पाकिस्तान में आतंक फैलाने के आरोपों को भारत ने नकारा
१६ नवम्बर २०२०पाकिस्तान ने दावा किया था उसके पास भारत के खिलाफ "आतंकी गतिविधियों" में मदद करने के सबूत हैं. उसका दावा था कि भारत इन गतिविधियों के लिए अफगानिस्तान की जमीन इस्तेमाल कर रहा है. और पाकिस्तान के दक्षिण प्रांत बलूचिस्तान में कथित रूप से चीनी हितों को निशाना बना रहा है. दिल्ली और काबुल ने इन आरोपों को नकार दिया है.
भारत और अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालयों ने रविवार को बयान जारी कर पाकिस्तान के उन आरोपों से इनकार किया जिसमें कहा गया था कि दिल्ली आतंकियों की आर्थिक मदद कर रहा है और अफगान जमीन पर उन्हें ट्रेनिंग दे रहा है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री और सेना ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि उसके पास ऐसे सबूत हैं जिन्हें "झुठलाया" नहीं जा सकता है. इस्लामाबाद के मुताबिक सबूत बताते हैं कि भारत उन "आतंकी" गतिविधियों में शामिल है, जिसका मकसद पाकिस्तान को निशाना बनाना है.
पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि वह यह सबूत संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय समुदायों के सामने पेश करेंगे. पाकिस्तान सरकार और सेना का कहना है कि उसने ऐसे दस्तावेज इकट्ठा किए हैं जिनसे पता चलता है कि भारतीय खुफिया एजेंसी ने पाकिस्तान तालिबान और अशांत बलूचिस्तान प्रांत के चरमपंथियों से मुलाकात की और उनकी फंडिंग की. उसका दावा है कि इन चरमपंथियों ने पाकिस्तान के सहयोगी चीन द्वारा बनाए जा रहे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्टस को निशाना बनाया है. पाकिस्तान सेना ने भारत पर 87 ट्रेनिंग कैंप के जरिए "आतंकियों को ट्रेनिंग, शरण देने और पाकिस्तान में उन्हें लॉन्च करने का आरोप लगाया" था. उसके मुताबिक 66 ट्रेनिंग कैंप अफगानिस्तान और 21 भारत में मौजूद हैं. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर लिखा था, "हम उम्मीद करते हैं कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय भारत को आतंकवाद को समाप्त करने के लिए मजबूर करेगा और पाकिस्तान में हजारों निर्दोष लोगों की हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा देगा."
'मनगढ़ंत आरोप'
रविवार को नई दिल्ली ने आरोपों से इनकार कर दिया, उसने आरोपों को मनगढ़ंत और काल्पनिक करार दिया. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, "जानबूझकर किए जा रहे इस तरह के प्रयासों पर कोई भरोसा नहीं करेगा क्योंकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय उसकी चालों से वाकिफ है." उन्होंने आगे कहा, "यह भारत-विरोधी दुष्प्रचार की एक और व्यर्थ कवायद है. भारत के खिलाफ 'सबूत होने' के तथाकथित दावों की कोई प्रामाणिकता नहीं है और ये मनगढ़ंत और काल्पनिक हैं."
अफगान सरकार ने भी पाकिस्तान के आरोपों से इनकार किया है. काबुल ने कहा है कि उसका क्षेत्र पाकिस्तान के खिलाफ आतंकी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल नहीं हो रहा है. अफगानिस्तान सरकार ने एक बयान में कहा, "आतंकवाद के प्रमुख शिकार के रूप में हम दुनिया भर में भेदभाव के बिना आतंकवाद के सभी रूपों का मुकाबला करने की नीति के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम कभी भी अन्य देशों के खिलाफ विनाशकारी गतिविधियों के लिए अफगान क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं होने देंगे."
गौरतलब है कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान अगले हफ्ते अफगानिस्तान दौरे पर जा रहे हैं. प्रधानमंत्री बनने के बाद यह उनका पहला दौरा है. बातचीत मुख्य तौर पर अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया के आसपास होने की उम्मीद है.
एए/ओएसजे (एएफपी, रॉयटर्स)
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