हिंसा प्रभावित मणिपुर की तरफ जा रहे ट्रक भूस्खलन से फंसे
१७ अगस्त २०२३भारत में भूस्खलन के चलते ना सिर्फ हिमाचल प्रदेश में जिंदगी बेहाल है बल्कि इसकी वजह से मणिपुर में भी गंभीर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लंबी दूरी के यातायात पर भी बहुत बुरा असर हुआ है. हिंसा प्रभावित मणिपुर में जरूरी सामान पहुंचाने में मुश्किल हो रही है. राज्य में ईंधन और आवश्यक सामान ले जाने वाले सैकड़ों ट्रक फंस गए हैं. हाल ही में भारी बारिश से आई तबाही में करीब 84 लोगों की मौत भी हो गयी. पुलिस ने कहा कि बुधवार की बारिश के बाद मणिपुर की राजधानी इंफाल के पास एक राजमार्ग के एक हिस्से में चट्टानों और कीचड़ के चलते 400 ट्रक फंस गए. उन्होंने आगे कहा कि लगातार बारिश के कारण सड़क साफ करने के प्रयासों में परेशानी आ रही है.
मणिपुर मई में शुरू हुई घातक जातीय हिंसा के बाद शांति बहाल करने की कोशिश में है. इस हिंसा में करीब 180 लोग मारे गए और हजारों लोगों को अपने घरों को छोड़कर जाना पड़ा.
जलवायु परिवर्तन की खतरनाक मार
उधर हिमाचल प्रदेश में भी भूस्खल से सैंकड़ों इमारतों को नुकसान पहुंचा है और करीब 70 लोगों के मरने की खबर है जबकि 15 लापता हैं. जिनकी तलाश जारी है. राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक भारतीय अखबार को बताया कि विनाश के कारणों में सिर्फ कुदरत ही नहीं बल्कि अंधाधुंध निर्माण और अनुचित संरचनात्मक डिजाइन जिम्मेदार है.
मौसम विभाग का कहना है कि 1 जून से भारी मॉनसूनी बारिश के चलते हिमाचल प्रदेश में सामान्य से 45 फीसदी और उत्तराखंड में 18 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है, जो पिछले महीने काफी मात्रा में हुई थी.जलवायु परिवर्तन के खतरनाक परिणामों में से एक भारी बारिश है. बीते कुछ सालों में हिमालय क्षेत्र में बढ़ते कंस्ट्रक्शन कार्य ने न सिर्फ भारत बल्कि पड़ोसी देश नेपाल और पाकिस्तान में भी अचानक बाढ़ और भूस्खलन से तबाही मचाई.
सैकड़ों जानें गईं
आपदा प्रबंधन अधिकारी प्रवीण भारद्वाज ने कहा कि इस हफ्ते उत्तर-पश्चिमी राज्य हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन के कारण सैकड़ों बिल्डिंग्स ढह गईं.इस दौरान, लगभग 68 लोगों की मौत हो गई और करीब 15 लोग लापता हो गए. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में इस हफ्ते भूस्खलन में कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई और बुधवार तक 15 लोग लापता हैं.
आंकड़ों के अनुसार पिछले महीने हिमाचल प्रदेश में बारिश से संबंधित घटनाओं में करीब 88 लोगों की मौत हुई. जबकि उत्तराखंड में जून से प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुई घटनाओं में 74 लोगों की मौत हो गई.
पीवाई/एसबी (रायटर्स)