प्रेस की स्वतंत्रता के लिए बैंक ने पेश किया बॉन्ड
६ मई २०२३प्रेस की स्वतंत्रता और मीडिया में विविधता लोकतांत्रिक समाज के सबसे महत्वपूर्ण आधार हैं, लेकिन खुद को लोकतांत्रिक कहने के बावजूद मध्य और पूर्वी यूरोप की कुछ सरकारें अपने देश की स्वतंत्र मीडिया को गलत तरीके से प्रभावित करने की कोशिश कर रही हैं.
उदाहरण के लिए, हंगरी और पोलैंड में सरकार से जुड़ी कंपनियों ने मीडिया कंपनियों के कुछ या सभी शेयरों को खरीद लिया है. आलोचकों का कहना है कि ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि जनता की राय और विचार में हेरफेर कर उन्हें सत्ताधारी पार्टी के पक्ष में किया जा सके.
सरकारी दबाव में आने वाली उन मीडिया कंपनियों को अब जीएलएस बैंक से वित्तीय मदद मिल जाएगी. यह बैंक जर्मनी के बोखुम शहर में स्थित है और पूरी तरह से सामाजिक और पारिस्थितिक समस्याओं को हल करने के लिए निवेश करता है.
प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में क्यों फिसल गया जर्मनी
जीएलएस ने गैर-लाभकारी मीडिया डेवलपमेंट इन्वेस्टमेंट फंड (एमडीआईएफ) और डच प्लुरलिस के साथ मिलकर एक तथाकथित इम्पैक्ट बॉन्ड लॉन्च किया है. डच प्लुरलिस एक कंपनी है जो एमडीआईएफ की मदद से उभरी है. 5 मिलियन यूरो के बॉन्ड जारी करने का उद्देश्य स्थानीय स्तर पर स्वतंत्र मीडिया को आर्थिक रूप से सहयोग करना और उनकी स्वतंत्र रिपोर्टिंग सुनिश्चित करना है.
जीएलएस बोर्ड की प्रवक्ता आइसोल उस्मानोग्लू का कहना है कि बैंक यह महसूस करता है कि प्रेस की स्वतंत्रता को बनाए रखना उसकी भी साझा जिम्मेदारी है. उन्होंने डीडब्ल्यू को बताया, "जीएलएस बैंक के तौर पर, हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि नागरिकों तक जो जानकारी पहुंचे वह पूरी तरह सही हो और किसी के दबाव में उसे गलत तरीके से पेश न किया गया हो, ताकि वे सही जानकारी के आधार पर अपनी राय बना सकें.”
उस्मानोग्लू ने बताया, "आर्थिक स्वतंत्रता और व्यवहारिक कारोबार मॉडल जरूरी है. यही वजह है कि उनका बैंक प्लुरलिस के ‘महत्वपूर्ण कार्य' का समर्थन करता है.” इस योजना के तहत, निवेशक 1,000 यूरो प्रति बॉन्ड की कीमत पर इसे खरीद सकते हैं.
जारी किया जा चुका है पहला बॉन्ड
प्लुरलिस एक इम्पैक्ट इंवेस्टमेंट व्हीकल है, जिसे एमडीआईएफ प्रबंधित करता है. इसका उद्देश्य पूरे यूरोप में मीडिया संस्थानों की मदद करना और उनकी विविधता को बनाए रखना है. वरिष्ठ सलाहकार मैक्स वॉन एबेंड्रोथ ने कुल 100 मिलियन यूरो के निवेश का लक्ष्य निर्धारित किया है.
दुनिया भर में डेढ़ गुना बढ़ीं पत्रकारों की हत्याएं
उन्होंने डीडब्ल्यू को बताया, "मार्च के अंत तक जारी किए गए जीएलएस बॉन्ड की मदद से हमने अभी तक कुल 50 मिलियन यूरो हासिल किये गये हैं.”
एमएफआईडी के अलावा, प्लुरलिस को अलग-अलग यूरोपीय मीडिया कंपनियों और लोकतंत्र को बढ़ावा देने वाले संगठनों का समर्थन मिला है. जैसे, बेल्जियम का किंग बॉडॉइन फाउंडेशन, डच कंपनी मीडियाहाउस और ओक फाउंडेशन.
प्लुरलिस उन मीडिया कंपनियों में निवेश करती है जो अपने देशों में आर्थिक संसाधन नहीं जुटा सकती हैं या वित्तीय बाधाओं के कारण अपनी स्वतंत्रता खोने के कगार पर हैं. इसका उद्देश्य इन मीडिया कंपनियों को सरकारों या राजनीतिक दलों के प्रभाव से बचाना है.
अधर में प्रेस की आजादी
मैक्स वॉन एबेंड्रोथ का दावा है कि विशेष रूप से मध्य और पूर्वी यूरोप में मीडिया पर कब्जा करने से प्रेस और मीडिया की स्वतंत्रता को खतरा है. उन्होंने कहा, "सरकार और उनके करीबी समूह अपना राजनीतिक प्रभाव बढ़ाने के लिए मीडिया कंपनियों का अधिग्रहण करती हैं. उनका उद्देश्य मीडिया कंपनियों को आर्थिक रूप से सफल बनाना नहीं होता, बल्कि इसके सहारे अपने राजनीतिक लक्ष्यों को हासिल करना होता है.”
