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कानून और न्यायभारत

बिलकिस बानो गैंगरेप केस में सभी दोषियों की रिहाई

१६ अगस्त २०२२

बिलकिस बानो गैंगरेप मामले के 11 दोषियों को 15 अगस्त को जेल से रिहा कर दिया गया. इन दोषियों ने 15 साल से अधिक जेल की सजा काटी थी जिसके बाद उनमें से एक ने अपनी समय से पहले रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

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फाइल तस्वीरतस्वीर: Murali Krishnan

2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे 11 दोषियों को सोमवार यानी स्वतंत्रता दिवस के दिन गोधरा जेल से रिहा कर दिया गया. वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक राज्य सरकार के एक पैनल ने सजा की माफी के लिए उनके आवेदन को मंजूरी दी जिसके बाद उनकी जेल रिहाई हो पाई.

गुजरात के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) राज कुमार ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि जेल में "14 साल पूरे होने" और अन्य कारकों जैसे "उम्र, अपराध की प्रकृति, जेल में व्यवहार आदि" के कारण माफी के आवेदन पर विचार किया गया था."

21 जनवरी, 2008 को मुंबई में सीबीआई की अदालत ने बिलकिस बानो के परिवार के सात सदस्यों के सामूहिक बलात्कार और हत्या के आरोप में 11 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट ने उनकी सजा को बरकरार रखा.

दाहोद जिले के लिमखेड़ा तालुका में 3 मार्च 2002 को भीड़ द्वारा बिलकिस के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था और उनकी तीन साल की बेटी सालेहा समेत 14 रिश्तेदारों की हत्या कर दी गई थी. उस समय बिलकिस गर्भवती थीं.

बिलकिस बानो नरसंहार में बच गई थीं और उनका मामला 2002 के दंगों से संबंधित सबसे महत्वपूर्ण मामलों में से एक था. इसकी जांच सीबीआई को सौंपी गई थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मुकदमे को गुजरात से महाराष्ट्र ट्रांसफर कर दिया गया था.

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