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भगवद गीता पार्क में कथित तोड़फोड़ पर कनाडा ने क्या कहा

आमिर अंसारी
३ अक्टूबर २०२२

हाल ही में कनाडा में एक पार्क का नाम श्री भगवद गीता के नाम पर रखा गया, लेकिन कथित तौर पर इसमें तोड़फोड़ का आरोप लगाया गया था. कनाडा ने इसका खंडन किया था.

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Kanada Flaggen in Ottawa
तस्वीर: picture alliance/dpa/All Canada Photos

भारत ने कनाडा के ब्रैम्पटन में हाल ही में अनावरण किए गए 'श्री भगवद गीता पार्क' में हुई कथित तोड़फोड़ की घटना की निंदा करते हुए अधिकारियों से इस प्रकरण की जांच करने और "घृणा अपराध" के आरोपियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया था.

लेकिन कनाडा ने इस पर सफाई देते हुए कहा है कि पार्क में केवल रखरखाव और मरम्मत का काम चल रहा था. कनाडा की पुलिस और अन्य क्षेत्रीय अधिकारियों ने यह कहते हुए कथित तोड़फोड़ से इनकार किया है कि स्थायी चिन्ह या पार्क के किसी संरचना में तोड़फोड़ का कोई सबूत नहीं मिला है.

हाल ही में कनाडा में पंजाब से अलग खालिस्तान राज्य के लिए जनमत संग्रह कराया गया था, जिस पर भारत ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की थी. तब से दोनों देश एक-दूसरे के खिलाफ एडवाइजरी जारी करते रहे हैं और इस संदर्भ में यह ताजा घटना है.

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कनाडा ने क्या कहा?

ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन ने कहा कि कनाडा में घृणा अपराध बर्दाश्त नहीं किए जाते हैं. उन्होंने एक ट्वीट में पार्क रखरखाव विभाग द्वारा भेजी गई कुछ तस्वीरें साझा कीं और साफ किया कि पार्क में कोई तोड़फोड़ नहीं हुई है.

अपने ट्वीट में उन्होंने कहा, "श्री भगवद गीता पार्क में तोड़फोड़ की खबरों के बाद हमने इसकी आगे की जांच के लिए त्वरित कार्रवाई की. हमें पता चला है कि खाली साइनबोर्ड को पार्क के बिल्डर द्वारा प्लेसहोल्डर के रूप में तब तक स्थापित किया गया था जब तक स्थायी साइनबोर्ड तैयार नहीं हुआ था."

मेयर ब्राउन ने कहा, "हम इस समुदाय को इस मुद्दे को हमारे ध्यान में लाने के लिए धन्यवाद करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि ब्रैम्पटन न केवल एक सुरक्षित स्थान है, बल्कि सभी समुदायों के लिए भी है."

कुछ दिनों पहले कनाडा के ब्रैम्पटन में एक पार्क का नाम हिंदू पवित्र ग्रंथ श्री भगवद गीता के नाम पर रखा गया था और रविवार को श्री भगवद गीता पार्क में कथित तोड़फोड़ की रिपोर्टें आईं. आरोप लगाया गया कि साइनबोर्ड को खराब करने का प्रयास किया गया.

ओटावा में भारतीय उच्चायोग ने इस खबर पर तेजी से प्रतिक्रिया दी और इसे "घृणा अपराध" कहा और अधिकारियों से "तत्काल कार्रवाई" की मांग की.

यह नई घटना कनाडा और भारत द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ एडवाइजरी जारी करने के कुछ दिनों बाद आई है. इससे पहले भारतीय विदेश मंत्रालय ने 23 सितंबर को भारतीय नागरिकों और छात्रों के लिए एडवाइजरी जारी की थी.

भारत ने एडवाइजरी जारी की थी

विदेश मंत्रालय ने अपनी सलाह में कहा था, "कनाडा में घृणा अपराध, नस्ली हिंसा और भारत विरोधी गतिविधियों से जुड़ी घटनाओं में तीव्र वृद्धि हुई है." बयान में कहा गया विदेश मंत्रालय और कनाडा में उसके उच्चायोग एवं वाणिज्य दूतावासों ने वहां के प्रशासन के समक्ष इन घटनाओं को उठाया है और ऐसे अपराधों की जांच करने एवं उपयुक्त कार्रवाई करने का आग्रह किया है. इन अपराधों को अंजाम देने वालों को कनाडा में अब तक न्याय के समक्ष नहीं लाया गया है.

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इसके जवाब में 27 सितंबर को कनाडा ने भारत की यात्रा करने वाले अपने नागरिकों के लिए यात्रा सलाह को भी अपडेट किया था. जिसमें उसने  गुजरात, राजस्थान और पंजाब जैसे भारतीय राज्यों में पाकिस्तान के साथ लगी सीमा के 10 किलोमीटर के भीतर के क्षेत्रों में अपने नागरिक को यात्रा करने से  बचने को कहा था.

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