मोदी की फोटो हटवाने के लिए कोर्ट जाना भारी पड़ा
२१ दिसम्बर २०२१केरल के रहने वाले पीटर मयालीपारामपिल को सर्टिफिकेट पर मोदी की तस्वीर होने से आपत्ति थी. पीटर ने इसके खिलाफ केरल हाई कोर्ट में याचिका दायर की. याचिका में पीटर ने कहा कि उन्होंने अपनी वैक्सीन के लिए खुद पैसे खर्च किए हैं और उनके वैक्सीन सर्टिफिकेट पर मोदी की तस्वीर की कोई "उपयोगिता या प्रासंगिकता" नहीं है. याचिकाकर्ता की शिकायत थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद को देश के कोविड टीकाकरण अभियान का चेहरा बनाकर अपना विज्ञापन कर रहे हैं.
दुनिया के अन्य देशों की तरह भारत में भी कोविड वैक्सीन लगवाने वालों को सर्टिफिकेट जारी किया जाता है. इसमें जानकारी दी जाती है कि व्यक्ति ने कब, कहां, किससे और कौन सी वैक्सीन लगवाई है. भारत में जारी होने वाले सर्टिफिकेट के आखिर में एक क्यूआर कोड और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगी होती है.
1 लाख का जुर्माना
कोर्ट को पीटर के तर्क पसंद नहीं आए और याचिका खारिज कर दी गई. केरल हाई कोर्ट ने कहा, यह याचिका राजनीति से प्रेरित लगती है. मामला यही खत्म नहीं हुआ. जज ने याचिका को समय की बर्बादी बताते हुए पीटर पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने आगे कहा, "अगर याचिकाकर्ता अपने प्रधानमंत्री की तस्वीर देखकर शर्मिंदा होता है तो वह वैक्सीन सर्टिफिकेट के निचले हिस्से से नजरें फेर सकता है." पीटर मयालीपारामपिल के वकील ने न्यूज एजेंसी एएफपी से बातचीत में कहा है कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे.
इससे पहले भारत में विपक्षी दल भी मोदी की तस्वीर को वैक्सीन सर्टिफिकेट पर छापने के खिलाफ रोष जता चुके हैं. उनकी मांग रही है अगर वैक्सीन सर्टिफिकेट पर मोदी की तस्वीर लगाई गई है तो कोविड से हुई मौतों के मामलों में मृत्यु प्रमाणपत्र में भी मोदी की फोटो छपनी चाहिए. सरकार का तर्क इस मामले में कुछ अलग है. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की राज्यमंत्री भारती पवार ने 10 अगस्त 2020 को राज्य सभा में कहा था कि मोदी की तस्वीर लगाने से जागरुकता बढ़ेगी.
भारत में कोविड के मामलों में फिलहाल कमी देखी जा रही है. सरकार के मुताबिक, भारत में 1 अरब से ज्यादा कोविड वैक्सीन डोज लगाई जा चुकी हैं. 1 अरब डोज का लक्ष्य पूरा होने पर प्रधानमंत्री मोदी को बधाई देते कई बिलबोर्ड देशभर में लगाए गए हैं. भारत में अब तक आधिकारिक तौर पर कोरोना से 4 लाख 77 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. दुनिया भर में भारत से ज्यादा मौतें सिर्फ अमेरिका और ब्राजील में हुई हैं.
आरएस, एसएम/आरपी (एएफपी)