पाकिस्तान की बाढ़: खुले में सोने को मजबूर लोग
पाकिस्तान दशकों में सबसे खराब बाढ़ से जूझ रहा है. बाढ़ ने देश की 3.3 करोड़ आबादी को प्रभावित किया है. लोगों के पास मूलभूत सुविधाएं तक नहीं हैं.
बाढ़ ने किया विस्थापित
पाकिस्तान में बाढ़ ने दसियों हजार लोगों को विस्थापित कर दिया है. बाढ़ प्रभावित अब अस्थायी शिविरों में रहने को मजबूर हैं.
सर पर छत नहीं
बाढ़ में घर डूब गए हैं या फिर पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं. लोगों को कैंपों में रखा जा रहा है. कुछ ऐसे भी लोग हैं जो खुद से ही इंतजाम कर रह रहे हैं.
खाने का संकट
सिंध प्रांत के सेहवान में बाढ़ पीड़ित भोजन के लिए कतार में खड़े हैं. बाढ़ की वजह से स्कूल भी बंद है.
फसल चौपट
बाढ़ के पानी के कारण खड़ी फसल बर्बाद हो गई है और खेतों में पानी भर जाने से किसान सर्दियों की गेहूं की फसल नहीं उगा पाएंगे, जो देश की खाद्य सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है.
पेयजल का संकट
बाढ़ ने प्रभावित इलाकों में एक और संकट पैदा कर दिया है जो पीने के पानी का है. दूषित पानी पीने की वजह से पेट की बीमारी हो रही है.
30 अरब डॉलर का नुकसान
रिकॉर्ड तोड़ बारिश और उसके बाद आई बाढ़ ने देश में भारी तबाही मचाई. बाढ़ के पानी में मकान तबाह हो गए, गाड़ियां बह गईं, फसलों का नुकसान हुआ और मवेशी मारे गए. अनुमान है कि इससे 30 अरब डॉलर का नुकसान अब तक हो चुका है.
सोने के लिए टेंट नहीं
सबसे प्रभावित प्रांतों में से एक सिंध के मुख्यमंत्री सैयद मुराद अली शाह ने एक बयान में कहा, "पाकिस्तान में उपलब्ध सभी निर्माताओं से हम टेंट खरीद रहे हैं." उन्होंने कहा सिंध में एक तिहाई बेघरों के पास टेंट तक नहीं है.
जानवरों के लिए नहीं बचा चारा
जो किसान अपने खेत और जानवरों को बचाने के लिए अपने गांव से नहीं गए उनके सामने एक और चुनौती खड़ी हो गई है. उनके पास जानवरों को खिलाने के लिए चारा नहीं बचा है.
पाकिस्तान में बाढ़ और जलवायु परिवर्तन
पाकिस्तान की सरकार और संयुक्त राष्ट्र ने जलवायु परिवर्तन को रिकॉर्डतोड़ बारिश और उसके बाद बाढ़ के लिए जिम्मेदार ठहराया है.