पर्यावरण के लिये फुटबॉल खिलाड़ी क्या विमान यात्रा छोड़ेंगे
३० सितम्बर २०२२पेरिस सेंट-जर्मेन (PSG) फुटबॉल क्लब के मुख्य कोच क्रिस्टोफ गाल्टियर और स्टार फॉरवर्ड खिलाड़ी काइलियन म्बाप्पे पिछले दिनों इस सुझाव पर हंस पड़े थे कि फ्रेंच चैंपियनशिप जीतने वाले क्लब पीएसजी के खिलाड़ी नैनटेस में आयोजित टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए जहाज की बजाय दो घंटे की ट्रेन यात्रा करें.
फ्रेंच स्ट्राइकर और कोच का जवाब यह बताने के लिये काफी है कि फुटबॉल में शीर्ष स्तर पर जो लोग हैं वो बाकियों से कितने कटे हुए हैं, लेकिन इसके साथ ही इसने यह सवाल भी उठाया है कि दूसरी जगहों पर होने वाले मैच के लिए शीर्ष स्तर की फुटबॉल टीमें कैसे यात्रा करती हैं.
बुंडेसलीगा एक लीग है जिसके पास जीरो-कार्बन स्टेडियम, सोलर पैनल और यहां तक कि पानी की खपत को कम करने के लिए स्टेडियम में कुएं जैसे तमाम जलवायु-अनुकूल इंतजाम रहते हैं.
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हालांकि लीग के तमाम प्रशंसक भी पर्यावरण को बचाने के लिए हरसंभव कोशिश करते हैं, फिर भी कुछ कमियां रह जाती हैं. 2020 में जर्मनी के पब्लिक ब्रॉडकास्टर डॉयचलैंडफुंक की ओर से पर्यावरण सलाहकार एजेंसी C02OL ने एक सर्वेक्षण कराया जिसके मुताबिक, फुटबॉल प्रेमियों की वजह से हर मैच में करीब 7800 टन हानिकारक उत्सर्जन किया गया. इनमें से ज्यादातर उत्सर्जन खेल प्रेमियों की यात्रा की वजह से हुआ, तो खुद क्लब के बारे में क्या कहना है?
जहाज, बस या ट्रेन?
डीडब्ल्यू ने बुंडेसलीगा लीग से संबंधित सभी 18 क्लबों के बारे में जानने की कोशिश की कि वो दूर-दराज की यात्राएं किस तरह से करते हैं. सात क्लबों ने तो कोई जवाब ही नहीं दिया, तीन क्लबों ने सुरक्षा कारणों, डाटा की गोपनीयता और कुछ अन्य वजहों से जानकारी देने से मना कर दिया. लेकिन आठ क्लबों ने जानकारी साझा की.
बोरुसिया डोर्टमंड ने बताया कि वे इस सीजन की आधे से ज्यादा यात्राएं (नौ से ज्यादा) बस से करेंगे, जबकि शाल्के का कहना था कि उन्होंने अब तक तीन यात्राएं बस से और एक जहाज से की हैं.
वर्डर ब्रेमेन ने बताया कि पिछले सीजन में उन्होंने 10 यात्राएं बस से, पांच जहाज से और दो यात्राएं ट्रेन से कीं. उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने हर यात्रा में वापसी भी उसी तरह से की, जिस तरह से गए थे.
बोखुम और फ्रैंकफर्ट का कहना था कि वो जहाज की यात्रा कभी कभार ही करते हैं, जैसे यूरोपियन गेम्स के बाद यदि तुरंत बर्लिन या म्युनिख में कोई खेल हो रहा हो तो ऐसी स्थिति में हमें हवाई यात्रा करनी पड़ती है.
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माइंज ने बताया कि उन्होंने पिछले सीजन में 11 बार बस की यात्रा की और छह बार हवाई यात्राएं कीं. माइंज ने एक नियम सा बना रखा है कि वो 400 किलोमीटर से ज्यादा दूर की यात्राएं ही हवाई जहाज से करेंगे और हवाई यात्रा में भी जहां तक संभव होगा वो चार्टर्ड विमानों की तुलना में सामान्य विमान सेवा को ही चुनेंगे.
कोलोन का कहना है कि उन्होंने चार घंटे तक की ज्यादातर यात्राएं बस से कीं. फ्राइबुर्ग के मुताबिक, दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम जर्मनी में होने वाले ज्यादातर खेलों में भाग लेने के लिए उन्होंने बस से ही यात्रा की लेकिन कोविड संक्रमण के पहले, पश्चिम जर्मनी की यात्राएं ट्रेन से या बर्लिन और ब्रेमेन जैसी ज्यादा दूरी वाली यात्राएं हवाई जहाज से कीं.
दरअसल, कोविड महामारी ने बुंडेसलीगा टीमों के लिए ट्रेन यात्राएं लगभग बंद ही कर दी हैं. एक तो संक्रमण का भी डर था और कोविड प्रोटोकॉल भी हर जगह लागू हैं. हालांकि कुछ क्लबों का कहना था कि ट्रेन सेवाओं की अविश्वसनीयता ने एक भरोसेमंद परिवहन माध्यम के रूप में इन्हें खारिज कर दिया है.
