भारत: मोदी पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री "प्रोपेगेंडा"
२० जनवरी २०२३ब्रिटिश संस्थान बीबीसी ने 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' नाम से दो एपिसोड में एक डॉक्यूमेंट्री बनाई है. इस डॉक्यूमेंट्री में प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी और भारत के मुसलमानों के बीच तनाव की बात कही गई है. साथ ही गुजरात दंगों में मोदी की कथित भूमिका और दंगों के दौरान मारे गए हजारों लोगों को लेकर गंभीर आरोप लगाए गए हैं.
गुरुवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिक्रिया दी है. सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की आलोचना करते हुए इसे 'पक्षपातपूर्ण प्रोपेगेंडा' करार दिया है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, "डॉक्यूमेंट्री उस एजेंसी पर प्रतिबिंब है जिसने इसे बनाया है. हमें लगता है कि यह बदनाम करने के लिए डिजाइन किया गया प्रचार का हिस्सा है. पूर्वाग्रह, निष्पक्षता की कमी और निरंतर औपनिवेशिक मानसिकता स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है. इसे भारत में प्रदर्शित नहीं किया गया है."
बागची ने आगे कहा, "मुझे ये साफ करने दीजिए कि हमारी राय में ये एक प्रोपेगेंडा पीस है. इसका मकसद एक तरह के नैरेटिव को पेश करना है जिसे लोग पहले ही खारिज कर चुके हैं. इस डॉक्यूमेंट्री को बनाने वाली एजेंसी और व्यक्ति इसी नैरेटिव को दोबारा चलाना चाह रहे हैं."
बागची ने कहा कि इस तरह की डॉक्यूमेंट्री बनाने पर बीबीसी की मंशा पर सवाल खड़ा होता है. उन्होंने कहा, "हम इसके मकसद और इसके पीछे के एजेंडे पर सोचने को मजबूर हैं."
ब्रिटिश संसद में उठा मुद्दा
बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री का मुद्दा ब्रिटिश संसद में भी उठा. दरअसल ब्रिटिश सांसद इमरान हुसैन ने इस मामले को संसद में उठाया और प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से सवाल किया कि क्या वे कूटनयिकों की इस रिपोर्ट से इत्तेफाक रखते हैं जिसमें नरेंद्र मोदी को गुजरात दंगों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है. इस सवाल के जवाब में सुनक ने कहा, "इस मामले पर ब्रिटिश सरकार की स्थिति स्पष्ट है, जो स्थिति लंबे समय से है वह बदली नहीं है." सुनक ने आगे कहा, "निश्चित रूप से हम उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं करते हैं, चाहे यह कहीं भी हो, लेकिन मैं उस चरित्र-चित्रण से बिल्कुल सहमत नहीं हूं, जो नरेंद्र मोदी को लेकर सामने रखा गया है."
बीबीसी ने एक बयान में कहा है कि डॉक्यूमेंट्री के लिए "गहन रिसर्च" की गई थी, और इसमें मोदी की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लोगों की प्रतिक्रियाओं समेत कई आवाजों और विचारों की "विस्तृत श्रृंखला" शामिल थी. बीबीसी के प्रवक्ता ने कहा, "हमने भारत सरकार को इस डॉक्यूमेंट्री में उठे मुद्दों पर अपना पक्ष रखने का अवसर दिया था लेकिन उसने जवाब देने से इनकार कर दिया."
मोदी को मिल चुकी है क्लीन चिट
साल 2002 में मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, जब वह सांप्रदायिक दंगों की चपेट में आ गया था, दंगों के दौरान 1,000 से अधिक लोग मारे गए थे. उनमें से अधिकांश मुस्लिम थे. हिंदू तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक ट्रेन में आग लगने की घटना के बाद हिंसा भड़क उठी थी. ट्रेन में सवार 59 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी.
पिछले साल जून में सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और कई अन्य लोगों को विशेष जांच दल द्वारा दी गई क्लीन चिट को चुनौती देते हुए कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी की याचिका खारिज कर दी थी.