उनका कहना है कि हाल में हंगरी और पोलैंड में यह स्थिति साफ तौर पर देखने को मिली है. साथ ही, स्लोवाकिया, क्रोएशिया, रोमानिया और बोस्निया-हर्जेगोविना भी ऐसे देश हैं जो हाल के वर्षों में रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स प्रेस फ्रीडम इंडेक्स रैंकिंग में काफी नीचे आ चुके हैं. दूसरे शब्दों में कहें, तो इन देशों में मीडिया की स्वतंत्रता काफी प्रभावित हुई है.
उदाहरण के लिए, 2015 में पोलैंड उस रैंकिंग में 18वें स्थान पर था जो अब 66वें स्थान पर आ चुका है. हंगरी की रैंकिंग भी कम हो चुकी है और वह 85वें पायदान पर पहुंच चुका है. ऐसी स्थिति तब आयी है, जब हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान की सरकार के करीबी पूंजीपतियों ने प्रमुख टीवी और रेडियो स्टेशनों के साथ-साथ समाचार पोर्टलों और प्रिंट मीडिया का अधिग्रहण कर लिया है.
मीडिया का 'रिपोलोनाइजेशन'
प्लुरलिस लंबे समय से यह महसूस कर रही है कि पोलैंड में सरकार और सत्तारूढ़ पीआईएस पार्टी मीडिया क्षेत्र में तथाकथित रेपोलोनाइजेशन कर रही है. सामान्य शब्दों में कहें, तो मीडिया कंपनियों पर फिर से अपना आधिपत्य स्थापित कर रही है.
मैक्स वॉन एबेंड्रोथ ने कहा, "विदेशी निवेशकों के अधिकारों और नियमों को सख्त बनाया जा रहा है, जिससे पोलैंड के मीडिया घरानों में निवेश करने में उनकी दिलचस्पी कम होती जा रही है.”
एबेंड्रोथ ने आगे कहा कि मौजूदा हालात यह है कि मीडिया घरानों को इस दावे के साथ बेचा जाएगा कि उनमें ज्यादा विविधता लाई जाएगी, लेकिन वास्तव में इसका उद्देश्य अलग है. वे पोलैंड में मीडिया को ज्यादा से ज्यादा अपने नियंत्रण में लाना चाहते हैं.
बॉन एबेंड्रोथ ने पोल्स्का प्रेस ग्रुप का उदाहरण देते हुए कहा कि पहले यह मीडिया घराना जर्मन प्रकाशन समूह पासौ से जुड़ा हुआ था. अब सरकार नियंत्रित पोलिश तेल कंपनी ओरलेन ने इसका अधिग्रहण कर लिया है. उन्होंने कहा, "24 स्थानीय दैनिक समाचार पत्रों में से 20 का मालिकाना हक पोल्स्का ग्रुप के पास है. अब ये समाचार पत्र पूरी तरह से पीआईएस पार्टी के नियंत्रण में हैं.”
प्लुरलिस ने पाया है कि पोलिश सरकार अपने विशेष हितों के लिए काफी ज्यादा सरकारी पैसा विज्ञापन पर खर्च करती है. यह पैसा उन मीडिया घरानों को दिया जाता है जो पीआईएस की नीतियों का समर्थन करती हैं, खासकर गजेता पोल्स्का जैसे दक्षिणपंथी अखबारों को.
प्लुरलिस के मुताबिक, पोलैंड एक ऐसा देश है जहां विदेशी निवेशकों की तत्काल जरूरत है, जो मीडिया की स्वतंत्रता के पक्षधर हों. साथ ही, उनका लक्ष्य मीडिया में विविधता स्थापित कर समाज को फायदा पहुंचाना हो.
मीडिया की आजादी सुनिश्चित करने की पहल
जहां तक संभव हो, प्लुरलिस किसी मीडिया घराने की पत्रकारिता की स्वतंत्रता की पूरी तरह पुष्टि करने के बाद उसमें सीधे तौर पर निवेश करती है. कंपनी ने अब तक स्लोवाकिया और पोलैंड में स्वतंत्र मीडिया में 32 मिलियन यूरो का निवेश किया है. उदाहरण के लिए, स्लोवाकिया में पेटिट प्रेस मीडिया हाउस और पोलैंड में ग्रेमी मीडिया कंपनी में. मैक्स वॉन एबेंड्रोथ ने कहा कि प्लुरलिस पोलैंड में हो रही गतिविधियों को देखते हुए वहां विशेष ध्यान दे रही है.
जर्मनी का जीएलएस बैंक इस बात को ध्यान में रखते हुए काम कर रहा है कि पैसा आम जनता के हित में खर्च होना चाहिए. इसमें यह सुनिश्चित करना है कि मध्य और पूर्वी यूरोप में मीडिया की स्वतंत्रता बरकरार रहे और लोगों तक सही खबरें पहुंचे. साथ ही, इन उद्देश्यों के लिए खर्च किए गए पैसे से आर्थिक लाभ भी मिल सकता है, क्योंकि बॉन्डधारकों को 10 साल के बॉन्ड निवेश पर 5 फीसदी वार्षिक ब्याज की दर से जोखिम मुक्त वापसी का आश्वासन दिया गया है.