पिघलती बर्फ के साथ बदलते लोग
जलवायु परिवर्तन इन लोगों के घरबार और रोजी रोटी छीन रहा है. इनके पास अब एक ही चारा बचा है, जलवायु के मुताबिक परिवर्तित हो जाएं. देखिए, कैसे बदल रहे हैं आर्कटिक के आदिवासी...
कैसे बदल रहे हैं लोग
आर्कटिक पर रहने वाले आदिवासी लोग बदल रहे हैं क्योंकि उनके आसपास का वातावरण बदल रहा है. बर्फ पहले से पतली हो गई है और तापमान बढ़ता जा रहा है.
तकनीक का सहारा
कनाडा के न्यूफाउंडलैंड और लैब्राडोर में रहने वाले ये लोग अपने पारंपरिक जीवन को बनाए रखने के लिए अब तकनीक का ज्यादा सहारा ले रहे हैं.
हाईवे पर मछलियां नहीं
पहले ये लोग ‘आइस हाईवे’ पर मछलियां पकड़ते थे लेकिन सूखा लंबा हो रहा है, तूफान और बाढ़ की तीव्रता बढ़ रही है और पारंपरिक तरीकों से जीवन मुश्किल होता जा रहा है.
‘स्मार्टआइस’ प्रोग्राम
आदिवासी लोग स्मार्टआइस प्रोग्राम चला रहे हैं जिसमें तकनीक के जरिए बर्फ की मोटाई पर नजर रखी जाती है. स्थानीय लोग वेबसाइट से जान सकते हैं कि कहां कितनी मोटी बर्फ है और फिर उस हिसाब से शिकार की जगह तय करते हैं.
चार गुना तेज गर्मी
वैज्ञानिकों का कहना है कि आर्कटिक बाकी धरती के मुकाबले चार गुना ज्यादा तेजी से गर्म हो रहा है. विशेषज्ञ मानते हैं कि 2035 तक आर्कटिक सागर का आकार गर्मियों में मात्र चार लाख वर्ग किलोमीटर तक सिमट जाने का अंदेशा है.