बैरिकेड तोड़ दिल्ली में दाखिल हुए किसान, कई जगह हिंसा
२६ जनवरी २०२१पुलिस से इजाजत मिलने के बाद गणतंत्र दिवस के मौके पर किसान तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकाल रहे हैं. किसानों ने इसके लिए पहले से ही पूरी तैयारी कर ली थी. लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने दिल्ली पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स तोड़ दिए और दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह से पहले घुसने की कोशिश की. पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया.
दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसान पिछले 62 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं और इस दौरान उनकी सरकार के साथ कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है. शुक्रवार को किसान संगठनों और सरकार के बीच 11वें दौर की बातचीत हुई थी जो कि बेनतीजा रही. अभूतपूर्व ट्रैक्टर परेड से पहले किसान 8 दिसंबर को भारत बंद कर चुके हैं. किसानों की कोशिश है कि वे किसी तरह से सरकार पर अपना दबाव बना पाए.
दिल्ली पुलिस ने 5,000 ट्रैक्टरों को दिल्ली में दाखिल होने की इजाजत दी थी. पुलिस ने परेड के लिए शर्तें भी लगाई हैं, जिनमें तय रूट पर ट्रैक्टर परेड की इजाजत, भड़काऊ भाषण देने और हथियार रखने की मनाही, 5,000 लोगों को ट्रैक्टर परेड में शामिल होने की छूट, गणतंत्र दिवस परेड के बाद ही ट्रैक्टर परेड की इजाजत आदि शामिल है. हालांकि किसान संगठनों का कहना है कि दो लाख ट्रैक्टर परेड में शामिल होंगे.
दिल्ली से सटे बॉर्डर सिंघु, टीकरी और गाजीपुर पर गणतंत्र दिवस के मौके पर आए हुए कुछ किसानों ने तो तड़के ही अपनी परेड निकाल दी. सुबह से ही बॉर्डर पर बड़ी संख्या में ट्रैक्टर मौजूद थे जो किसानों की ट्रैक्टर परेड में शामिल होने के लिए आए हैं. सभी ट्रैक्टरों पर तिरंगा और किसान संगठनों के झंडे लगे हुए हैं. इस परेड को लेकर युवा किसान ज्यादा उत्साहित है. पुलिस ने सोमवार रात से सीमाओं पर बैरिकेडिंग शुरू कर दी थी.
ट्रैक्टर परेड में शामिल होने के लिए पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले कुछ दिनों से जुट रहे थे. किसान अपने साथ राशन लेकर आए हैं. कड़ाके की सर्दी के बावजूद वे आंदोलन कर रहे हैं और सरकार से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि किसानों का आंदोलन जल्द खत्म होगा, साथ ही उन्होंने कहा है कि किसान किसी और दिन ट्रैक्टर परेड निकालते तो बेहतर होता. उन्होंने कहा है कि सरकार अपनी तरफ से हरसंभव कोशिश कर रही है.
दिल्ली के बॉर्डर पर जो किसान ट्रैक्टर परेड के लिए नहीं पहुंच पाए हैं वे स्थानीय स्तर पर रैली निकाल रहे हैं. राजस्थान, महाराष्ट्र, झारखंड, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब और मध्य प्रदेश में किसान रैली निकाल कर ट्रैक्टर परेड को समर्थन दे रहे हैं.
दिल्ली में दाखिल होने के बाद उग्र किसानों की झड़प पुलिस के साथ हुई है. दिल्ली के आईटीओ पर किसानों के साथ पुलिस की झड़प हुई. कुछ रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि आईटीओ पर एक ट्रैक्टर के पलटने से एक व्यक्ति की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि जब पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया तो किसानों ने पुलिस पर पथराव कर दिया.
दोपहर बाद किसानों का एक जत्था लाल किले की ओर निकल पड़ा. किसान ट्रैक्टर पर सवार होकर लाल किले पर पहंचे और उन्होंने अपने संगठन का झंडा लाल किले की प्राचीर से फहरा दिया. किसान संगठन का झंडा उस जगह पर फहराया गया जहां 15 अगस्त को प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं.
समाचार चैनलों पर लाल किले की तस्वीरें दिखाई गई जिनमें किसान लाल किले की प्राचीर पर अपने संगठन के झंडे के साथ-साथ, हथियार लहराते हुए दिखे. ट्रैक्टर परेड से पहले ही किसान हजारों की संख्या में सुबह से ही बॉर्डर पर जुटने लगे थे, कुछ किसान तो पैदल ही राजधानी में दाखिए हो गए.