महिलाओं के साथ हिंसा बनी जर्मनी की समस्या
जर्मनी में आज भी हर दिन सैकड़ों महिलाएं हिंसा का शिकार बन रही हैं. हाल ही में संघीय अपराध पुलिस कार्यालय की तरफ से जारी रिपोर्ट में भी इसके बारे में चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं.
हर दिन महिलाओं पर सैकड़ों हमले
जर्मन मंत्री और ग्रीन पार्टी की नेता लीसा पाउस का कहना है कि हर दिन करीब 400 महिलाओं पर हमले होते हैं. रिपोर्ट पेश करने के दौरान संघीय अपराध पुलिस की ओर से यह भी कहा गया कि कई मामलों में महिलाएं पुलिस के पास नहीं जाती हैं.
सैकड़ों महिलाओं की गई जान
संघीय अपराध पुलिस कार्यालय ने हाल ही में बीते एक साल में महिलाओं के खिलाफ हुई हिंसा के बारे में रिपोर्ट जारी की. इसके मुताबिक 2023 में 938 महिलाओं पर हिंसक हमले या हमले की कोशिश हुई. इसके नतीजे में 360 लड़कियों और औरतों की जान गई.
जर्मनी की समस्या
जर्मनी की पारिवारिक मामलों की मंत्री लीसा पाउस का मानना है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा अब पूरे जर्मनी की समस्या बन गई है. वे कहती हैं, "हर दिन करीब 400 महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार बन रही हैं."
अपने ही हैं औरतों के दुश्मन
इनमें से ज्यादातर हमलों में महिला के परिवारवाले, दोस्त, पार्टनर या एक्स पार्टनर शामिल पाए जाते हैं. 2023 में 155 महिलाओं की जान उनके पूर्व पार्टनरों ने ली थी. महिलाओं के खिलाफ हिंसा के सभी मामलों में 70.5 फीसदी मामले घरेलू हिंसा के थे.
यौन अपराध भी बढ़े
महिलाओं के खिलाफ अपराधों में यौन हिंसा की संख्या भी बहुत ज्यादा है. 2023 में 52,330 महिलाओं ने बताया कि वो यौन अपराध की पीड़ित रही हैं. यह संख्या 2022 की तुलना में करीब 6.2 फीसदी ज्यादा है.
अंतरंग संबंधों में हिंसा
जर्मनी में अंतरंग संबंध रखने वालों के बीच हुई हिंसा की वजह से जिन लोगों की जान गई उसमें 80.6 फीसदी पीड़ित, महिलाएं थीं.
जर्मनी में एक साल में लाखों मामले दर्ज
2023 में जर्मन पुलिस के पास कुल 180,715 महिलाओं ने खुद को घरेलू हिंसा का पीड़ित बताते हुए मामला दर्ज कराया. ये इससे एक साल पहले के मुकाबले करीब 5.6 फीसदी ज्यादा है.
पार्टनर और पूर्व पार्टनरों की कारस्तानी
महिलाएं जिन अपराधों की शिकायत पुलिस से नहीं करती हैं उनमें डिजिटल दुर्व्यवहार या फिर पार्टनरों के हाथों मिली हिंसा के सबसे ज्यादा मामले हैं.
महिलाओं के खिलाफ हिंसा खत्म हो
जर्मनी से आई रिपोर्ट ने विकसित देशों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की डरावनी तस्वीर पेश की है. 25 नवंबर को महिलाओं के खिलाफ हिंसा खत्म करने के अंतरराष्ट्रीय दिन के तौर पर मनाया जाता है, ताकि लोगों में जागरुकता आए.