भारत: लोन देने वाले ऐप्स पर गूगल की सख्ती
१५ जनवरी २०२१गूगल में उत्पाद, एंड्रॉयड सुरक्षा और गोपनीयता की उपाध्यक्ष सुजैन फ्रे ने ब्लॉग पोस्ट में लिखा, "हमने भारत में उपयोगकर्ताओं और सरकारी एजेंसियों द्वारा दिए गए फीडबैक के बाद सैकड़ों निजी लोन देने वाले ऐप्स की समीक्षा की है." हाल ही में रॉयटर्स द्वारा जांच में पाया गया था कि कम से कम 10 ऋण देने वाले ऐप्स ने गूगल के नियमों का उल्लंघन किया है. गूगल के नियम के मुताबिक प्ले स्टोर पर ऐसे किसी लोन देने वाले ऐप को नहीं डाला जा सकता है जो 60 दिन से कम का लोन देते हैं या फिर वे नियमित नहीं हैं.
जांच में यह भी बात सामने आई थी कि ऋण देने वाले ऐप्स ने कर्जदारों की सुरक्षा के लिए बनाए गए आरबीआई के नियमों को अनदेखा किया. गूगल ने उन ऐप्स की संख्या के बारे में विस्तार से नहीं बताया जो प्ले स्टोर से हटाए गए हैं. बिना किसी पूर्व सूचना के गूगल ने इन ऐप्स को प्ले स्टोर से हटाया है. गूगल ने कंपनियों से संपर्क किया है और उन्हें स्पष्ट करने के लिए कहा है कि क्या वे नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं. गूगल ने कहा कि अगर वे नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं तो उन्हें प्ले स्टोर से हटा दिया जाएगा. कंपनियों को भेजे ईमेल में गूगल ने लिखा, "हम आपको इस ईमेल के मिलने के पांच दिनों के भीतर पुष्टि करने के लिए कहते हैं कि क्या आपको आरबीआई से एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) के रूप में मान्यता प्राप्त है या ऐसी सेवाओं की पेशकश करने के लिए सरकारी कानून के तहत पंजीकृत हैं, या किसी पंजीकृत एनबीएफसी या बैंक के नामित एजेंट के रूप में आपके ऐप पर सेवाएं दी जा रही हैं."
कंपनियों को भेजे ईमेल को रॉयटर्स ने देखा है. इस ईमेल में लिखा है, "अगर हमें इस ईमेल के पांच दिनों के भीतर आपसे यह पुष्टि नहीं मिलती है तो आपका ऐप गूगल प्ले से हटा दिया जा सकता है."
लोन ऐप वाले करते हैं परेशान!
फटाफट लोन देने देने वाले ऐप्स उस वक्त अधिकारियों की नजरों में आए जब उनके एजेंट द्वारा कर्जदारों को परेशान किया गया और कुछ कर्जदारों ने बेइज्जत होने के बाद खुदकुशी भी कर ली. आरोप है कि ऐप्स के एजेंट कर्ज वसूली करने के लिए गैर कानूनी तरीके अपनाते और कर्जदार को परेशान करते हैं और उन्हें पैसे लौटाने के लिए धमकी तक दे डालते. रॉयटर्स ने कम से कम 50 कर्ज देने वाले ऐप्स की समीक्षा की है, उसने पाया कि सभी ऐप्स कर्जदारों को फोन कॉन्टैक्ट तक पहुंच की इजाजत मांगते हैं, कर्जदारों का आरोप है कि इसका इस्तेमाल लोन चुकाने में देरी या भुगतान में चूक करने पर कर्ज वसूलने वाले एजेंट द्वारा किया जाता है.
गूगल का कहना है कि डेवलपर्स को केवल उन अनुमतियों का इस्तेमाल करना चाहिए जो मौजूदा सुविधाओं और सेवाओं को लागू करने के लिए जरूरी हैं.
इस बीच आरबीआई ने इस तरह के लोन देने वाले डिजिटल ऐप पर लगाम कसने के लिए एक वर्किंग समूह का गठन किया है. यह समूह इस तरह के ऐप के कामकाज के तरीकों की जांच करेगा. समूह को जांच के लिए तीन महीने का वक्त दिया गया है और इसके बाद वह अपनी रिपोर्ट आरबीआई को सौपेंगा.
लोन ऐप के एजेंटों द्वारा कथित तौर पर परेशान किए जाने के बाद तेलगाना में ही कम से कम छह लोगों ने खुदकुशी कर ली है. तेलंगाना पुलिस ने अब तक फटाफट लोन देने वाले ऐप्स से जुड़े चार चीनी नागरिकों को गिरफ्तार किया है.
एए/सीके (रॉयटर्स)
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