पानी के संकट से जूझते दिल्ली के लोग
३ जून २०२४भीषण गर्मी के बीच भारत की राजधानी दिल्ली में जल संकट गहराता जा रहा है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक दिल्ली के कई इलाकों में जल संकट इतना गहरा गया है कि लोग पानी के लिए कतारों में खड़े हैं. वे टैंकरों द्वारा सप्लाई किए जाने वाले पानी पर निर्भर हैं.
समाचार एजेंसी एएनआई ने मयूर विहार फेज 1 के चिल्ला गांव का एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें दिखाया गया है कि लोग पानी के टैंकर के पास लाइन में खड़े हैं और अपने खाली बर्तन भरने के लिए इंतजार कर रहे हैं.
दिल्ली में जल संकट ने कई इलाकों में रहने वाले लोगों को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिससे उनकी रोजमर्रा की गतिविधियां बाधित हो गई हैं. कई लोगों को अपनी रोज की जरूरतों को पूरा करने के लिए पानी के टैंकरों से प्लास्टिक के कंटेनर या बर्तनों में पानी लाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा.
जरूरत पूरी नहीं हो पा रही
दिल्ली के कई ऐसे इलाके हैं जहां पानी की सप्लाई टैंकरों द्वारा की जा रही है. लेकिन वहां रहने वाले लोगों की शिकायत है कि उन्हें पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है.
लोगों का कहना है कि उन्हें सुबह काम पर जाना होता है और पानी का टैंकर भी सुबह ही आता है, ऐसे में उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों ने दिल्ली सरकार से मांग की है कि टैंकरों से पानी की सप्लाई शाम को भी करनी चाहिए.
दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने मीडिया से कहा, "गर्मी की वजह से पानी की मांग बढ़ गई है और दूसरी तरफ यमुना का जलस्तर कम हो गया है. पिछले साल वजीराबाद तालाब में 674.5 फीट पानी था... इतनी मांग के बावजूद सिर्फ 671 फीट पानी ही छोड़ा गया है. वजीराबाद बैराज में पानी का स्तर कम होने की वजह से सभी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट प्रभावित हो रहे हैं. हमने हरियाणा और यूपी सरकार से और पानी छोड़ने का अनुरोध किया है."
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जल संकट का मामला
दिल्ली में जल संकट को देखते हुए पिछले दिनों राज्य सरकार ने पानी की बर्बादी को रोकने के लिए चालान वसूलने का फैसला किया था. दिल्ली जल बोर्ड ने कहा कि कोई भी व्यक्ति पानी का दुरुपयोग करते हुए पकड़ा जाता है तो उससे 2000 हजार रुपये का चालान वसूला जाएगा. पाइप लगाकर गाड़ी धोना, पानी की टंकी से ओवर फ्लो आदि पर जुर्माना वससूलने का फैसला किया गया है.
इस बीच 31 मई को दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि दिल्ली में हरियाणा, यूपी और हिमाचल प्रदेश से एक महीने के लिए अतिरिक्त पानी मुहैया कराया जाए.
3 जून को इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए अपर यमुना रिवर बोर्ड से सभी हितधारकों (केंद्र, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश) की बैठक बुलाने को कहा है. साथ ही कोर्ट ने कहा है कि मीटिंग में हुई चर्चा और जल संकट को लेकर उठाए गए कदमों की जानकारी उसके सामने 6 जून को पेश करें.
1995 में स्थापित अपर यमुना रिवर बोर्ड एक अंतरराज्यीय निकाय है जो ऊपरी यमुना बेसिन के जल संसाधनों के आवंटन और प्रबंधन को देखने का काम करता है.