जर्मन विदेश मंत्री ने रूस से यूक्रेन युद्ध खत्म करने को कहा
२३ फ़रवरी २०२४ब्राजील में 21 और 22 फरवरी को जी-20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई. इस दौरान जर्मनी की विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक ने रूस के विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव से कहा, "अगर आप अपने लोगों, रूसी बच्चों, युवाओं और नागरिकों के जीवन की परवाह करते हैं तो अब आपको यह युद्ध समाप्त करना होगा.” बैठक में जर्मनी और रूस के विदेश मंत्री एक ही मेज पर बैठे थे.
जी-20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के लिए बनाया गया एक प्रमुख मंच है. भारत, जर्मनी और रूस समेत दुनिया की 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं इसका हिस्सा हैं. पिछले साल जी-20 की अध्यक्षता भारत के पास थी. इस साल ब्राजील यह जिम्मेदारी निभा रहा है.
"रूसी आक्रामकता सिर्फ क्षेत्रीय संघर्ष नहीं"
बेयरबॉक ने कहा कि यूक्रेन पर रूसी हमला एक क्षेत्रीय संघर्ष से बढ़कर था. रूस ने 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर आक्रमण किया था. इसके दो साल पूरे होने को हैं.
बेयरबॉक ने बैठक में कहा, "रूस की आक्रामकता हम सभी को उन मूलभूत सिद्धांतों की रक्षा करने की चुनौती देती है, जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून और मानवाधिकारों के तहत हम सभी की रक्षा करते हैं. ये सिद्धांत सभी देशों की रक्षा करते हैं, चाहे वो कितने भी बड़े या छोटे हों.”
1945 में यूएन चार्टर पर हस्ताक्षर होने के बाद सुरक्षा परिषद की स्थापना हुई थी. पांच देश इसके स्थायी सदस्य हैं, जिनके पास किसी भी प्रस्ताव को वीटो के जरिए खारिज करने का अधिकार है. रूस भी सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है. वह अपने अधिकार का इस्तेमाल कर यूक्रेन में युद्ध की निंदा के लिए लाए गए प्रस्तावों को रोक देता है.
इसके चलते शक्तिशाली सुरक्षा परिषद की लगातार आलोचना होती है. सुरक्षा परिषद एक बार फिर सवालों के घेरे में है क्योंकि यह गाजा में जान गंवाने वाले आम नागरिकों की संख्या को सीमित करने के लिए कुछ नहीं कर पाई. इस बार परिषद के दूसरे स्थायी सदस्य अमेरिका ने युद्ध विराम के प्रस्तावों को वीटो लगाकर रोक दिया.
बेयरबॉक ने कहा कि इन दोनों युद्धों का सबसे ज्यादा प्रभाव दुनियाभर के सबसे गरीब लोगों पर पड़ रहा है. उन्होंने यूक्रेन और मध्य-पूर्व इलाके में शांति स्थापित करने की अपील की.
ब्राजील ने भी की सुरक्षा परिषद की आलोचना
ब्राजील के विदेश मंत्री माउरो विएरा ने कहा, "बहुपक्षीय संस्थान मौजूदा चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं हैं. ऐसा गाजा और यूक्रेन में जारी संघर्ष पर सुरक्षा परिषद की अस्वीकार्य निष्क्रियता के चलते भी देखने को मिला. इस स्थिति के चलते आम नागरिक जान गंवा रहे हैं.”
ब्राजील इस साल जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है, ऐसे में माउरो विएरा ने वैश्विक प्रशासन में बड़े सुधार करने की अपील की. जी-20 शिखर सम्मेलन का एजेंडा तय करने के लिए मंत्रिस्तरीय बैठकें जरूरी होती हैं. इस साल शिखर सम्मेलन नवंबर में होगा, जिसमें जी-20 देशों के राष्ट्रप्रमुख शामिल होंगे.
ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा ने वैश्विक संस्थानों में सुधार की मांग को ब्राजील के प्रमुख प्रस्तावों में शामिल किया है, ताकि विकासशील देशों की अधिक आवाजों को शामिल किया जा सके.
एएस/एसएम (डीपीए, एएफपी, एपी)