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सैरसपाटे को कैसे बदल रहा है आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस

जोनास मार्टिनी
१४ अप्रैल २०२३

चैटबोट, रोबोट और दूसरी अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीकें पर्यटन उद्योग को भी बदल रही हैं. इन सबका भविष्य कैसा है?

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KI im Tourismus l sprechende Roboter "Hugo" auf dem Domplatz, Erfurt
तस्वीर: Martin Schutt/dpa/picture alliance

चैट जीपीटी से अगर आप मायोर्का के आस-पास ऐसी घूमने वाली जगहों की जानकारी मांगिये जहां बहुत ज्यादा पर्यटक ना जाते हों तो यह आपको ऐसी तमाम जगहें और वहां की परंपरागत खाने-पीने की चीजें सुझा देगा जो कि हर ट्रैवल गाइड में मौजूद होंगी. आर्टिफिशियल  इंटेलीजेंस (एआई) चैटबोट आपको पाल्मा के कैथीड्रल, सोलेर के मशहूर और सुरम्य शहर और सदियों पुरानी आइसक्रीम पार्लर कान जोआन डेसाइगो के बारे में सुझाव देगा. दूसरे शब्दों में कहें तो अगर आप पर्यटन के लिए कुछ छिपे हुए जगहों की तलाश में हैं तो चैटजीपीटी पर बिल्कुल भरोसा ना करें.

चैटजीपीटी ने मुझे बताया, "जब इनसाइडर टिप्स की बात आती है तो यह व्यक्तिगत प्राथमिकताओं और अनुभवों की बात हो जाती है और एक एआई मॉडल होने के नाते यह मेरे पास नहीं है. यदि आपको ज्यादा स्पेसिफिक और निजी जानकारियां चाहिए तो मेरी सलाह होती है कि आप स्थानीय गाइड या फिर स्थानीय लोगों से संपर्क करिए जो कि आपको इनसाइडर टिप्स दे सकें.”

खास जानकारी नहीं

हालांकि सरल और ज्यादा स्पष्ट प्रश्न वही हैं जो चैटजीपीटी पर मौजूद हैं. मसलन, अगर आप चैटबोट से सवाल पूछेंगे कि बस से पाल्मा के बीचोंबीच स्थित प्लाका डेस्पान्या चौक पहुंचने के लिए कैसे जाया जाए तो वो इसका तुरंत और बिल्कुल सही जवाब देगा. इसी तरह मायोर्का के परंपरागत पपरिका सॉसेज, सोबरासदा के बारे में पूछने पर बिल्कुल सही जानकारी मिलती है. बिल्कुल ऐसा ही मेरे सवाल पर हुआ जब मैंने पूछा कि क्या द्वीप पर टिप देने का कोई रिवाज है, तो जवाब मिला -ऐसा होता है और दस फीसदी टिप देना आमतौर पर सही माना जाता है.

बहुत भरोसे के लायक नहीं चैट जीपीटी
चैट जीपीटी से आम जानकारियां ही मिलती हैंतस्वीर: Avishek Das/SOPA Images via ZUMA Press Wire/picture alliance

दक्षिण जर्मनी की रावेन्सबर्ग-वेंगर्टन यूनिवर्सिटी ऑफ अप्लायड साइंसेज में बिजनेस इनफॉर्मेटिक्स की प्रोफेसर वोलफ्राम हॉपकेन कहती हैं, "जब तक पर्यटन-विशेष चैटबोट्स शहरों को गाइड करने के लिए नहीं होंगे तब तक यह लंबा नहीं होगा. हालांकि तकनीक अभी भी काफी अत्याधुनिक है. इतना ही नहीं बल्कि एआई एप्लीकेशनों का इस्तेमाल पर्यटन से संबंधित दूसरे क्षेत्रों में काफी व्यापक तौर पर हो रहा है.”

