दुनिया के मुकाबले संतुष्ट हैं भारत के कर्मचारी
अमेरिकी सर्वेक्षण संस्था गैलप का सर्वे बताता है कि उलझन भरे आर्थिक माहौल में दुनियाभर में लोग नौकरियों को लेकर असंतुष्ट हैं लेकिन भारत में माहौल अलग है.
नौकरियों को लेकर असंतोष
सर्वेक्षण संस्था गैलप का सर्वे कहता है कि आर्थिक अस्थिरता को लेकर दुनियाभर में लोगों के बीच अपनी नौकरी को लेकर असंतोष है. लगभग आधे लोग नई नौकरी खोज रहे हैं.
भारत में स्थिति बेहतर
सालाना ‘वर्कप्लेस सैटिस्फैक्शन सर्वे’ के मुताबिक भारत में स्थिति दुनियाभर से अलग है. वहां 32 फीसदी लोगों ने कहा कि वे अपनी मौजूदा नौकरी से खुश हैं. यह दुनिया के औसत से 9 फीसदी और दक्षिण एशिया के औसत से 6 फीसदी ज्यादा है.
जॉब मार्केट को लेकर संतोष
भारत में लोगों को लगता है कि रोजगार मिलने को लेकर स्थिति अच्छी है. हालांकि पिछले साल के मुकाबले ऐसा मानने वालों में कमी हुई है लेकिन बाकी दुनिया के मुकाबले यह बेहतर है. भारत में 57 फीसदी लोगों ने कहा कि नई नौकरी खोजने के लिए यह अच्छा वक्त है.
काम का तनाव
नौकरी को लेकर रोजमर्रा के तनाव भी भारत में सबसे कम लोगों ने जाहिर किया. 32 फीसदी लोगों ने कहा कि वे काम को लेकर तनाव महसूस करते हैं, जो दुनिया में सबसे कम था.
कर्मचारियों में अकेलापन
दुनियाभर के सर्वे में शामिल 20 फीसदी लोगों ने कहा कि वे अकेलापन महसूस करते हैं. घर से काम करने वाले कर्मचारियों में अकेलापन सबसे ज्यादा पाया गया. 2023 में युवा कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य की स्थित बद्तर हुई.
89 खरब डॉलर का नुकसान
सर्वे का अनुमान है कि नाखुश कर्मचारियों के कारण दुनियाभर में उत्पादकता इतनी कम हुई कि 89 खरब डॉलर का नुकसान हुआ.