ई-स्कूटर चार्जिंग के दौरान आग, आठ मरे
१३ सितम्बर २०२२भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों से जुड़ी यह सबसे घातक घटना है. सिंकदराबाद के एक इलेक्ट्रिक स्कूटर शोरूम में स्कूटर चार्ज करते समय शॉट सर्किट होने से आग लग गई और धीरे-धीरे पूरी इमारत लपटों में घिर गई. आग शोरूम से शुरू हो कर ऊपर की मंजिलों की ओर फैल गई. शोरूम के ऊपर एक होटल है जहां करीब 25 मेहमान रुके हुए थे. कई मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि लोग आग से बचने के लिए बिल्डिंग से कूद गए.
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हैदराबाद के पुलिस आयुक्त सीवी आनंद के मुताबिक, "ऐसा प्रतीत होता है कि होटल की चारों मंजिलों में 23 कमरे हैं. धुंआ नीचे से ऊपर की मंजिल तक सीढ़ियों से होकर गया. कुछ लोग जो पहली और दूसरी मंजिल पर सो रहे थे, घने धुएं के कारण गलियारे में आ गए और दम घुटने के कारण उनकी मृत्यु हो गई."
आनंद ने बताया कि घायलों को शहर के गांधी अस्पताल और आसपास के अन्य निजी अस्पतालों में ले जाया गया. पुलिस के मुताबिक होटल में रुके मेहमान दूसरे शहरों के रहने वाले थे और वे बिजनेस के सिलसिले में शहर आए थे.
प्रधानमंत्री ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है. उन्होंने ट्वीट कर पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की.
हादसे के बाद तेलंगाना के गृहमंत्री मोहम्मद महमूद अली ने कहा है कि दमकल विभाग की टीमों ने होटल से लोगों को निकालने के लिए हरसंभव कोशिश की लेकिन भारी धुएं के कारण लोगों की मौत हो गई. राज्य सरकार ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं.
जानलेवा क्यों बन रहे ई-स्कूटर्स
इसी साल देश के अलग-अलग हिस्सों से इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने की छिटपुट घटनाएं सामने आई थी. लेकिन सिंकदराबाद में जिस तरह की घटना हुई है उतनी बड़ी घटना अब तक नहीं हुई थी.
भारत सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की इच्छुक है और वह इसे प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में शामिल करना चाहती है. हाल की घटनाओं के लिए दोषपूर्ण बैटरी सेल और बैटरी मॉड्यूल को मुख्य कारण माना गया था.
इसी साल मार्च में भारत सरकार ने ई-स्कूटर में आग लगने के बाद सुरक्षा चिंताओं पर एक जांच शुरू की थी.
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आग की घटनाएं बढ़ीं
ई-स्कूटर में आग लगने की घटना तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में भी हो चुकी है. 21 साल के व्यक्ति जब दफ्तर से ई-स्कूटर पर सवार हो कर घर लौट रहे थे तब उन्होंने अपनी गाड़ी से धुआं निकलता देखा. उन्होंने तुरंत ही गाड़ी रोक दी और वह देखते ही देखते जलने लगी.
इसके कुछ दिनों बाद पुणे में भी एक ई-स्कूटर में आग लगने का मामला सामने आया था. वहां ओला के ई-स्कूटर में आग लग गई थी. पार्क किए गए ओला एस1 प्रो स्कूटर में बाहरी हस्तक्षेप के बिना आग लग गई थी. जिससे ग्राहकों के मन में ई-स्कूटरों की सुरक्षा को लेकर शंकाएं पैदा हो गई. ओला के इस स्कूटर में आग लगने की घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था.
ई-स्कूटर में बार-बार आग लगने की घटनाओं पर जानकार सबसे पहले इसके लिए बैट्री को जिम्मेदार बताते हैं. उनका कहना है कि ई-स्कूटर्स में बैट्री ही ऐसा हिस्सा है जहां आग लग सकती है. इसे लेकर कड़े सुरक्षा नियम अपनाए जाने की जरूरत है. वे सुझाव देते हैं कि लीथियम आयन बैट्री वाले टू व्हीलर को कठोर परीक्षण के बाद ही बाजार में बिक्री के लिए उतारने की इजाजत होने चाहिए. साथ ही जानकार कहते हैं कि गाड़ी चलाने के तुरंत बाद उसे चार्जिंग में नहीं लगाना चाहिए.
भारत सरकार चाहती है कि 2030 तक कुल दोपहिया वाहनों का हिस्सा ई-स्कूटर और ई-बाइक 80 फीसदी बने जो फिल्हाल लगभग दो प्रतिशत ही है.
रिपोर्ट: आमिर अंसारी (रॉयटर्स से जानकारी के साथ)