चोरी हुआ मोबाइल फोन अब ढूंढना आसान
३१ दिसम्बर २०१९केंद्र सरकार ने एक ऐसा वेब पोर्टल लॉन्च किया है जिसकी मदद से चोरी, गुम या लूटे हुए फोन को ढूंढना आसान हो जाएगा. केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक और सूचना तकनीक मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को www.ceir.gov.in (सीईआईआर डॉट जीओवी डॉट आईएन) नाम के पोर्टल को लॉन्च किया. इस पोर्टल की मदद से उपयोगकर्ता अपने खोए या चोरी हुए मोबाइल फोन को ट्रैक और उसे आसानी से ढूंढ पाएगा. फिलहाल यह सेवा दिल्ली और मुंबई में उपलब्ध होगी और बाद में इसे पूरे देश में लागू करने की योजना है.
केंद्रीय दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि देश की प्रोद्योगिकी और डिजिटल प्रगति को देखते हुए मोबाइल फोन की सुरक्षा जरूरी है. रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट कर बताया कि इस प्रणाली को सेंटर फॉर डिवेलपमेंट ऑफ टेलिमैटिक्स (सीडीओटी) ने तैयार किया है. इस सिस्टम को विकसित करने में दिल्ली पुलिस और डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम ने भी सीडीओटी की मदद की है. यह सिस्टम दिल्ली पुलिस और टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर के साथ मिलकर काम करेगा. दिल्ली-एनसीआर के यूजर इस पोर्टल से अपने खोए और चोरी हुए मोबाइल को बंद कराने के लिए अनुरोध कर सकेंगे. यही नहीं, पोर्टल के जरिए फोन को ढूंढने लायक जानकारियां पुलिस के साथ साझा भी की जा सकेंगी. साथ ही पोर्टल की मदद से बरामद फोन को अनलॉक भी किया जा सकेगा.
कैसे मिलेगा चोरी हुआ मोबाइल
इस पोर्टल के जरिए उपयोगकर्ता अपने खोए या चोरी हुए फोन की शिकायत दर्ज करा पाएगा. हालांकि इससे पहले उपयोगकर्ता को पुलिस के पास भी शिकायत करनी होगी और पोर्टल पर अपनी शिकायत के साथ एफआईआर की कॉपी लगानी होगी, जिसके बाद चोरी या गुम हुए मोबाइल फोन के इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी (आईएमईआई) को ब्लॉक किया जा सकेगा.
वेब पोर्टल पर सारी जानकारी भरने के बाद शिकायतकर्ता को रिक्वेस्ट आईडी मिलेगी, जिसका इस्तेमाल मोबाइल फोन को ट्रैक करने के लिए कर सकते हैं. एक बार फोन दोबारा आपको मिल जाता है तो आप इसी रिक्वेस्ट आईडी से आईएमईआई को अनब्लॉक कर मोबाइल को दोबारा इस्तेमाल में ला सकते हैं.
क्या होता है आईएमईआई और कहां मिलेगा
आईएमईआई नंबर मोबाइल फोन के बॉक्स पर लिखा होता है या फिर फोन के साथ मिले बिल पर भी दर्ज होता है. आईएमईआई ब्लॉक हो जाने के बाद मोबाइल का इस्तेमाल नहीं हो सकता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक केवल दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में हर साल 40 हजार मोबाइल फोन चोरी होते हैं.
कई बार साइबर अपराधी चोरी हुए मोबाइल में आईएमईआई नंबर को दोबारा प्रोग्राम कर देते हैं जिस कारण आईएमईआई की क्लोनिंग होती है. कुछ मामलों में एक आईएमईआई पर एक से ज्यादा मोबाइल फोन मिले हैं. ऐसे में आईएमईआई नंबर ब्लॉक करने पर उसी आईएमईआई वाला दूसरा फोन भी ब्लॉक हो जाता है. नए सिस्टम में एक जैसे आईएमईआई नंबर होने पर भी सिर्फ उसी फोन को ब्लॉक करना संभव होगा, जो चोरी हुआ है या गुम हो गया है.
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