे लेकिन वो चला नहीं. फिर उन्हें बिजली के कनेक्शन के लिए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) से मदद लेनी पड़ी. यह परिवार के बुजुर्गों की तस्वीर है.
घर में बुजुर्ग
परिवार में सबसे छोटी रिंचेन 23 साल की हैं और सबसे बुजुर्ग उनकी दादी पुस्तोंग लामो 85 साल की हैं. मतदान केंद्र उनके घर के पड़ोस में ही बनाया गया, लेकिन रिंचेन के बुजुर्ग दादा-दादी के लिए वहां तक पहुंचना भी काफी कठिन था. रिंचेन के दादा, 75 वर्षीय लोजबांग शेराब, ने उनकी दादी को अपनी पीठ पर बिठा कर घर से बाहर निकाला.
लोकतंत्र के प्रति कर्त्तव्य
शेराब अपनी पत्नी को लेकर सीढ़ियों से उतरे और फिर उन्हें व्हीलचेयर पर बिठाया. पुस्तोंग लामो जब मतदान करने के बाद निकलीं तो उनके परिवार और चुनाव अधिकारियों ने तालियों से उनका स्वागत किया.