एआई पहले से ही काफी फैला हुआ है

आर्टिफिशियल  इंटेलीजेंस का इस्तेमाल आजकल ज्यादातर कंपनियों के संचालन में किया जा रहा है, हालांकि यात्रियों को हमेशा इसकी जानकारी नहीं होगी. उदाहरण के लिए, एयरलाइंस एआई का इस्तेमाल यह जानने के लिए करते हैं कि कितने यात्री अपनी यात्रा रद्द कर सकते हैं या फिर उसे आगे बढ़ा सकते हैं. दूसरी कंपनियां इस तरह की तकनीक का इस्तेमाल फर्जी ऑनलाइन बुकिंग का पता लगाने में करती हैं. यहां तक कि वेनिस में एआई का इस्तेमाल भीड़ को नियंत्रित करने में भी हो रहा है.

हॉपकेन कहती हैं, "ऐसे तमाम एआई एप्लीकेशन हैं जिनका इस्तेमाल यात्री, सेवा प्रदाता, सैरसपाटे वाली जगहें और ऑनलाइन ट्रैवल प्लेटफॉर्म कर रहे हैं.”

यही नहीं, लोग छुट्टियां बिताने के लिए भी कई मायनों में एआई की मदद ले रहे हैं. आजकल अक्सर देखा जाता है कि यदि आप किसी टूअर ऑपरेटर से संपर्क करते हैं तो हो सकता है कि उसके जरिए आप किसी वास्तविक व्यक्ति की बजाय ऑनलाइन चैटबोट के संपर्क में आ जाएं. उसके बाद इंटेलीजेंस सिस्टम हैं, जैसे होटल बुकिंग प्लेटफॉर्म्स ग्राहकों को उनकी खास पसंद और प्राथमिकताओं के लिए इनका प्रयोग करते हैं. इसके अलावा, रोबोट तो धीरे-धीरे अब होटल और रेस्टोरेंट में काम संभालना शुरू ही कर चुके हैं.

सेवा उद्योग में रोबोट का उपयोग बढ़ा है लेकिन हर जगह वह काम नहीं आयेगा
रोबोट खाना परोस रहे हैं लेकिन सबकुछ इतना अच्छा भी नहींतस्वीर: Henning Kaiser/dpa/picture alliance

हालांकि वो रोबोट्स जो रेस्टोरेंट्स में मेजों से गंदे भोजन इकट्ठा करते हैं और उन्हें रसोई तक ले आते हैं, वे बहुत साफ-सुथरे नहीं होते. हॉपकिन्स कहती हैं कि ऐसे रोबोट रेस्टोरेंटों में अपने आप नेवीगेट नहीं कर सकते. उनके साथ सभी लोग लोग बातचीत नहीं करना चाहेंगे. यही कारण है कि एआई एप्लीकेशंस को पर्यटन व्यवसाय के कुछ क्षेत्रों मसलन, व्यापार और हॉस्पिटैलिटी में तो इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन अन्य जगहों पर नहीं.

चैटजीपीटी पर आंख मूंदकर भरोसा मत करिए

हॉपकेन इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि चैटजीपीटी जैसी तकनीक निश्चित तौर पर तेजी से महत्वपूर्ण हो जाएंगी. चैटबोट्स के गलत या कम सही परिणाम कुछ क्षेत्रों में इतने खतरनाक या भयानक नहीं होते, खासकर जब बात पर्यटन क्षेत्र की जानकारी के बारे में होती है. कोई भी व्यक्ति जो चैटजीपीटी पर मायोर्का के मारीवेंट पैलेस के बारे में जानना चाहता है तो उसे निराशा हाथ लगेगी क्योंकि यह इमारत आम लोगों के लिए नहीं खुली है. मारीवेंट पैलेस पाल्मा के बाहरी हिस्से में है जो कि शाही परिवार का गर्मियों के मौसम में निवास स्थान होता है.

यह देखा जाना अभी बाकी है कि क्या चैटबॉट वास्तव में आजमाई हुई गाइड बुक या मानव यात्रा गाइड की जगह ले सकेंगे. चैटजीपीटी को खुद ऐसा नहीं लगता कि वह आने वाले समय में ऐसा कर सकेगा, "हालांकि मैं एक डिजिटल सहायक के रूप में उपयोगी हो सकता हूं, पर मुझे नहीं लगता कि मैं ट्रैवल गाइड और स्थानीय लोगों की तरह अनुभव के आधार पर को राय बना सकूंगा.”