बांग्लादेश: हिंदुओं पर हमले की निंदा, विरोध प्रदर्शन
१९ अक्टूबर २०२१सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर इस्लाम के खिलाफ कथित पोस्ट के बाद भड़की हिंसा के विरोध में सोमवार को भी ढाका में विरोध प्रदर्शन जारी रहा. बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के दौरान राजधानी ढाका समेत अन्य शहरों में पूजा पंडालों, मंदिरों और हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा हुई थी.
रविवार को भी हिंदुओं के खिलाफ हिंसा हुई. रविवार की रात हिंदू परिवारों के 26 घर जला दिए गए. हालांकि सरकार ने इससे पहले इस तरह के हमले को लेकर चेतावनी जारी की थी, बावजूद इसके हिंदुओं के घरों को निशाना बनाया गया.
निशाने पर हिंदू
हिंसा के बाद संयुक्त राष्ट्र ने बांग्लादेश सरकार से इसे रोकने के लिए कार्रवाई करने का आग्रह किया है. संयुक्त राष्ट्र ने सोमवार को कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमले उसके संविधान में निहित मूल्यों के खिलाफ हैं. यूएन ने कहा कि प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार को घटनाओं की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने की जरूरत है.
बांग्लादेश में संयुक्त राष्ट्र की रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर मिया सेप्पो ने कहा, "बांग्लादेश में हिंदुओं पर हालिया हमले, सोशल मीडिया पर लगातार किए जा रहे अभद्र भाषा का प्रयोग संविधान के मूल्यों के खिलाफ हैं और इसे रोकने की जरूरत है. हम सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं. हम सभी से समावेशी सहिष्णु बांग्लादेश को मजबूत करने के लिए हाथ मिलाने का आह्वान करते हैं."
इस बीच अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बांग्लादेश में जारी हिंसा पर कहा, "धर्म चुनने की आजादी, मानवाधिकार है. दुनिया का प्रत्येक व्यक्ति, फिर चाहे वह किसी भी धर्म या आस्था को मानने वाला हो, उसका अपने अहम पर्व मनाने के लिए सुरक्षित महसूस करना जरूरी है."
प्रवक्ता ने कहा, "बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के लोगों पर हाल में हुए हमलों की हम निंदा करते हैं."
ढाका में विरोध प्रदर्शन
सोमवार को इस्कॉन इंटरनेशनल के सदस्यों और ढाका यूनिवर्सिटी के हजारों छात्रों और शिक्षकों ने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया और न्याय की मांग की.
13 अक्टूबर से हिंदू मंदिरों पर हमले तेज हो गए हैं. सोशल मीडिया पर अफवाह उड़ी थी कि चिट्टगांव के कोमिला इलाके में पूजा पंडाल में मूर्ति के चरणों में कुरान रखी है. जिसके बाद कई जगह हिंसक घटनाएं हुईं. स्थानीय मीडिया ने बताया कि छह हिंदू अलग-अलग घटनाओं में मारे गए, लेकिन आंकड़ों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी. स्थानीय मीडिया ने हिंसा की कवरेज को कम करके दिखाया. ऐसा माना जा रहा है कि यह सरकार के दबाव में किया गया है.
सोमवार को गृह मंत्रालय ने सात पुलिस अधिकारियों को हिंसा पर काबू पाने में असफल होने पर ट्रांसफर कर दिया है.
एए/वीके (एपी, एएफपी)