रिपोर्ट: अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों का सबसे बड़ा स्रोत भारत
संयुक्त राष्ट्र की वर्ल्ड माइग्रेशन रिपोर्ट 2024 के मुताबिक भारत अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों का सबसे बड़ा स्रोत देश है. जानिए कितने प्रवासी भारत छोड़ कर गए और कहां कहां गए.
बढ़ता प्रवासन
वर्ल्ड माइग्रेशन रिपोर्ट के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय प्रवासन मानव विकास और आर्थिक वृद्धि का संचालक है और 2022 में दुनिया में अनुमानित 28.10 करोड़ अंतरराष्ट्रीय प्रवासी थे. रिपोर्ट प्रवासन के लिए संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय संस्था (आईओएम) ने जारी की है.
प्रवासियों द्वारा भेजी हुई रकम
रिपोर्ट में दिखाया गया है कि प्रवासियों द्वारा अपने देश वापस भेजी जाने वाली रकम में 2000 से 2022 के बीच में 650 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. 2000 में इस रकम का कुल मूल्य 128 अरब डॉलर था जबकि 2022 में यह रकम बढ़ कर 831 अरब डॉलर हो गई.
कम आय वाले देशों का फायदा
इन 831 अरब डॉलरों में 647 अरब डॉलर प्रवासियों द्वारा कम और मध्यम आय वाले देशों में भेजे गए. आईओएम के मुताबिक यह रकम इस तरह के देशों के सकल घरेलू उत्पाद का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकती है. वैश्विक स्तर पर यह रकम ऐसे देशों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को पीछे छोड़ चुकी है.
प्रवासियों में पुरुष ज्यादा
प्रवासियों में जेंडर गैप पिछले 20 सालों में लगातार बढ़ता ही गया है और इस समय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रवासियों में महिलाओं के मुकाबले पुरुषों की संख्या ज्यादा है. 2000 में अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों में 50.6 प्रतिशत पुरुष थे तो 49.4 प्रतिशत महिलाएं थीं. लेकिन 2020 में पुरुषों का आंकड़ा 51.9 प्रतिशत (14.6 करोड़) पर और महिलाओं का आंकड़ा 48.1 प्रतिशत (13.5 करोड़) पर आ गया.
कहां जाते हैं सबसे ज्यादा प्रवासी
अमेरिका अंतरराष्ट्रीय प्रवासन का सबसे बड़ा गंतव्य देश है. इसके बाद स्थान है जर्मनी, सऊदी अरब, रूस, ब्रिटेन और फिर यूएई का. दिलचस्प बात है कि यूरोपीय देशों, अमेरिका और कनाडा को चुनने वाले प्रवासियों में महिलाओं का प्रतिशत पुरुषों से ज्यादा है.
भारत से सबसे ज्यादा प्रवासन
भारत से सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय प्रवासी अपना देश छोड़ कर दूसरे देश जा रहे हैं. 2022 में भारत से जाने वाले अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों की संख्या करीब 1.70 करोड़ थी. इनमें करीब 60 लाख महिलाएं थीं और बाकी सब पुरुष.
प्रवासन की मजबूरी
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि संघर्ष, हिंसा, आपदा और अन्य वजह से दुनिया भर में विस्थापित लोगों की आबादी 11.70 करोड़ हो गई है, जो आधुनिक युग में सबसे बड़ी संख्या है.