क्यों बढ़ गई ‘गरीबों के खाने’ की मांग
यह असीद है. यमन में इसे गरीबों का खाना कहा जाता है. आजकल वहां असीद की मांग बहुत बढ़ गई है, जो देश के हालात के बारे में बहुत कुछ कहता ह
असीद खाने वाले बढ़े
यमन में असीद की मांग बढ़ गई है. रेस्तरांओं में ग्राहक असीद ही खा रहे हैं. ऐसा क्या हो गया है कि असीद खाने वाले इतने ज्यादा हो गए हैं?
गरीबों का खाना
असीद को यमन में गरीबों का खाना कहा जाता है. देश की राजधानी सना में कई असीद रेस्तरां हैं जहां आजकल लोगों की भीड़ लगी है.
क्या है असीद?
असीद एक तरह का दलिया होता है. सना में एक असीद रेस्तरां के मालिक नबील अल-कादसी कहते हैं कि यह सेहतमंद खाना है क्योंकि इसमें सफेद आटा नहीं होता.
सेहत या गरीब
असीद की मांग बढ़ने की वजह सेहत नहीं गरीबी है. दुनिया के सबसे गरीब देशों में शामिल यमन में इस वक्त लोगों के लिए दो वक्त का भोजना जुटाना भी मुश्किल हो चुका है.
महंगाई
सना में एक अकाउंटेंट मुताज मुर्शद कहते हैं, “इस खाने की मांग महंगाई के कारण बढ़ी है. यह सबके लिए सस्ता है और अमीर-गरीब सब लोग इसे खा सकते हैं.”
युद्ध की मार
ईरान-समर्थित हूथी समुदाय और सऊदी अरब के बीच जारी जंग ने यमन की अर्थव्यवस्था को घुटनों पर ला दिया है और वहां बड़ा मानवीय संकट जारी है.