पोलैंड-बेलारूस की सीमा पर सैकड़ों प्रवासी
९ नवम्बर २०२१पोलैंड के प्रधानमंत्री ने खुद सीमा पर जा कर हालात का मुआयना किया और अधिकारियों ने चेतावनी दी कि आने वाले दिनों में तनाव बढ़ सकता है. पोलैंड ने बेलारूस पर प्रवासियों को पोलैंड के रास्ते यूरोपीय संघ में घुसने के लिए कहने का आरोप लगाया है.
कुछ वीडियो क्लिपों में सैकड़ों प्रवासियों को पोलैंड की सीमा के पास कुजनिका गांव की तरफ बढ़ते हुए देखा जा सकता है. कुछ को फावड़े और दूसरे औजारों से बाड़ को तोड़ने की कोशिश करते हुए भी देखा जा सकता है. पोलैंड के बॉर्डर गार्ड बल ने बताया कि बाड़ के पार बेलारूस की तरफ करीब 800 लोगों ने शिविर लगाए हुए हैं.
क्या है संकट का कारण
उन्हें मिला कर करीब 4,000 प्रवासी वहां और पास के जंगलों में मौजूद हैं. पोलैंड की विशेष सेवाओं के एक प्रवक्ता ने कहा कि अनुमान है कि बेलारूस में 12,000 तक प्रवासी हो सकते हैं. इन प्रवासियों में से अधिकांश मध्यपूर्व से आए हुए हैं.
पोलैंड के अधिकारियों ने मंगलवार को बेलारूस के साथ लगे एक सीमा पार करने के स्थान को सुबह छह बजे बंद कर दिया. इसी जगह से एक दिन पहले हजारों प्रवासियों ने सीमा पार करने की कोशिश की थी. पोलैंड ने कहा है कि उसने अतिरिक्त सिपाही, बॉर्डर गार्ड और पुलिसकर्मी तैनात किए हैं.
पड़ोसी देश लिथुआनिया ने कहा है कि वो बेलारूस के साथ अपनी सीमा पर आपातकाल लागू कर सकता है. महीनों से यूरोपीय संघ के तीन सदस्य देश पोलैंड, लिथुआनिया और लातविया प्रवासी संकट से जूझ रहे हैं और अब स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गई है.
ईयू के लिए चुनौती
प्रवासियों में से अधिकांश इराक और सीरिया से हैं. कुछ अफ्रीका से भी आए हैं. सबको यूरोप में घुसने के नए प्रवासी मार्ग की तलाश है. अधिकांश लोग पोलैंड से हो कर सिर्फ गुजरना चाहते हैं. उनकी मंजिल है जर्मनी या पश्चिमी यूरोप के दूसरे देश.
पोलैंड को इस संकट का सामना करने में यूरोपीय संघ, उसके सदस्य देशों और अमेरिका से भी समर्थन के प्रबल संदेश मिले हैं.
जर्मनी के निर्गामी गृह मंत्री होर्स्ट सीहोफर ने कहा है कि संघ के सभी सदस्य देशों को "एक साथ खड़ा रहना चाहिए, क्योंकि (बेलारूस के राष्ट्रपति एलेग्जेंडर) लुकाशेंको रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के समर्थन के साथ लोगों की किस्मत का इस्तेमाल कर पश्चिम को अस्थिर करना चाहते हैं."
प्रवासियों को रोकने के अभी तक के पोलैंड के प्रयासों को सही ठहराते हुए उन्होंने यूरोपीय आयोग से पोलैंड की मदद करने की मांग की. उप गृह मंत्री स्टेफान मायेर ने बिल्ड अखबार को बताया कि "अगर पोलैंड चाहे तो उसकी मदद करने के लिए जर्मनी तुरंत पुलिस भेज सकता है."
अभी तक पोलैंड की सरकार ने संघ की सीमा एजेंसी फ्रंटेक्स से मदद लेने से इनकार किया हुआ है. इस संकट पर चर्चा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में संघ के राजदूतों की बैठक होने वाली है.
सीके/एए (रॉयटर्स/एपी)