ईरान में दूसरे प्रदर्शनकारी को सरेआम फांसी
१२ दिसम्बर २०२२सोमवार को ईरानी समाचार एजेंसी मीजान ने खबर दी है, "माजिद रेजा राहनावर्द को सार्वजनिक रूप से (पवित्र शहर) माशाद में आज सुबह फांसी दी गई...उसे सुरक्षा बलों के दो सदस्यों की चाकू मार कर हत्या करने के बाद 'अल्लाह के खिलाफ जंग छेड़ने' के लिए मौत की सजा दी गई है."
ईरान की अर्द्धसरकारी समाचार एजेंसी फार्स ने खबर दी है कि राहनावर्द ने बासिज वॉलंटियर फोर्स के दो सदस्यों को मारा था और चार दूसरे लोगों को घायल किया था. बासिज फोर्स रेवॉल्यूशनरी गार्ड्स से जुड़ा हुआ है और विरोध प्रदर्शनों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई में सबसे आगे है.
"आपराधिक कार्रवाई"
सामाजिक कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर 23 साल के राहनावर्द की फांसी की आलोचना कर रहे हैं. उनका कहना है कि देश के मुल्लाओं ने विरोध दबाने के लिए "आपराधिक कार्रवाई" की है.
1500Tasvir ट्विटर हैंडल से एक विख्यात सामाजिक कार्यकर्ता ने ट्वीट किया है, "उन्होंने राहनावर्द के परिवार को सुबह सात बजे फोन किया और उन्हें बेहेस्ते रेजा कब्रगाह जाने को कहा. उन्होंने कहा, "हमने तुम्हारे बच्चे को मौत की सजा दी है और उसे दफना दिया है." हालांकि इस ट्वीट में दी गई जानकारी की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है.
इससे पहले गुरुवार को ईरान ने मोहसेन शेकरी को फांसी की सजा दी थी. शेकरी को एक सिक्योरिटी गार्ड को चाकू से घायल करने और तेहरान की एक सड़क को ब्लॉक करने का दोषी माना गया था. पिछले दिनों हुई हजारों गिरफ्तारियों में यह पहली मौत की सजा थी. पश्चिमी देश पहले से ही प्रदर्शनकारियों पर की जा रही ईरान की कार्रवाई की निंदा कर रहे हैं.
मानवाधिकार गुटों का कहना है कि शेकरी का उत्पीड़न किया गया और उसे जुर्म कबूलने के लिए मजबूर किया गया. सुन्नी मौलाना मौलवी अब्दोलहमीद का कहना है कि शेकरी को मौत की सजा में शरिया कानून का उल्लंघन हुआ है.
राहनावर्द का वीडियो
सरकारी मीडिया में एक वीडियो दिखाया जा रहा है जिसमें राहनावर्द बताये जा रहे एक शख्स को मोटरसाइकिल पर गिरते एक शख्स को चाकू मारते देखा जा सकता है. चाकू मारने वाला इसके बाद दूसरे शख्स को भी चाकू मारता है और फिर भाग जाता है.
ईरान की सरकारी मीडिया में दिखाये जा रहे एक और वीडियो में राहनावर्द को अदालत में यह कहते देखा जा सकता है कि सोशल मीडिया पर डाले गए वीडियो में प्रदर्शनकारियों को पीटते और मारते देखने के बाद वह बासिज फोर्सेज से नफरत करता है.
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार तीन कलाकारों को विरोध प्रदर्शन के समर्थन में वीडियो जारी करने के लिए गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन बाद में जमानत पर छोड़ दिया गया. थियेटर निर्देशक हमीद पुरासारी और अभिनेत्री सोहैला गोलेस्तानी और फेजेह आइन को रविवार शाम को रिहा किया गया.
मानवाधिकार संगठनों के अनुसार पुरासारी और गोलेस्तानी को नवंबर में ही वीडियो के जारी होने के बाद गिरफ्तार किया गया था. इस वीडियो में ईरानी फिल्म और थियेटर से जुड़े 10 महिलाओं और छह पुरुषों को देखा जा सकता है जो बदल बदल कर कैमरे पर खामोश दिख रहे हैं. वीडियो में किसी महिला ने स्कार्फ नहीं पहन रखा था.
मानवाधिकार एजेंसी एमनेस्टी इंटरनेशनल का कहना है कि ईरानी अधिकारी कम से कम 21 लोगों के लिए मौत की सजा की मांग कर रहे हैं. एजेंसी ने प्रदर्शनकारियों पर चल रहे मुकदमों को "ढकोसला बताया है जो ईरान को हिलाने वाले विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों का दमन करने के लिए चलाये जा रहा हैं."
यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के विदेश मंत्री सोमवार को ब्रसेल्स में अपनी बैठक में ईरान के खिलाफ और प्रतिबंध लगाने पर चर्चा कर रहे हैं. कुल मिलाकर 30 अन्य अधिकारियों और संस्थानों पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे. उनकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी और यात्राओं पर रोक लगा दी जाएगी. यूरोपीय संघ ईरान पर मानवाधिकारों के हनन और रूस को ड्रोन देने का आरोप लगा रहा है.
हिरासत में मौत
22 साल की महसा अमीनी की मोरेलिटी पुलिस की हिरासत में मौत के बाद पूरे ईरान में शुरू हुए विरोध प्रदर्शन का तीसरा महीने चल रहा है. विरोध प्रदर्शन ईरान के सभी तबके के नाराज लोगों के लिए सरकार विरोधी मुहिम बन गई है. सरकार 1979 की क्रांति के बाद संभवतया पहली बार अपने खिलाफ इतने बड़े विरोध का सामना कर रही है. विरोध प्रदर्शनों के बीच ही मोरैलिटी पुलिस को भंग करने की भी घोषणा की गई है.
मानवाधिकार संगठन एचआइएनए का कहना है कि रविवार तक 488 प्रदर्शनकारी मारे जा चुके हैं जिनमें 68 बच्चे हैं. सुरक्षा बलों के 62 सदस्यों की भी मौत हुई है जबकि 18,259 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
इस बीच संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि विरोध प्रदर्शनों में 300 लोगों की मौत हुई है जबकि ईरान की सरकारी सुरक्षा एजेंसी ने सुरक्षा बलों समेत 200 लोगों के मौत की बात कही है.
एनआर/एमजे (रॉयटर्स)