मौका मिला और कमाल हो गया
भारत में हाल ही में महिलाओं की कबड्डी लीग हुई. बॉक्सिंग, निशानेबाजी और क्रिकेट के बाद महिलाओं ने इस खेल में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. लीग ने बताया कि बेटियों को मौका दिया जाए तो वे क्या कर सकती हैं.
टीम का चयन
लीग के जरिये भारतीय कबड्डी टीम चुनी गई. लीग में तीन टीमों ने हिस्सा लिया. राष्ट्रीय टीम के लिए तीनों से उम्दा खिलाड़ी चुने गए.
कबड्डी कबड्डी
कबड्डी खालिस भारतीय खेल है. इसकी शुरुआत भारत में ही हुई. कबड्डी की एक टीम में सात खिलाड़ी होते हैं. एक सांस में कबड्डी कबड्डी कहते हुए दूसरी टीम के खेमे में जाना, वहां ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ियों को छूकर वापस लौटना, ये आसान नहीं होता.
क्या करती है सामने वाली टीम
सामने वाली टीम विपक्षी टीम के कबड्डी कबड्डी कहकर आए खिलाड़ी को दबोचती है. अगर सात खिलाड़ी विपक्षी खिलाड़ी को अपने इलाके में अच्छे से काबू कर लेते हैं तो उन्हें एक अंक मिलता है.
दम चाहिए
कबड्डी का एक गेम 40 मिनट का होता है. इस दौरान एक बार इंटरवल होता है. फुटबॉल और हॉकी की तरह कबड्डी में भी ताकत और चपलता का जबरदस्त संगम चाहिए.
नारी शक्ति
क्रिकेट के दीवाने भारत में दूसरे खेलों की राह आसान नहीं. लेकिन इसके बावजूद एक कबड्डी टीम की कप्तान ममता पुजारी निराश नहीं हैं. कबड्डी को वह महिलाओं खिलाड़ियों के लिए एक बड़ा मौका मानती हैं.
रिकॉर्ड दर्शक
भारत में महिला कबड्डी लीग के पहले दो मैचों को टीवी पर तीन लाख से 80 लाख लोगों ने देखा. स्टार इंडिया चैनल के मुताबिक दर्शकों की इतनी बड़ी संख्या उत्साह बढ़ाने वाली है.