ईरानः क्या साइबर हमले के कारण परमाणु केंद्र को हुआ नुकसान?
६ जुलाई २०२०ईरान के भूमिगत नतांज परमाणु केंद्र में लगी आग के कारण काफी नुकसान हुआ है. अधिकारियों का कहना है कि आग की वजह से एडवांस सेंट्रीफ्यूज के विकास की रफ्तार धीमी पड़ सकती है, जिसका इस्तेमाल यूरेनियम को संवर्धित करने के लिए किया जाता है. ईरान की शीर्ष सुरक्षा संस्था ने बीते शुक्रवार को कहा था कि परमाणु केंद्र में लगी आग का कारण पता चल गया है लेकिन इसकी घोषणा बाद में की जाएगी. कुछ ईरानी अधिकारियों का कहना है कि यह साइबर हमला हो सकता है और साथ ही चेतावनी दी कि तेहरान ऐसा करने वाले किसी भी देश के खिलाफ बदले की कार्रवाई करेगा.
गुरुवार 2 जुलाई को ईरान की न्यूज एजेंसी आईआरएनए में रिपोर्ट छपी थी, जिसमें लिखा था कि यह संभव है कि दुश्मन देश इस्राएल या अमेरिका ने नुकसान पहुंचाया हो हालांकि रिपोर्ट में सीधे-सीधे तौर पर आरोप नहीं लगाया गया था.
इस्राएल के रक्षा मंत्री ने कहा है कि यह "जरूरी" नहीं कि ईरान में होने वाली हर रहस्यमय घटना के पीछे उसका हाथ हो. नाम ना बताने की शर्त पर समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बात करने वाले तीन ईरानी अधिकारियों ने कहा कि उन्हें लगता है आग की वजह साइबर हमला है. हालांकि इस दावे के लिए उन्होंने कोई सबूत नहीं पेश किए. आईआरएनए से ईरान की परमाणु एजेंसी के प्रवक्ता बेहरूज कमलवंदी ने कहा, "हादसे के कारण उन्नत सेंट्रीफ्यूज के विकास और उत्पादन में देरी हो सकती है." उन्होंने कहा कि ईरान क्षतिग्रस्त इमारत को बड़ी इमारत से बदल देगा जहां और उन्नत उपकरण उपलब्ध होंगे.
रविवार को ही ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के जलसेना प्रमुख ने कहा था कि तेहरान ने खाड़ी के तट पर भूमिगत "मिसाइल शहर" विकसित किए हैं साथ ही उन्होंने ईरान के दुश्मनों के लिए "बुरे सपने" की चेतावनी तक दे डाली थी. ईरानी अधिकारियों का कहना है कि ऐसे स्थल ईरान के हर प्रांत में मौजूद हैं लेकिन उन्होंने अब तक इस तरह के तीन अड्डों के बारे में ही बताया है और यह खुलासा नहीं किया है कि वह तट के करीब बनाए गए हैं.
ईरान के संवर्धन कार्यक्रम का नतांज केंद्र बिंदु है. तेहरान का कहना है कि वह इसका इस्तेमाल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए कर रहा है. पश्चिमी खुफिया एजेंसी और यूएन की परमाणु निगरानी संस्था आईएईए को लगता है कि वह गुपचुप तरीके से परमाणु हथियार बनाने में जुटा हुआ है, जिसे उसने 2001 में रोक दिया था. तेहरान परमाणु हथियार बनाने से इनकार करता आया है. 2015 में अमेरिका समेत छह देशों के साथ ईरान ने जो करार किया था उसमें यूरेनियम संवर्धन के स्तर की एक सीमा तय की गई थी.
अमेरिका पिछले साल इस समझौते से बाहर हो गया और उसने ईरान पर भारी प्रतिबंध लगा दिए. लेकिन ईरान ने धीरे-धीरे समझौते के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं को कम कर दिया. प्रतिबंध के कारण ईरान की अर्थव्यवस्था पर तेज असर हुआ और वह पस्त होती चली गई. समझौते के मुताबिक ईरान को सिर्फ नतांज केंद्र में यूरेनियम के संवर्धन की इजाजत है जबकि ईरान ने वहां पर उन्नत किस्म के सेंट्रीफ्यूज लगा लिए हैं.
दूसरी ओर ईरान का कहना है कि जब तक प्रतिबंध लागू हैं वह बातचीत नहीं करेगा. साथ ही वह पश्चिमी देशों की आलोचना के बावजूद कहता आया है कि वह रक्षात्मक मिसाइल क्षमता को बढ़ाता रहेगा. साल 2010 में स्टक्सनेट कंप्यूटर वायरस, जिसे माना जाता है कि अमेरिका और इस्राएल द्वारा विकसित किया गया था, उसे नतांज पर हमले के लिए इस्तेमाल के बाद बरामद किया गया था.
एए/सीके (रॉयटर्स, एएफपी)
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