नियंत्रण से बाहर होतीं हवाई यात्राएं
डीडब्ल्यू से बातचीत में ट्रांसपोर्ट रिसर्चर और विशेषज्ञ गिलियो मातिओली कहते हैं कि मुद्दा यह भी है कि हर जगह हवाई यात्रा लग्जरी की बजाय उम्मीद बन गया है, खासकर फुटबॉल खिलाड़ियों जैसे समृद्ध लोगों के बीच में.
वो कहते हैं, "मुझे लगता है कि हवाई यात्रा उनके जीवन का अनिवार्य अंग है और उन्हें इसकी उम्मीद भी रहती है. और शायद यह इसका सबसे खतरनाक पहलू है, कुछ खास पदों पर बैठे लोग इसे बहुत हल्के में लेते हैं और फिर यह आदत में शुमार हो जाता है.”
इसे बदलना होगा. हवाई यात्राओं का प्रभाव इतना बढ़ता जा रहा है कि इसे नजरअंदाज करना कठिन है. "यूके डिपार्टमेंट फॉर बिजनेस, एनर्जी एंड इंडस्ट्रियल स्ट्रेटजी” की ओर से ग्रीनहाउस गैस कंवर्जन फैक्टर्स पर 2022 में प्रकाशित एक लेख के मुताबिक, बसों की तुलना में घरेलू उड़ानें पर्यावरण को नौ गुना ज्यादा दूषित करती हैं.
मातिओली और उनके साथियों की गणना के मुताबिक, म्बाप्पे एंड कंपनी की 42 मिनट लंबी ‘कुख्यात' हो चुकी उड़ान तीन सितंबर को पेरिस से नैनतेस के लिए रवाना हुई थी. इस उड़ान में ट्रेन की तुलना में प्रति यात्री सात से 17 गुना ज्यादा ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन हुआ. पेरिस से नानतेस की सीधी ट्रेन सेवा महज दो घंटे समय लेती है.
मातिओली कहते हैं कि हवाई यात्रा को कम करने की कोई कोशिश जानबूझकर नहीं की गई, "घरेलू और निजी उड़ानों को नियंत्रित करके भी काफी कुछ किया जा सकता है और हवाई अड्डों के विस्तार पर लगाम लगाना ठीक होगा. यदि आप आपूर्ति ही रोक देंगे तो मांग अपने आप कम होगी और वो दूसरे रास्ते तलाशेगी.”
शरीर को आराम
यह स्पष्ट है कि हवाई यात्राएं आराम की वजह से चुनी जाती हैं और खेल के बाद थके होने के कारण खिलाड़ियों को इसकी जरूरत भी होती है.
जूलिया आयर एक खेल वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक हैं और फुटबॉल के क्षेत्र में काम करती हैं. डीडब्ल्यू से बातचीत में वो कहती हैं, "लंबी यात्राओं के बाद कूल्हों और पीठ में दर्द होने लगता है. चूंकि शरीर के ये निचले हिस्से किसी फुटबॉलर की आजीविका चलाते हैं, इसलिए उन्हें उस वक्त आराम चाहिए होता है जब वे खेल चुके होते हैं और यात्रा पर होते हैं.”
वो कहती हैं, "आप बस या ट्रेन में टहलकर इसे कम कर सकते हैं लेकिन यदि दो घंटे से ज्यादा यात्रा करनी हो तो यह तकलीफदेह हो जाती है.”
आयर मध्य जर्मनी में टीएसजी वीसेक यूथ एकेडमी में एथलेटिक डायरेक्टर हैं और व्हाइट लॉयन परफॉर्मेंस नाम का अपना खुद का व्यवसाय भी देखती हैं. वो कहती हैं, "फुटबॉलरों की घुटनों के पीछे की नसें यानी हैमस्ट्रिंग्स, कूल्हे और कूल्हों के फ्लेक्सर्स टाइट होते हैं. इसलिए यदि उन्हें यात्रा के बाद सीधे पिच पर उतरना होता है तो वो कुछ घंटों की हवाई यात्रा ही पसंद करते हैं.”
अरबों डॉलर के इस खेल में काफी फायदा है, महज कुछ घंटे यहां बहुत नुकसान कर सकते हैं इसलिए पर्यावरण सुरक्षा की कीमत पर फुटबॉलरों के शारीरिक आराम से समझौता करने की उम्मीद करना मुश्किल है. स्पष्ट है, फुटबॉल क्लबों की तुलना में विमान प्रदूषण के क्षेत्र में कहीं बड़े खिलाड़ी हैं. लेकिन इन अमीर लोगों को जिनका सामाजिक प्रभाव भी काफी व्यापक है, उन्हें अवश्य सोचना चाहिए कि उनकी पसंद कोई हंसी मजाक की बात नहीं है.