क्या है "भूमि घोटाला" जिसमें गिरफ्तार हुए हेमंत सोरेन
१ फ़रवरी २०२४बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया. और इसके साथ ही सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेतृत्व वाले गठबंधन ने नए मुख्यमंत्री के रूप में जेएमएम के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन का नाम प्रस्तावित किया.
कथित भूमि घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में ईडी द्वारा लगभग सात घंटे तक पूछताछ किए जाने के बाद सोरेन ने राजभवन में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को अपना इस्तीफा सौंपा और उसके बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
चंपई सोरेन होंगे नए मुख्यमंत्री
सोरेन के इस्तीफे के बाद चंपई सोरेन को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया. नेता का चुनाव होने के बाद चंपई सोरेन के नेतृत्व में सत्ताधारी दल के विधायकों ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया. सत्ताधारी दल ने कुल 47 विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल को सौंपा.
राज्य में सरकार बनाने के लिए 81 सदस्यों की विधानसभा में 41 विधायकों का समर्थन चाहिए. चंपई सोरेन ने कुल 47 विधायकों के समर्थन का दावा किया जो कि बहुमत से अधिक है. हालांकि, राज्यपाल ने कहा है कि वह इस संबंध में पूरी जांच पड़ताल कर फैसला लेंगे. अभी तक राज्यपाल ने चंपई सोरेन को सरकार बनाने का निमंत्रण नहीं दिया है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने मीडिया से कहा, "हेमंत सोरेन ने झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. सत्तारूढ़ झामुमो-कांग्रेस-राष्ट्रीय जनता दल गठबंधन ने नए मुख्यमंत्री के रूप में वरिष्ठ जेएमएम नेता चंपई सोरेन का नाम प्रस्तावित किया है."
हेमंत सोरेन पर क्या हैं आरोप
600 करोड़ रुपये के कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए हेमंत सोरेन ईडी के सात समन पहले टाल चुके थे. वह कुछ समय से गिरफ्तारी की आशंका जता रहे थे.
ईडी ने आरोप लगाया है कि भूमि घोटाले में सरकारी जमीन का स्वामित्व बदलने और उसे बिल्डरों को बेचने का एक "बड़ा रैकेट" शामिल है. इस मामले में अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें 2011 बैच के आईएएस अधिकारी छवि रंजन भी शामिल हैं, जो राज्य समाज कल्याण विभाग के निदेशक और रांची के डिप्टी कमिश्नर भी रह चुके हैं.
पिछले साल जांच एजेंसी ने इस मामले में झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में दर्जनों ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिनमें झारखंड कैडर के आईएएस छवि रंजन के ठिकाने भी शामिल थे.
इस कथित घोटाले के संबंध में ईडी के समन के खिलाफ हेमंत सोरेन सुप्रीम कोर्ट भी जा चुके हैं लेकिन वहां उन्हें कोई राहत नहीं मिली, जिसके बाद उन्होंने झारखंड हाई कोर्ट का रुख किया लेकिन वहां से भी उन्हें निराशा ही मिली. सोरेन को ईडी का पहला समन अगस्त 2023 में जारी हुआ था.
सोरेन की गिरफ्तारी के बाद बुधवार रात इंडिया गठबंधन की एक बैठक हुई जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और डीएमके नेता टीआर बालू समेत कई नेता मौजूद रहे. सोरेन की जेएमएम इंडिया गठबंधन का हिस्सा है.
खड़गे ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने देश में संघीय ढांचे की व्यवस्था को खत्म कर दिया है. उन्होंने ट्वीट में कहा कि मोदी सरकार विरोधियों को कमजोर करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय का इस्तेमाल कर रही है.
उन्होंने लिखा, "जो मोदी जी के साथ नहीं गया, वह जेल जाएगा. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर ईडी लगाकर उनका त्याग पत्र लेने को मजबूर करना संघीय ढांचे की धज्जियां उड़ाना है. पीएमएलए के प्रावधानों को कठोर बना कर विपक्ष के नेताओं को डराना-धमकाना भाजपा की टूल किट का हिस्सा है."
वहीं बीजेपी ने सोरेन की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि "झारखंड से विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए में भ्रष्टाचार की एक और महान उपलब्धि जुड़ गई है."
कौन हैं चंपई सोरेन
मीडिया में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि चंपई सोरेन का मुख्यमंत्री पद के लिए चुनाव विकल्प के तौर पर नहीं बल्कि मजबूरी के रूप में किया गया है. ऐसा कहा जा रहा है कि पहले हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे.
पिछले दिनों जेएमएम विधायक सरफराज अहमद ने इस्तीफा दे दिया था, ताकि कल्पना सोरेन मुख्यमंत्री बनें तो खाली सीट से चुनाव लड़कर विधायक बन सके.
लेकिन मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक जेएमएम विधायक और हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन ने मुख्यमंत्री पद के लिए कल्पना का नाम आते ही विरोध शुरू कर दिया. इसके साथ ही जेएमएम के अंदर भी यह चर्चा होने लगी कि अगर कल्पना सोरेन पद संभालती हैं और परिवार के अंदर ही विरोध होता है तो लोकसभा चुनाव के पहले इसका गलत संदेश जाएगा.
चंपई सोरेन जेएमएम के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं. चंपई झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक शिबू सोरेन के करीबी और अलग राज्य के आंदोलन में सक्रिय रह चुके हैं. साल 2010 में चंपई बीजेपी में शामिल हो गए थे और अर्जुन मुंडा की सरकार में मंत्री रह चुके हैं. बाद में वह जेएमएम में वापस आ गए.
हेमंत सोरेन झारखंड के ऐसे तीसरे मुख्यमंत्री हैं जो गिरफ्तार हुए हैं. इससे पहले हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन और मधु कोड़ा भी गिरफ्तार हो चुके हैं. मधु कोड़ा आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार हुए थे.
शिबू सोरेन को उनके निजी सचिव के अपहरण और हत्या की साजिश में शामिल होने के आरोप में दिल्ली की एक अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. लेकिन सबूतों की कमी के कारण उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट ने बरी कर दिया था. फिर सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था.