दान में कितना धन देते हैं भारतीय
2020 से 2021 के बीच भारत में लोगों ने 23,700 करोड़ रुपये नकद दान में दे दिए. दान को लेकर किए गए एक नए सर्वेक्षण में ऐसे कई दिलचस्प तथ्य सामने आए हैं.
23,700 करोड़ रुपये नकद
अक्टूबर 2020 से सितंबर 2021 के बीच भारत में लोगों ने 23,700 करोड़ रुपये नकद दान में दे दिए. अशोका विश्वविद्यालय के एक सर्वेक्षण "हाउ इंडिया गिव्स 2020-21" में यह आंकड़ा सामने आया. सर्वेक्षण में 18 राज्यों के 81,000 परिवारों को शामिल किया गया.
बहुत हैं दान देने वाले
सर्वेक्षण में शामिल होने वाले परिवारों में से 87 प्रतिशत परिवारों ने इस अवधि में कहीं न कहीं या किसी न किसी को कुछ धनराशि दान में जरूर दी. साथ ही, दान देने वाले लगभग सभी आय वर्गों में देखे गए, चाहे वो अमीर हों, मध्यम वर्गीय हों या आर्थिक रूप से कमजोर हों.
ज्यादातर दान नकद में
धार्मिक संगठन, गैर-धार्मिक संगठन, भिखारियों, दोस्तों और रिश्तेदारों को भी दान दिया गया. अधिकांश दान (56 प्रतिशत) नकद में दिया गया, सात प्रतिशत सामान के रूप में दिया गया और 37 प्रतिशत दान दोनों को मिला कर दिया गया. नकद के बाद, चेक या कार्ड की जगह डिजिटल वॉलेटों को ज्यादा इस्तेमाल किया गया.
धार्मिक संगठनों को वरीयता
सर्वेक्षण में यह भी पता चला कि इस धनराशि में से करीब 16,600 करोड़ रुपये, यानी 70 प्रतिशत हिस्सा, धार्मिक संगठनों को दिया गया. धार्मिक संगठनों के बाद स्थान रहा भिखारियों का, जिन्हें दान में दी गई राशि का कुल 12 प्रतिशत मिला.
गांव, शहर में अंतर
कुल मिला कर तो गांवों और शहरों में एक जैसी दान की आदतें देखी गईं, लेकिन ग्रामीण इलाकों में धार्मिक संगठनों और भिखारियों को ज्यादा परिवारों ने दान दिया. शहरों में ज्यादा परिवारों ने गैर-धार्मिक संगठनों और दोस्तों, रिश्तेदारों को दान दिया.
प्रांतों में भी फर्क
देश के पूर्वी और उत्तरी इलाकों में दान देने के चलन का प्रचलन ज्यादा पाया गया. इन प्रांतों में पाया गया कि 10 में से नौ परिवारों ने इस अवधि में कम से कम एक बार दान जरूर दिया.
क्यों देते हैं दान
धार्मिक मान्यताओं, आर्थिक तनाव से गुजर रहे लोगों की मदद करने की जरूरत और इच्छा और परिवार में दान देने की परंपरा को दान देने के लिए तीन सबसे महत्वपूर्ण कारण माना गया.
क्यों नहीं देते हैं दान
जिन परिवारों ने इस अवधि में एक बार भी दान नहीं दिया, उनमें से 37 प्रतिशत परिवारों ने कहा कि उनके पास दान देने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं थे. वहीं, इनमें से 31 प्रतिशत परिवारों ने कहा कि उन्होंने दान इसलिए नहीं दिया क्योंकि कोई उनके पास दान मांगने के लिए आया ही नहीं.