1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

जर्मनी: ट्रेन ड्राइवरों की सबसे लंबी हड़ताल से कितने का घाटा

२४ जनवरी २०२४

जर्मनी में 24 जनवरी की सुबह 2 बजे से ट्रेन ड्राइवर छह दिनों की हड़ताल पर चले गए हैं. यह देश की सबसे लंबी रेल हड़ताल है. नवंबर महीने से अब तक, लंबी दूरी की रेलों की यह चौथी स्ट्राइक है.

https://p.dw.com/p/4bcW1
हनोवर स्टेशन, जर्मनी
दो हफ्ते पहले ही 10 से 12 जनवरी तक लंबी दूरी की रेलों की हड़ताल हुई थी.तस्वीर: Julian Stratenschulte/dpa/picture alliance

जर्मनी की सरकारी रेल कंपनी डॉयचे बान (डीबी) के साथ काम के घंटों और वेतन से जुड़े मसलों पर मतभेद के चलते हो रही इस हड़ताल से हजारों यात्रियों पर असर पड़ा है. अनुमान लगाया जा रहा है कि 1 अरब यूरो के नुकसान के साथ इस हड़ताल का गहरा आर्थिक प्रभाव भी होगा.  दो हफ्ते पहले ही 10 से 12 जनवरी तक लंबी दूरी की रेलों की हड़ताल हुई थी.

जर्मन ट्रेन ड्राइवरों की यूनियन जीडीएल ने इसी हफ्ते की शुरुआत में हड़ताल पर जाने का फैसला किया. मालगाड़ियों के ड्राइवर 23 जनवरी की शाम से ही हड़ताल पर जा चुके हैं. जीडीएल और डॉयचे बान के बीच समझौते के लिए आखिरी बार नवंबर के अंत में आमने-सामने की बातचीत हुई थी. 

रेल स्ट्राइक के दौरान जीडीएल का प्रदर्शन, नवंबर 2023
जीडीएल यूनियन का कहना है कि वह समझौते के लिए तैयार था लेकिन डीबी का प्रस्ताव इस लायक नहींतस्वीर: Fabrizio Bensch/REUTERS

क्या है मांगें?

जीडीएल की मांग है कि कर्मचारियों की शिफ्ट 38 घंटे प्रति हफ्ते से घटा कर 35 घंटे कर दिए जाए, बिना तन्ख्वाह काटे. डीबी ने जो प्लान तैयार किया, उसमें शिफ्ट में एक घंटे की कटौती का विकल्प या फिर 38 घंटे काम करने वालों के वेतन में 2.7 फीसदी की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव रखा गया. तन्ख्वाह में 13 फीसदी की बढ़त के अलावा महंगाई बोनस दिए जाने की बात रखी गई, लेकिन यूनियन ने इसे स्वीकार नहीं किया और फिर से हड़ताल पर जाने का फैसला किया.

डीबी के एक प्रवक्ता ने हड़ताल के जबरदस्त आर्थिक प्रभावका जिक्र करते हुए पत्रकारों से कहा कि "यूनियन को बातचीत की मेज पर आना ही होगा, समझौते का रास्ता ढूंढना ही होगा. प्रवक्ता ने कहा कि सिर्फ यही एक तरीका है." दूसरी ओर, जीडीएल नेता क्लाउस वेजेलस्की ने एआरडी से बातचीत में कहा कि वह काम के घंटों और पैसों पर समझौते के लिए तैयार थे, लेकिन डीबी का प्रस्ताव इस लायक नहीं था. वेजेलस्की ने कहा, "हमें बहुत दूर तक और तगड़ी चोट करनी होगी क्योंकि रेलवे प्रशासन सलाह मानने को तैयार नहीं है."

जर्मनी में रेल का इंतजार करते लोग
जानकार कहते हैं कि रेल हड़ताल से बड़ा आर्थिक झटका लगेगातस्वीर: Bodo Marks/dpa/picture alliance

अर्थव्यवस्था पर चोट

फेडरेशन ऑफ जर्मन इंडस्ट्रीज की मैनेजिंग डायरेक्टर तान्या गोएनर ने भी आर्थिक नुकसान की बात पर जोर दिया. गोएनर ने कहा कि छह दिन की हड़ताल से 1 अरब का घाटा होने की बात अवास्तविक नहीं लगती. डॉयचे बान की प्रवक्ता आन्या ब्रोएकर ने तो यहां तक कहा कि "इतनी लंबी कार्रवाई, जर्मनी की अर्थव्यवस्था पर चोट है." ब्रोएकर ने कहा कि रेल सेवा जिस कार्गो ट्रैफिक को लाने-ले जाने का काम करती है, उसमें बिजलीघरों और रिफाइनरों को सप्लाई होने वाला माल भी शामिल है. हालांकि उन्होंने भरोसा जताते हुए यह भी कहा, ''डीबी कार्गो हर संभव कोशिश करेगा कि सप्लाई चेन सुरक्षित चलती रहे, लेकिन यह साफ है कि असर तो होना ही है''.

परिवहन मंत्री फोल्कर विजिंग ने इस रेल हड़ताल को विनाशकारी बताते हुए आशंका जताई कि यह सप्लाई चेन पर भयंकर दबाव की वजह बनेगी, जो पहले से ही लाल सागर में चल रही उथल-पुथल की वजह से झटका झेल रही है. विजिंग ने कहा, "मुझे यह बिल्कुल बेकार की बात लगती है कि एक तरफ तो यात्री ट्रेनों की आवाजाही को रोका गया है और दूसरी तरफ समझौते की मेज पर भी बैठने से इंकार किया जा रहा है."

एसबी/एसएम (रॉयटर्य, एएफपी, डीपीए)