उत्तर भारत में भयंकर बारिश ने कर रखा है बेहाल
१४ अगस्त २०२३हिमाचल प्रदेश में बारिश से आई बाढ़ और जमीन खिसकने की घटनाओं में कम से कम 16 जानें गई हैं. एक टीवी चैनल की खबर के मुताबिक सोलन जिले में बादल फटने से चार बच्चों समेत सात लोगों की मौत हुई. शिमला के समर हिल में इतनी ज्यादा बारिश हुई कि खिसकती हुई जमीन ने एक मंदिर को अपनी चपेट में लिया, जिसके ढहने से नौ लोग मारे गए. कई जिलों में लगातार 55 घंटों तक बारिश होने की खबर है. भारतीय मौसम विभाग के आंकड़े बताते हैं कि राज्य के कईं इलाके ऐसे हैं जहां पिछले 24 घंटों के दौरान 273 मिलीमीटर यानी 10.75 इंच बारिश हुई है.
असामान्य बारिश और पिघलते ग्लेशियर बढ़ी वजह हैं जिनके चलते अचानक बाढ़ आने की घटनाएं भारत, पाकिस्तान और नेपाल को परेशान किए हुए हैं. पिछले दो सालों के भीतर यह बहुत ज्यादा हुआ है और सरकार जलवायु परिवर्तन पर दोष मढ़ती है.
राहत कार्य
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखु ने शिमला में भू-स्खलन प्रभावित इलाके का दौरा किया. उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे घरों के अंदर ही रहें और खतरे वाले इलाकों में ना जाएं. सोशल साइट एक्स पर ट्वीट किए गए एक वीडियो में उन्होंने मरने वालों के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा कि स्थानीय प्रशासन राहत कर्मियों के साथ मिलकर मलबे को हटा रहा है ताकि नीचे दबे लोगों को बचाया जा सके.
भारत: कई राज्यों में भारी बारिश, बाढ़ से बुरा हाल
समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने कहा है कि बाढ़ और भूस्खलन से हुई टूट-फूट के बाद फैले मलबे में कम से कम 15 से 20 लोगों के दबे होने की आशंका है. सोलन जिले में तीन लोग लापता हैं जबकि छह अन्य को बचा लिए जाने की रिपोर्ट है. प्रशासन ने स्कूल और कॉलेज बंद रखने का आदेश दिया है. इलाके में 700 से ज्यादा सड़कें बंद कर दी गई हैं.
होती रहेगी बारिश
हिमाचल प्रदेश में फिलहाल बारिश जारी रहने का अनुमान है. रविवार को भारतीय मौसम विभाग ने प्रदेश के विभिन्न इलाकों में भयंकर बारिश की भविष्यवाणी करते हुए रेड अलर्ट जारी किया. यह अनुमान उत्तराखंड के लिए भी है. विभाग का कहना है कि इस तरह की बेहिसाब बारिश के लिए पश्चिमी विक्षोभ जिम्मेदार है. अनुमान है हिमाचल प्रदेश के चंबा, कांगड़ा, हमीरपुर, मंडी, बिलासपुर, सोलन, शिमला, कुल्लू और सिरमौर में बहुत ज्यादा बारिश होगी.
उत्तर भारत के कई राज्यों में भारी बारिश के बाद तबाही
हालांकि हिमाचल के लिए इस तरह का भयंकर मॉनसून नया नहीं है लेकिन अकेले इसी साल, 257 मौतें हो चुकी हैं और करोड़ों रुपए की संपत्ति बर्बाद हुई है. जानकार कहते हैं कि ये तबाही, हिमालयी क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन का असर भी दिखाता है. बढ़ते पारे से ग्लेशियर पिघल रहे हैं मौसम का मिजाज बिगड़ा है.
एसबी/सीके (एपी,एएफपी,रॉयटर्स)