राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया महिला सशक्तिकरण का आह्वान
१४ अगस्त २०२३राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि जाति, संप्रदाय, भाषा और क्षेत्र के अलावा, हमारी पहचान परिवार और काम से भी जुड़ी है. लेकिन इस सबसे ऊपर है भारत के नागिरक के तौर पर हमारी पहचान. अपने भाषण में मुर्मू ने देश और दुनिया के भीतर हो रहे बदलावों का जिक्र किया और समाज में समानता और एकता की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने भारत की वैश्विक भूमिका पर जोर देते हुए सामाजिक आर्थिक विकास की राह पर आगे बढ़ने की जरूरत के साथ पर्यावरण की सुरक्षा की भी अपील की. उनके भाषण के कुछ खास अंश यूं रहेः
महिला सशक्तिकरण
राष्ट्रपति ने कहा कि सरोजिनी नायडू, अम्मु स्वामीनाथन, रमा देवी, अरुणा आसफ अली, सुचेता कृपलानी जैसी महिलाओं ने ऐसे आदर्श स्थापित किए हैं जो महिलाओं की सभी पीढ़ियों को प्रेरित करते हैं कि वह आत्मविश्वास के साथ देश और समाज की सेवा कर सकें. आज महिलाएं देश के विकास और सेवा में जबरदस्त योगदान दे रही हैं और राष्ट्र का गौरव बढ़ा रही हैं. आज महिलाओं की ऐसे बहुत सारे क्षेत्रों में हिस्सेदारी है जिसके बारे में कुछ दशक पहले सोचा भी नहीं जा सकता था. उन्होंने देशवासियों से महिला सशिक्तकरण को प्राथमिकता दने की अपील की. साथ ही महिलाओं से कहा कि वह सारी चुनौतियों का सामना करते हुए बहादुरी से आगे बढ़ती रहें.
भारत की अहम भूमिका
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत पूरी दुनिया में विकास और मानवीय सहयोग के लक्ष्य को पूरा करने में अहम भूमिका निभाता है. भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मुख्य भूमिका हासिल की है और जी20 देशों की अध्यक्षता की जिम्मेदारी संभाली है. यह गुट दुनिया की दो-तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करता है इसलिए भारत के लिए यह खास मौका है कि वह वैश्विक प्राथमिकताओं को उचित दिशा देने में अपनी भूमिका निभा सके.
किसानों के योगदान की सराहना
मुर्मू ने किसानों के योगदान को याद करते हुए कहा कि देश ने चुनौतियों को अवसरों में बदला है और जीडीपी विकास दर को ऊंचाइयों पर पहुंचाया है. किसान अन्नदाता हैं जिन्होंने आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण किरदार निभाया है. देश उनका कर्जदार है. उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने ना सिर्फ मुश्किल समय में धैर्य दिखाया है बल्कि दूसरों के लिए उम्मीद की किरण भी दिखाई है.
आदिवासियों से अपील
राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि देश की नीतियों के केंद्र में जरूरतमंद लोग हैं. इसका नतीजा यह है कि पिछले दशक में बढ़ी संख्या में लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में सफलता मिली है. आदिवासियों की स्थिति सुधारने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं ताकि उन्हें विकास यात्रा में शामिल किया जा सके. इस मौके पर राष्ट्रपति ने आदिवासियों से अपील की कि वे अपनी परंपराओं को समृद्ध करते हुए आधुनिकता अपनाएं.
अंतरिक्ष अभियानों की चर्चा
इसरो के चंद्रयान मिशन की सफलता को बड़ी उपलब्धि बताते हुए मुर्मू ने कहा कि देश में अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की नींव रखी जा रही है जिसकी लागत 50,000 करोड़ से ऊपर है. यह फाउंडेशन कॉलेज, यूनिवर्सिटी और रिसर्च सेंटरों में शोध को आगे बढ़ाने में मदद करेगी. लेकिन उपलब्धियों के बीच राष्ट्रपति मुर्मू ने जोर देकर कहा कि जलवायु परिवर्तन की तरफ तुरंत ध्यान देना बहुत जरूरी है. पर्यावरण के हित में स्थानीय, राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर प्रयास करना ही होगा.