रामनवमी पर हिंसा को लेकर ओआईसी के बयान से भारत आहत
५ अप्रैल २०२३भारत ने इस्लामिक देशों के संगठन ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कंट्रीज (ओआईसी) के उस बयान की आलोचना की है, जिसमें ओआईसी ने रामनवमी के दौरान भारत में हुई सांप्रदायिक हिंसा की निंदा की थी. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि ओआईसी का बयान उसके ‘भारत विरोधी एजेंडा' को दिखाता है.
ओआईसी ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा था कि पिछले हफ्ते हुई सांप्रदायिक हिंसा में मुसलमानों को निशाना बनाया गया और भारतीय अधिकारियों को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. रामनवमी के बाद देश के कई हिस्सों में हिंसा हुई थी. पश्चिम बंगाल के हावड़ा में कई वाहनों और दुकानों को जला दिया गया. दो समुदायों ने एक दूसरे पर पथराव भी किया. गुजरात के वडोदरा में भी ऐसी ही घटनाएं हुईं. इन घटनाओं में दो लोगों की मौत की खबर है.
कई जगह हिंसा
अधिकारियों ने हावड़ा में कम से कम 36 लोगों को गिरफ्तार किया है जबकि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में 22 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. 31 मार्च को नालंदा में एक पुस्तकालय को जलाए जाने की घटना के बाद वहां की पुलिस ने 50 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार करने की बात कही है. रविवार को बिहार शरीफ के पुलिस अधीक्षक अशोक मिश्रा ने बताया था कि शनिवार की रात को छापेमारी के बाद 50 से ज्यादा लोग गिरफ्तार किए गए. साथ ही उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है.
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57 सदस्यीय ओआईसी ने एक बयान जारी कर इन घटनाओं की निंदा की. मंगलवार को जारी इस बयान में कहा गया, "ओआईसी सचिवालय हिंसा और तोड़फोड़ की ऐसी भड़काऊ घटनाओं की निंदा करता है, जो भारत में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरतभरी भावनाओं का स्पष्ट प्रदर्शन हैं."
‘भारत-विरोधी एजेंडा'
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस बयान की निंदा करते हुए कहा कि संगठन अपनी भारत विरोधी मानसिकता का परिचय दे रहा है. ट्विटर पर जारी एक बयान में उन्होंने कहा, "यह सांप्रदायिक मानसिकता और भारत-विरोधी एजेंडा की एक और मिसाल है. लगातार भारत-विरोधी ताकतों के हाथों में खेलकर ओआईसी सिर्फ अपनी छवि खराब कर रहा है.”
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ओआईसी ने कहा कि रामनवमी के मौके पर निकाले गए जुलूसों के दौरान मुस्लिम समुदायों को निशाना बनाया गया और 31 मार्च को अतिवादी हिंदू भीड़ ने बिहार शरीफ में एक मदरसे और उसकी लाइब्रेरी को जला दिया. उन्होंने कहा, "ओआईसी सचिवालय मांग करता है कि भारतीय अधिकारी ऐसी गतिविधियों को अंजाम देने वाले दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें और देश में मुस्लिम समुदाय की सुरक्षा, अधिकार और सम्मानजनक जीवन को सुनिश्चित करें.”
यह पहली बार नहीं है जब भारत और ओआईसी के बीच इस तरह की तीखी बयानबाजी हुई है. इस्लामिक देशों का यह संगठन कई बार भारत में मुस्लिम समुदाय की स्थिति पर बयान दे चुका है और बढ़ते कथित इस्लामोफोबिया को लेकर भारत की निंदा कर चुका है.
वीके/एए (रॉयटर्स, एएफपी)